मां कालरात्रि की शायरी: आशीर्वाद और भक्ति
शायरी 1
जब रात का अंधेरा छाए,
मां कालरात्रि की कृपा से,
संकटों का नाश हो जाए,
हर दिल में महक उठे,
आसमान में चाँद की चमक से।
शायरी 2
मां कालरात्रि का आशीर्वाद हो,
संकट से हर एक की रक्षा हो।
तू हर दिल की पुकार हो,
तेरी भक्ति में ही सबकी खुशियाँ हों।
शायरी 3
काली रात में छाई रौशनी,
मां कालरात्रि की भक्ति से सजी।
हर दुख-दर्द मिटा दो तुम,
खुशियों से भर दो जीवन, यह प्रार्थना है मेरी।
शायरी 4
जो मां कालरात्रि के दर पर आता है,
हर संकट से वह सदा बच जाता है।
तुमसे है विश्वास, तुमसे है आस,
तेरे चरणों में ही तो है सारा एहसास।
शायरी 5
भक्ति की जो हर लहर में बहता है,
मां कालरात्रि का वह सच्चा भक्त है।
संकट आए या हो कष्ट भारी,
तुम हो मां, तुमसे सबका नाता प्यारा।
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