माता लक्ष्मी की उत्पत्ति कैसे हुई?
माता लक्ष्मी की उत्पत्ति और उनके जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को जानना हमेशा से ही अद्भुत और रहस्यमय रहा है। विभिन्न पुराणों में लक्ष्मी जी की कई कहानियां हैं जो उनके उद्गम और उनके महत्व को दर्शाती हैं। इन्हीं कथाओं और मान्यताओं पर आधारित, हम आपके लिए पांच कविताओं का संग्रह प्रस्तुत कर रहे हैं, जो लक्ष्मी जी की महिमा का बखान करती हैं। इन कविताओं में उनके रूप, कर्तव्य और जीवन के साथ जुड़ी कहानियों को कविता रूप में समाहित किया गया है।
1. समुद्र मंथन से निकली देवी लक्ष्मी
समुद्र मंथन में निकली वो लक्ष्मी रानी,
धन-धान्य से भर देती, जीवन में ख़ुशहाली लानी।
कमल पर बैठी, हाथों में सोने का कलश,
विष्णु संग करती सदा, धरा का उद्धार।
चंचल रूप, आशीर्वाद से करती धन की वर्षा,
आओ मिलकर करें आज उनका पूजन सच्चा।
जो भी करता मन से साधना उनकी,
वो पाता है सदा जीवन में धन और सुकून की।
2. शरद पूर्णिमा की रात
शरद पूर्णिमा की रात जब आई,
माता लक्ष्मी ने धरती को अपनाई।
कार्तिक मास में दीप जलाए,
हर घर में लक्ष्मी देवी आईं।
प्रेम से जिसने पूजा, उसका घर भरा,
लक्ष्मी की कृपा से, वो कभी ना डरा।
धन और समृद्धि का आशीर्वाद पाया,
शरद पूर्णिमा की रात ने जीवन सवारा।
3. भृगु ऋषि की बेटी
भृगु ऋषि की कन्या, जो थी लक्ष्मी प्यारी,
विश्व ने जानी उनके रूप की कहानी सारी।
स्वर्ण सा दमकता चेहरा, उनके आशीर्वाद से भरता,
धन, वैभव, समृद्धि से सजी, वो जीवन में सुंदरता।
भाई धाता, विधाता संग खेली थी बचपन में,
विष्णु संग विवाह कर, उन्होंने किया जीवन सुनहरा।
महालक्ष्मी के आशीर्वाद से जो भी भरता है मन,
वो पाता है सुख, शांति, और आनंद अनंत।
4. अष्टलक्ष्मी की महिमा
आठ रूपों में प्रकट हुईं, माता लक्ष्मी महान,
अष्टलक्ष्मी के रूप में, करतीं जीवन का उद्धार।
आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, सब संजीवनी,
संतानलक्ष्मी और विजयलक्ष्मी देतीं जीत की रवानी।
विद्यालक्ष्मी से ज्ञान का वरदान मिले,
वीरलक्ष्मी से शक्ति का सम्मान मिले।
माता लक्ष्मी के ये रूप अद्भुत हैं,
उनकी पूजा से ही जीवन में सार मिले।
5. विष्णु संग उनका निवास
विष्णु के संग कमल पर बैठीं लक्ष्मी माता,
दूर करतीं हर दुख, मिटातीं जीवन की व्यथा।
उल्लू और हाथी संग करतीं सदा भ्रमण,
धन और वैभव का करतीं सदा सब में दान।
जो विष्णु की भक्ति करे, लक्ष्मी का वास वहां,
धन-धान्य से भरे जीवन, लक्ष्मी देतीं सबको प्यार।
उनकी महिमा अनंत, उनके आशीर्वाद की छाया,
जो भी पूजे उन्हें, वो पाता है स्वर्ग का आनंद साया।
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