झंगोरा: पहाड़ी अनाज का परिचय और फायदे
झंगोरा का परिचय
झंगोरा (Indian Barnyard Millet) उत्तराखंड का एक पारम्परिक मोटा अनाज है जिसे कुमाउनी और गढ़वाली भाषा में झंगोरा या झुंगरू के नाम से जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Echinochloa frumentacea है। यह अनाज सदियों से पहाड़ी इलाकों में खाया जाता रहा है, लेकिन समय के साथ यह अनाज लोगों की मुख्य खुराक से दूर हो गया। परंतु अब, इसकी पोषणात्मक महत्ता के चलते, यह फिर से लोकप्रिय हो रहा है। झंगोरा भारत, चीन, जापान, और कोरिया जैसे देशों में उगाया जाता है। इसे खासकर मानव उपभोग के लिए उगाया जाता है और इसे पशुओं के चारे के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
झंगोरा में पाए जाने वाले पोषक तत्व
झंगोरा पोषक तत्वों से भरपूर है और इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं। यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयरन और जिंक का अच्छा स्रोत है। इसके प्रमुख पोषक तत्व निम्नलिखित हैं:

पोषक तत्व | झंगोरा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
कैलोरी | 342 |
कार्बोहाइड्रेट्स | 64 ग्राम |
डाइटरी फाइबर | 12.6 ग्राम |
प्रोटीन | 11.2 ग्राम |
आयरन | 16-18 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 22 मिलीग्राम |
वसा | 3.6 ग्राम |
विटामिन B1 | 0.33 मिलीग्राम |
विटामिन B2 | 0.10 मिलीग्राम |
विटामिन B3 | 4.2 मिलीग्राम |
ग्लाइसेमिक इंडेक्स | 50 |
झंगोरा के फायदे
- खून की कमी दूर करता है:झंगोरा में आयरन की अच्छी मात्रा होती है, जो खून की कमी (एनीमिया) से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है। यह खासकर महिलाओं के लिए उपयोगी है जो माहवारी के दौरान खून की कमी से जूझती हैं।
- पाचन में लाभदायक:झंगोरा में डाइटरी फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह पेट की समस्याओं जैसे कब्ज, एसिडिटी आदि को दूर करने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है।
- वजन घटाने में मददगार:इसमें प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण यह भूख को नियंत्रित करता है और कैलोरी की मात्रा कम होने से यह वजन घटाने में भी सहायक होता है।
- मधुमेह में लाभदायक:इसमें चावल की तुलना में कार्बोहाइड्रेट कम होता है और हाई फाइबर होने के कारण यह शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है, जिससे मधुमेह रोगियों के लिए यह एक अच्छा विकल्प बन जाता है।
- ह्रदय के लिए लाभकारी:झंगोरा के पोषक तत्व, जैसे फाइबर और आयरन, इसे हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद बनाते हैं। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है और ह्रदय रोगियों के लिए अच्छा आहार साबित होता है।
झंगोरा की विशेषता
यह अनाज विषम परिस्थितियों में भी उगाया जा सकता है और किसी भी इनपुट के बिना तैयार हो सकता है। यह उत्तराखंड सहित हिमालयी क्षेत्रों में करीब 2200 मीटर की ऊँचाई तक उगाया जाता है। इसकी खेती तेजी से बढ़ रही है, खासकर इसके स्वास्थ्य लाभों की वजह से।
निष्कर्ष
झंगोरा, जिसे कभी तुच्छ समझा गया था, आज अपने अद्भुत पोषण गुणों के कारण फिर से लोगों की पसंद बन रहा है। यह न केवल पाचन और वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि खून की कमी और मधुमेह जैसी बीमारियों से लड़ने में भी मददगार है। आज के समय में जब स्वस्थ जीवनशैली और पोषण पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, झंगोरा जैसी पारंपरिक फसलों को हमारी खुराक का हिस्सा बनाना आवश्यक है।
झंगोरा के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
- झंगोरा क्या है?झंगोरा एक पारम्परिक पहाड़ी अनाज है जिसे उत्तराखंड में उगाया जाता है। इसे भारतीय बार्नयार्ड मिलेट (Indian Barnyard Millet) भी कहा जाता है और यह पोषण से भरपूर होता है।
- झंगोरा के प्रमुख पोषक तत्व कौन से हैं?झंगोरा में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, जिंक, विटामिन B1, B2, और B3 जैसे तत्व होते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।
- झंगोरा के सेवन से क्या लाभ हैं?झंगोरा खून की कमी (एनीमिया) दूर करने, पाचन में सुधार लाने, वजन घटाने, मधुमेह को नियंत्रित करने, और ह्रदय स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करता है।
- क्या झंगोरा मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक है?हां, झंगोरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए एक अच्छा आहार विकल्प है।
- झंगोरा कहाँ उगाया जाता है?झंगोरा मुख्यतः उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में उगाया जाता है। इसे हिमालयी क्षेत्रों में करीब 2200 मीटर की ऊंचाई तक उगाया जाता है।
- क्या झंगोरा वजन घटाने में सहायक होता है?हां, इसमें प्रोटीन और फाइबर की अधिक मात्रा होने के कारण यह भूख को नियंत्रित करता है और वजन घटाने में मदद करता है।
- झंगोरा में आयरन की मात्रा क्या है?झंगोरा में प्रति 100 ग्राम में लगभग 16-18 मिलीग्राम आयरन होता है, जो इसे खून की कमी दूर करने में मददगार बनाता है।
- क्या झंगोरा पाचन में मदद करता है?हां, इसमें फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जिससे यह पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
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