उत्तरकाशी जिले के प्रमुख मंदिर
उत्तरकाशी, जिसे "उत्तर का काशी" कहा जाता है, अपने धार्मिक स्थलों और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र विभिन्न देवी-देवताओं के पूजा स्थल के लिए जाना जाता है। यहाँ के कुछ प्रमुख मंदिरों की जानकारी नीचे दी गई है:
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1. विश्वनाथ मंदिर
विश्वनाथ मंदिर, परशुराम द्वारा स्थापित माना जाता है। इसे राजा प्रद्युम्न शाह द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था और 1857 में सुदर्शन शाह की रानी खनटी (क्रांति) द्वारा जीर्णोद्धार किया गया।
2. कण्डार देवता मंदिर
यह मंदिर अष्टधातु से निर्मित कण्डार देवता की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। मकर संक्रांति पर यहाँ मेले का आयोजन होता है, जिसमें हजारों भक्त शामिल होते हैं।
3. शक्ति स्तभ
विश्वनाथ मंदिर के सामने स्थित शक्ति स्तभ, प्राचीन त्रिशूल (21 फीट ऊंचा) के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें ब्राह्मी एवं शंख लिपि में लेख प्राप्त हुए हैं।
4. केदार मंदिर
केदार घाट पर स्थित यह मंदिर एक वैष्णव पीठ है, जो भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
5. मणिकर्णिका घाट
गंगा नदी के किनारे पर स्थित इस घाट में मणिकर्णिका शिला है। यहाँ पितृ परायण हेतु पिण्डदान की मान्यता है, जो इसे और भी पवित्र बनाता है।
6. महाकालेश्वर मंदिर
यह मंदिर भागीरथी के बाएँ जोशियाड़ा क्षेत्र में स्थित है, जहाँ भक्त भगवान महाकाल का पूजन करते हैं।
7. संतों की घाटी उजेली
उत्तरकाशी से लगा यह शहर संतों की घाटी उजेली के नाम से जाना जाता है।
8. चौरंगीनाथ मंदिर
यह मंदिर चौन्याल गांव में स्थित है और यहाँ की स्थानीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
9. माँ कुटेटी देवी मंदिर
भागीरथी के बायें तट पर ऐरावत पर्वत की चोटी पर स्थित है, यह मंदिर विशेष रूप से भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
10. मंजियाली का सूर्य मंदिर
यह मंदिर पुष्पक शैली में निर्मित है और कमल नदी के तट पर स्थित है।
11. रघुनाथ मंदिर
गैर/बनाल गांवों में बड़कोट में स्थित इस मंदिर में प्रसिद्ध देवलांग मेले का आयोजन होता है।
12. रेणुका देवी मंदिर
यह मंदिर मुख्य रूप से हिमाचल के नहान में स्थित है। 1814 में निर्मित, यह परशुराम की माताजी को समर्पित है।
13. बाबा बौखनाग मंदिर
यह मंदिर भाटिया गांव, बड़कोट में स्थित है, जहाँ भक्तों की भीड़ हमेशा रहती है।
14. कालिय नाग मंदिर
पुरोला के सरबड़ियाड़ में स्थित इस मंदिर में कठओं नामक त्यौहार का आयोजन होता है।
15. पौखु देवता मंदिर
यह न्याय के लिए प्रसिद्ध है और इसका मुख्य मंदिर नेटवाड में स्थित है। सुनारा गांव, नौगांव में भी इसका एक मंदिर है।
16. जयपुर मंदिर
यह मंदिर मुख्य बाजार उत्तरकाशी में स्थित है और स्थानीय भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
17. कमलेश्वर मंदिर
यह रामासेराई पट्टी, पुरोला में स्थित है और यहां के स्थानीय लोग इसे पूजा करते हैं।
18. रिंगाली देवी मंदिर
डूण्डा गांव में स्थित, यह मंदिर जाड़ भोटिया समुदाय की आराध्या देवी है।
अन्य मंदिर
- मार्कण्डेय ऋषि का मंदिर
- लक्षेश्वर मंदिर
- दुण्डिराज मंदिर
- सीताराम मंदिर
- कोटेश्वर महादेव मंदिर
- गोपाल मंदिर
उत्तरकाशी जिले के प्रमुख मंदिरों पर सामान्य प्रश्नोत्तर (FQC)
1. उत्तरकाशी में प्रमुख मंदिर कौन-कौन से हैं?
उत्तरकाशी में प्रमुख मंदिरों में विश्वनाथ मंदिर, कण्डार देवता मंदिर, केदार मंदिर, मणिकर्णिका घाट, महाकालेश्वर मंदिर, माँ कुटेटी देवी मंदिर, और रघुनाथ मंदिर शामिल हैं।
2. विश्वनाथ मंदिर का इतिहास क्या है?
विश्वनाथ मंदिर को परशुराम द्वारा स्थापित माना जाता है। इसे राजा प्रद्युम्न शाह ने पुनर्निर्मित किया और 1857 में सुदर्शन शाह की रानी खनटी द्वारा जीर्णोद्धार किया गया।
3. कण्डार देवता मंदिर कब और क्यों मेले का आयोजन करता है?
कण्डार देवता मंदिर में मकर संक्रांति पर मेले का आयोजन होता है, जिसमें हजारों भक्त भाग लेते हैं।
4. केदार मंदिर कहां स्थित है?
केदार मंदिर केदार घाट पर स्थित है, जो एक वैष्णव पीठ है।
5. मणिकर्णिका घाट का धार्मिक महत्व क्या है?
मणिकर्णिका घाट पर पितृ परायण हेतु पिण्डदान करने की मान्यता है, जो इसे भक्तों के लिए विशेष बनाती है।
6. महाकालेश्वर मंदिर किस क्षेत्र में है?
महाकालेश्वर मंदिर भागीरथी के बाएँ जोशियाड़ा क्षेत्र में स्थित है।
7. रघुनाथ मंदिर में कौन सा प्रमुख त्योहार मनाया जाता है?
रघुनाथ मंदिर में प्रसिद्ध देवलांग मेले का आयोजन होता है, जो स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
8. उत्तरकाशी के मंदिरों में किस प्रकार की पूजा की जाती है?
उत्तरकाशी के मंदिरों में प्रायः हिन्दू धार्मिक परंपराओं के अनुसार पूजा की जाती है, जिसमें आरती, भजन और मंत्र जाप शामिल होते हैं।
9. क्या उत्तरकाशी के मंदिरों में किसी विशेष दिन पर विशेष कार्यक्रम होते हैं?
हाँ, कई मंदिरों में विशेष त्योहारों और तिथियों पर विशेष पूजा और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे मकर संक्रांति, नवरात्रि, और अन्य हिन्दू त्योहार।
10. उत्तरकाशी में मंदिरों की यात्रा का सबसे अच्छा समय कब है?
उत्तरकाशी में मंदिरों की यात्रा का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच होता है, जब मौसम सुहावना होता है।
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