माता सिद्धिदात्री की स्तुति, ध्यान मंत्र, स्तोत्रम, कवच और आरती - Praise, meditation mantra, hymns, armor, and aarti of Mother Siddhidatri
माता सिद्धिदात्री की स्तुति, ध्यान मंत्र, स्तोत्रम, कवच और आरती
जय माता सिद्धिदात्री! देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप को सिद्धिदात्री के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के नौवें दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। माता की कृपा से भक्तों को सिद्धियां प्राप्त होती हैं और उनका जीवन सफल हो जाता है। माता को समर्पित यह स्तुति, ध्यान मंत्र, स्तोत्रम, कवच और आरती आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सिद्धियां प्रदान करेंगी।
माता सिद्धिदात्री की स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥
माँ सिद्धिदात्री का ध्यान मंत्र
वन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
कमलस्थिताम् चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्विनीम्॥
स्वर्णवर्णा निर्वाणचक्र स्थिताम् नवम् दुर्गा त्रिनेत्राम्।
शङ्ख, चक्र, गदा, पद्मधरां सिद्धीदात्री भजेम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि रत्नकुण्डल मण्डिताम्।
प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोला पीन पयोधराम्।
कमनीयां लावण्यां श्रीणकटिं निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
माँ सिद्धिदात्री स्तोत्रम
कञ्चनाभा शङ्खचक्रगदापद्मधरा मुकुटोज्वलो।
स्मेरमुखी शिवपत्नी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालङ्कार भूषिताम्।
नलिस्थिताम् नलनार्थी सिद्धीदात्री नमोऽस्तुते॥
परमानन्दमयी देवी परब्रह्म परमात्मा।
परमशक्ति, परमभक्ति, सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥
विश्वकर्ती, विश्वभर्ती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता।
विश्व वार्चिता, विश्वातीता सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥
भुक्तिमुक्तिकारिणी भक्तकष्टनिवारिणी।
भवसागर तारिणी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥
धर्मार्थकाम प्रदायिनी महामोह विनाशिनीं।
मोक्षदायिनी सिद्धीदायिनी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते॥
माँ सिद्धिदात्री कवच
ॐकारः पातु शीर्षो माँ, ऐं बीजम् माँ हृदयो।
हीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
ललाट कर्णो श्रीं बीजम् पातु क्लीं बीजम् माँ नेत्रम् घ्राणो।
कपोल चिबुको हसौ पातु जगत्प्रसूत्यै माँ सर्ववदनो॥
माँ सिद्धिदात्री जी की आरती
जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता।
तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता॥
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम॥
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।
तू जगदम्बें दाती, तू सर्व सिद्धि है॥
रविवार को तेरा सुमिरन करे।
जो तेरी मूर्ति को ही मन में धरे॥
जो तू सब काज उसके करती है पूरे।
कभी काम उसके रहे ना अधूरे॥
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया॥
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली॥
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा॥
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।
भक्ति है सवाली, तू जिसकी दाता॥
जय माता सिद्धिदात्री! इस ब्लॉग में माता सिद्धिदात्री की स्तुति, ध्यान मंत्र, स्तोत्रम, कवच और आरती को शामिल किया गया है। माता की उपासना और आराधना से आपके जीवन में सिद्धि और समृद्धि का वास हो।
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