✨ Happy Diwali Shayari – 2024 ✨
1.
दीप जलते और जगमगाते रहें,
हम आपको यूँ ही याद आते रहें।
जब तक जिंदगी है, दुआ है हमारी,
आप यूँ ही रोशनी से चमकते रहें।
🪔✨ शुभ दीपावली!
2.
रात अंधेरी हो लेकिन रोशनी से भर जाए,
दिल उदास हो लेकिन खुशियों से खिल जाए।
यही दुआ है इस दीपावली पर,
आपका हर दिन खुशियों से जगमगाए।
✨🎇 हैप्पी दिवाली!
3.
दीयों की रौशनी से झिलमिलाता आंगन हो,
आपके चेहरे पर सदा मुस्कान का आभास हो।
शुभ दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएँ,
आपके जीवन में सदा खुशियों की बौछार हो।
🎆🎇 शुभ दीपावली!
4.
माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद हो,
गणेश जी का साथ हो।
रोशनी के इस पर्व पर,
खुशियों का आपके घर में वास हो।
🪔🕯️ हैप्पी दिवाली!
5.
दीपावली के इस शुभ अवसर पर,
आपके जीवन में नए रंग भर जाएँ।
खुशियों से महक उठे आपका आंगन,
और लक्ष्मी जी के कदम आपके घर आएं।
🎉🪔 दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
6.
फूलों की तरह खिलते रहो,
सूरज की तरह चमकते रहो।
दीपावली के इस पावन पर्व पर,
हर पल यूँ ही खुशियों से महकते रहो।
🪔✨ शुभ दीपावली!
7.
दीपों की रौशनी से सजे ये घर आंगन,
सुख-समृद्धि से भरा रहे आपका जीवन।
दीपावली के इस पावन पर्व पर,
मिलें आपको सबकी शुभकामनाएँ।
🎇🪔 Happy Diwali!
8.
रौशनी के इस त्यौहार पर,
आपकी जिंदगी रौशन हो जाए।
सुख-समृद्धि का हो वास आपके घर,
और आपकी सभी मनोकामनाएँ पूरी हो जाएं।
✨🕯️ शुभ दीपावली!
9.
लक्ष्मी जी का वास हो,
दुखों का नाश हो।
प्रेम, शांति और सफलता का प्रकाश हो,
आपके जीवन में दीपावली का उल्लास हो।
🎆🪔 हैप्पी दिवाली!
10.
खुशियाँ आपके द्वार पर दस्तक दें,
सुख आपके आंगन में बसेरा करे।
दीपावली के इस पावन अवसर पर,
लक्ष्मी जी आपके घर को धन से भरे।
🎇🪔 शुभ दीपावली!
1. कहीं कोई चराग़ जलता है
कुछ न कुछ रौशनी रहेगी अभी
- अबरार अहमद
2. सभी के दीप सुंदर हैं हमारे क्या तुम्हारे क्या
उजाला हर तरफ़ है इस किनारे उस किनारे क्या
- हफ़ीज़ बनारसी
3. आज की रात दिवाली है दिए रौशन हैं
आज की रात ये लगता है मैं सो सकता हूँ
- अज़्म शाकरी
4. है दसहरे में भी यूँ गर फ़रहत-ओ-ज़ीनत 'नज़ीर'
पर दिवाली भी अजब पाकीज़ा-तर त्यौहार है
- नज़ीर अकबराबादी
5. जो सुनते हैं कि तेरे शहर में दसहरा है
हम अपने घर में दिवाली सजाने लगते हैं
- जमुना प्रसाद राही
6. मेले में गर नज़र न आता रूप किसी मतवाली का
फीका फीका रह जाता त्यौहार भी इस दीवाली का
- मुमताज़ गुर्मानी
7. रौशनी आधी इधर आधी उधर
इक दिया रक्खा है दीवारों के बीच
- उबैदुल्लाह अलीम
8. देर तक रौशनी रही कल रात
मैं ने ओढ़ी थी चाँदनी कल रात
- ज़ेहरा निगाह
9. प्यार की जोत से घर घर है चराग़ाँ वर्ना
एक भी शमा न रौशन हो हवा के डर से
- शकेब जलाली
10. जलते हैं इक चराग़ की लौ से कई चराग़
दुनिया तेरे ख़याल से रौशन हुई तो है
- शहज़ाद अहमद
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