झंगोरा: उत्तराखंड का पारंपरिक पोषक अनाज - Jhangora: Traditional Nutritious Grain of Uttarakhand

झंगोरा: उत्तराखंड का पारंपरिक पोषक अनाज

एक समय था जब झंगोरा पहाड़ी लोगों का दिन का अनिवार्य भोजन हुआ करता था। धीरे-धीरे परिस्थितियां बदलीं, लोग पहाड़ छोड़ मैदानों में बसने लगे, और जीवन शैली बदलने लगी। झंगोरा जैसे सर्वगुण संपन्न अनाज को लोग तुच्छ समझकर त्यागने लगे। लेकिन आज जब इसके स्वास्थ्य लाभों का पता चल रहा है, तो इसे दुगनी कीमत पर खरीदने को लोग तैयार हैं।

झंगोरा का परिचय

झंगोरा (Barnyard Millet) उत्तराखंड का एक पारंपरिक मोटा अनाज है। संस्कृत में इसे श्यामक, त्रिबीज, राजधान्य, अविप्रिय आदि नामों से जाना जाता है, जबकि हिंदी में इसे शमूला, सांवा, मोरधन आदि नामों से पहचाना जाता है। उत्तराखंड की कुमाऊनी और गढ़वाली भाषा में इसे झंगोरा या झुंगरू कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Echinochloa frumentacea है।

यह एक प्राचीन बाजरा फसल है, जो भारत, चीन, जापान और कोरिया में व्यापक रूप से उगाई जाती है। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लगभग 2200 मीटर की ऊँचाई तक इसकी खेती की जाती है।

झंगोरा में पाए जाने वाले पोषक तत्व

झंगोरा एक पौष्टिक अनाज है, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन, और जिंक जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। यह कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला अनाज है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है।

पोषण संबंधी जानकारी (प्रति 100 ग्राम):

  • कैलोरी: 342
  • कार्बोहाइड्रेट्स: 64 ग्राम
  • डाइटरी फाइबर: 12.6 ग्राम
  • प्रोटीन: 11.2 ग्राम
  • आयरन: 16-18 मिलीग्राम
  • कैल्शियम: 22 मिलीग्राम
  • विटामिन B1: 0.33 मिलीग्राम
  • विटामिन B2: 0.10 मिलीग्राम
  • विटामिन B3: 4.2 मिलीग्राम
  • ग्लाइसेमिक इंडेक्स: 50

झंगोरा के फायदे

  1. खून की कमी दूर करता है:
    झंगोरा में आयरन की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह एनीमिया और खून की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए फायदेमंद है।

  2. पाचन में लाभदायक:
    इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण यह पाचन में सुधार करता है, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत देता है।

  3. वजन घटाने में मददगार:
    कम कैलोरी और अधिक फाइबर के कारण झंगोरा वजन घटाने के लिए उत्तम आहार माना जाता है। यह भूख को नियंत्रित करता है और ऊर्जा बनाए रखता है।

  4. मधुमेह में लाभदायक:
    इसमें चावल की तुलना में कम कार्बोहाइड्रेट होता है, जो ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए, यह मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त है।

झंगोरा की लोकप्रियता

पहाड़ों में झंगोरा की खीर एक विशेष व्यंजन माना जाता है, जो मिठास और पोषण से भरपूर होता है। इसे कई त्यौहारों और विशेष अवसरों पर भी बनाया जाता है।


कविता: झंगोरे की महक
झंगोरे की महक, पहाड़ों से आई,
संग लाए सेहत की सौगात,
प्रोटीन, फ़ाइबर, आयरन का भंडार,
लस मुक्त, पचाने में आसान बात।
उत्तराखंड की धरा से जन्मा,
खीर में ढलकर मिठास बढ़ाए,
चावल का यह अनमोल साथी,
हर थाली की शान कहलाए।


निष्कर्ष:
झंगोरा का अनाज न सिर्फ उत्तराखंड की पारंपरिक धरोहर है, बल्कि आधुनिक जीवनशैली में स्वस्थ जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण आहार भी है।

झंगोरा: उत्तराखंड का पारंपरिक पोषक अनाज
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)


  1. झंगोरा क्या है?
    झंगोरा एक पारंपरिक मोटा अनाज है, जिसे उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में उगाया जाता है। इसे अंग्रेज़ी में "Barnyard Millet" कहा जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम Echinochloa frumentacea है।

  2. झंगोरा में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं?
    झंगोरा में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, जिंक, कैल्शियम, विटामिन B1, B2, और B3 जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। यह अनाज कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

  3. झंगोरा के सेवन से कौन-कौन से स्वास्थ्य लाभ होते हैं?

    • खून की कमी दूर करता है: इसमें आयरन की अधिक मात्रा होती है, जिससे एनीमिया को दूर करने में मदद मिलती है।
    • पाचन में सुधार करता है: इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देता है।
    • वजन घटाने में सहायक: कम कैलोरी और उच्च फाइबर होने के कारण यह वजन घटाने के लिए आदर्श भोजन है।
    • मधुमेह में लाभदायक: इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  4. झंगोरा का स्वाद कैसा होता है?
    झंगोरा का स्वाद हल्का और सुखद होता है। इसे विभिन्न व्यंजनों में इस्तेमाल किया जा सकता है, खासकर झंगोरा की खीर पहाड़ों में एक विशेष मिठाई के रूप में बनाई जाती है।

  5. झंगोरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कितना है?
    झंगोरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग 50 होता है, जो इसे मधुमेह रोगियों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है।

  6. क्या झंगोरा ग्लूटेन मुक्त है?
    हां, झंगोरा एक ग्लूटेन मुक्त अनाज है, जिससे यह ग्लूटेन असहिष्णुता (gluten intolerance) या सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों के लिए एक आदर्श आहार विकल्प है।

  7. झंगोरा की खेती किन क्षेत्रों में होती है?
    झंगोरा मुख्य रूप से उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में 2200 मीटर की ऊँचाई तक उगाया जाता है। यह भारत के अन्य हिस्सों, चीन, जापान और कोरिया में भी उगाया जाता है।

  8. क्या झंगोरा वजन घटाने में मदद कर सकता है?
    हां, झंगोरा में फाइबर की उच्च मात्रा और कम कैलोरी होने के कारण यह वजन घटाने में मदद करता है। यह भूख को नियंत्रित करता है और लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करता है।

  9. झंगोरा की खीर क्या है?
    झंगोरा की खीर एक पारंपरिक मिठाई है, जो झंगोरा के अनाज से बनाई जाती है। यह मिठाई पहाड़ों में त्यौहारों और विशेष अवसरों पर विशेष रूप से बनाई जाती है।

  10. क्या झंगोरा पाचन को सुधारने में सहायक है?
    हां, झंगोरा में मौजूद डाइटरी फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।

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