माँ कात्यायनी: शक्ति की देवी, जय माता कात्यायनी! - Goddess Katyayani, the embodiment of power, victory to Mother Katyayani!

माँ कात्यायनी: शक्ति की देवी, जय माता कात्यायनी!

माँ कात्यायनी, हिन्दू धर्म की पवित्र देवी, शक्ति की अवतार हैं। वे दुर्गा के छठे रूप के रूप में पूजी जाती हैं और उनका रूप एक वीरांगना के रूप में चित्रित होता है, जो सिंह पर सवार होती हैं। माँ कात्यायनी की पूजा का उद्देश्य भक्तों को शक्ति, शांति और समृद्धि प्रदान करना है। इस ब्लॉग में हम माँ कात्यायनी की महिमा, उनकी स्तुति, कवच और प्रभावशाली शायरी पर चर्चा करेंगे।

माँ कात्यायनी की महिमा

माँ कात्यायनी देवी का स्वरूप अत्यंत दिव्य और तेजस्वी है। वे महिषासुर जैसे दुष्ट राक्षसों का संहार करने के लिए विख्यात हैं। माँ कात्यायनी के चार हाथ होते हैं, जिनमें से एक हाथ में कमल का फूल और दूसरे में तलवार होती है। उनके अन्य दो हाथ अभय और वरद मुद्रा में होते हैं, जो सभी भक्तों को सुरक्षा और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। माँ कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों की सभी कठिनाइयाँ दूर होती हैं और उन्हें सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।

माँ कात्यायनी की स्तुति

स्तोत्र: कञ्चनाभां वराभयं पद्मधरा मुकटोज्जवलां।
स्मेरमुखी शिवपत्नी कात्यायनेसुते नमोऽस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालङ्कार भूषिताम्।
सिंहस्थिताम् पद्महस्तां कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
परमानन्दमयी देवी परब्रह्म परमात्मा।
परमशक्ति, परमभक्ति, कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
विश्वकर्ती, विश्वभर्ती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता।
विश्वाचिन्ता, विश्वातीता कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
कां बीजा, कां जपानन्दकां बीज जप तोषिते।
कां कां बीज जपदासक्ताकां कां सन्तुता॥
कांकारहर्षिणीकां धनदाधनमासना।
कां बीज जपकारिणीकां बीज तप मानसा॥
कां कारिणी कां मन्त्रपूजिताकां बीज धारिणी।
कां कीं कूंकै क: ठ: छ: स्वाहारूपिणी॥

माँ कात्यायनी का कवच

कवच: कात्यायनौमुख पातु कां स्वाहास्वरूपिणी।
ललाटे विजया पातु मालिनी नित्य सुन्दरी॥
कल्याणी हृदयम् पातु जया भगमालिनी॥

माँ कात्यायनी पर शायरी

  1. माँ कात्यायनी, शक्ति की देवी, सिंह पर सवार, तू भवानी। तेरे चरणों में है सबका ध्यान, शक्ति की देवी, तू है महान।

  2. जय माता कात्यायनी, जय माँ की महिमा, तेरे बिना अधूरी है ये सृष्टि की रचना। सिंह पर सवार, तू महाक्रांति, दुष्टों का संहार, तू है शक्ति की गान।

  3. माँ कात्यायनी, वीरों की माँ, सिंह सवार, हर संकट हरणा। तेरा तेज जग में फैला, महिषासुर को किया तूने ढेर सारा।

स्टेटस

  1. “माँ कात्यायनी, शक्ति की देवी, तू है हर संकट का नाशक। तेरे चरणों में हर दिल को मिलती है शांति और हर पथिक को पहचान। जय माँ कात्यायनी!”

  2. “जय माता कात्यायनी! तेरे बिना अधूरी है ये सृष्टि, तू है महाक्रांति की प्रतीक और भक्तों की संजीवनी। तेरे आशीर्वाद से हर कठिनाई होती है दूर।”

  3. “माँ कात्यायनी, वीरों की माँ, सिंह पर सवार, तू है शक्ति का अनंत अवतार। तेरे दर्शन से मिलता है आत्मविश्वास और जीवन में हर दिन नई उमंग।”

  4. “माँ कात्यायनी की महिमा अपार है। तेरे आशीर्वाद से हर कठिनाई होती है समाप्त और हर दिल में जलती है अमर ज्योति। तेरे बिना जीवन अधूरा लगता है।”

  5. “जय माँ कात्यायनी! तेरे चरणों में है संजीवनी शक्ति, तेरे बिना हर राह लगती है कठिन। तेरे आशीर्वाद से हर दिल में बसती है सुख और समृद्धि।”

माँ कात्यायनी की महिमा को जानना और समझना हमें जीवन में शक्ति और समृद्धि की ओर अग्रसर करता है। उनके आशीर्वाद से हर बाधा और संकट से मुक्ति मिलती है। उनके प्रति भक्ति और श्रद्धा हमारे जीवन को शुभ और समृद्ध बनाती है। जय माता कात्यायनी!

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