किनगोड का काँडा बल: उत्तराखंड की लोक कविता का अनमोल रंग
किनगोड़: शुगर की रामबाण दवा
उत्तराखंड के जंगलों में
है एक अनमोल रत्न,
किनगोड़ नाम का जड़ी-बूटी
स्वास्थ्य का रखता है धन।
शुगर जैसी भयंकर बीमारी,
इससे जड़ से दूर हो जाती,
जड़ों को पानी में भिगोकर पीने से
जीवन में फिर से मिठास आती।
पीलिया के रोगियों के लिए
ये वरदान का काम करे,
रोज सुबह इसका पानी पीने से
स्वास्थ्य फिर से संग चले।
मूत्र रोग से निजात दिलाए
इसके फल का अद्भुत स्वाद,
विटामिन सी से भरपूर ये फल
चमकाए त्वचा का हुलास।
बरबरीस एरिसटाटा नाम से
है वानस्पतिक पहचाना,
बरबरिन रसायन की ताकत से
पीला रंग इसमें है समाना।
होम्योपैथी में बरबरिस नाम
से दवा बनाई जाती,
अल्कोहल ड्रिंक से कपड़ों के रंग में
भी इसका असर छाई जाती।
उत्तराखंड-हिमाचल के पहाड़ों में
ये जीवन का उपहार,
किनगोड़ का स्वाद और गुण
सचमुच है अनमोल व्यापार।
किनगोड का काँडा
किनगोड का काँडा
हिसर पाकि सारयुँ मा
किनगोड पाकिके डाँडा
ब्वारी खैनी फेसबुक
सासु मठैणी भाँण्डा
ऊबरा सियो सोरु
ब्वारीकु डिस्को चनुचा पाँण्डा
एकु नोच किनगोड अर किनगोड
का काँडा
इस कविता में उत्तराखंड की एक स्थानीय बोली की मिठास और गांव की साधारण जीवन शैली की झलक देखने को मिलती है। कविता में किनगोड और उसकी लोक संस्कृति को सुंदर और दिलचस्प अंदाज में प्रस्तुत किया गया है। यह न केवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है, बल्कि वहां की पारंपरिक जीवनशैली और सामाजिक पहलुओं की भी झलक देता है
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