मां कालरात्रि की पूजा विधि और महत्व: पटना के इस काली मंदिर में कैसे होती है पूजा - Worship method and significance of Mother Kalaratri: How is worship performed at this Kali temple in Patna?

1)Google News यहाँ क्लिक करें 2) Join Update WathsApp चैनल से जुड़े

मां कालरात्रि की पूजा विधि और महत्व: पटना के इस काली मंदिर में कैसे होती है पूजा

शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की विशेष पूजा की जाती है। यह दिन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन मां कालरात्रि का पूजन करने से भक्तों को जीवन में आने वाली सभी नकारात्मक शक्तियों और भय से मुक्ति मिलती है। पटना के दरभंगा हाउस स्थित काली मंदिर में मां कालरात्रि की विधिवत पूजा होती है, जो इस मंदिर की अनोखी और विशेष परंपरा का हिस्सा है।

पटना का ऐतिहासिक काली मंदिर

पटना के दरभंगा हाउस परिसर में स्थित काली मंदिर लगभग 160 साल पुराना है। यहां स्थित मां काली की प्रतिमा दक्षिण मुखी है और काले संगमरमर से बनी है। इस मंदिर की स्थापना दरभंगा के महाराजाधिराज सर रामेश्वर सिंह ने की थी। प्रारंभ में, इस मंदिर में केवल महाराज परिवार के लोग ही पूजा करते थे, लेकिन जब महाराज ने पटना विश्वविद्यालय को यह परिसर दान दिया, तब से यहां आम भक्त भी पूजा करने लगे। आज यहां हर दिन सैकड़ों भक्त अपनी मुराद लेकर आते हैं।

मां कालरात्रि का स्वरूप

मां कालरात्रि का स्वरूप भय और संकटों का नाश करने वाला है। उनके इस रूप में देवी ने रक्तबीज नामक असुर का वध किया था। उनकी पूजा से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है। इसलिए माता का एक नाम शुभंकरी भी है।

पूजा विधि

मां कालरात्रि की पूजा तांत्रिक विधि से होती है। शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन, स्नान के बाद भक्त व्रत और पूजन का संकल्प लेकर मां की पूजा शुरू करते हैं। पूजा की विधि निम्नलिखित है:

  1. स्नान के बाद मां कालरात्रि का संकल्प लें।
  2. पूजा में मां को जल, फूल, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, कुमकुम, सिंदूर, और फल अर्पित करें।
  3. मां कालरात्रि को लाल फूल चढ़ाएं, क्योंकि यह उनका प्रिय रंग है।
  4. गुड़ का भोग लगाएं। गुड़ मां कालरात्रि को अति प्रिय है और इससे वे प्रसन्न होती हैं।
  5. पूजा के दौरान मंत्रों का उच्चारण करें:
    "ज्वाला कराल अति उग्रम शेषा सुर सूदनम।
    त्रिशूलम पातु नो भीते भद्रकाली नमोस्तुते।।"
  6. पूजा के बाद मां कालरात्रि की कथा का पाठ करें।
  7. अंत में आरती के साथ पूजा का समापन करें और अपनी मनोकामनाएं मां से व्यक्त करें।

मां कालरात्रि पूजा का महत्व

  • मां कालरात्रि शुभ फल देने वाली देवी हैं।
  • मां कालरात्रि से काल भी भयभीत रहता है।
  • मां की पूजा से भक्तों को भय और संकटों से मुक्ति मिलती है।
  • मां कालरात्रि अकाल मृत्यु से रक्षा करती हैं।
  • शत्रुओं के दमन के लिए भी मां की विशेष पूजा की जाती है।

पटना के काली मंदिर की खासियत

पटना के दरभंगा हाउस स्थित इस काली मंदिर में मां कालरात्रि की तांत्रिक विधि से पूजा की जाती है। यहां पूजा करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। मां कालरात्रि की पूजा करने वाले भक्तों का मानना है कि यहां की पूजा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें जीवन में कभी अकाल मृत्यु का सामना नहीं करना पड़ता।

इस मंदिर में हर नवरात्रि के दौरान हजारों भक्त मां के आशीर्वाद के लिए आते हैं, और इस ऐतिहासिक स्थान की धार्मिक महत्ता और भी बढ़ जाती है।

टिप्पणियाँ