नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान: एक विश्व धरोहर स्थल
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (Nanda Devi National Park) एक विश्व धरोहर स्थल है, जो भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है। यह उद्यान नंदा देवी पर्वत के आसपास के क्षेत्र में फैला हुआ है और प्रकृति प्रेमियों, साहसिक यात्रियों और वन्यजीवों के लिए एक अद्वितीय गंतव्य है।
भौगोलिक परिपेक्ष
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान लगभग 630.33 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है और यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान माना जाता है। 1982 में इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था और 1988 में युनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी। यह उद्यान फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के साथ मिलकर नंदा देवी बायोस्फियर रिजर्व का हिस्सा बनता है, जिसका कुल क्षेत्रफल 2236.74 वर्ग किलोमीटर है।
अभयारण्य का विस्तार
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है: भीतरी और बाहरी।
भीतरी अभयारण्य: यह लगभग पूरे क्षेत्रफल के दो तिहाई हिस्से में फैला हुआ है और यहाँ नंदा देवी पर्वत के अलावा उत्तरी और दक्षिणी ऋषि हिमनद भी हैं। इन हिमनदों के सहायक हिमनद क्रमशः उत्तरी और दक्षिणी नंदा देवी हिमनद हैं।
बाहरी अभयारण्य: यह क्षेत्र उद्यान का एक तिहाई हिस्सा है और पश्चिम में स्थित है। इसमें ऋषिगंगा बहती है, जो इस क्षेत्र को दो भागों में बांटती है। उत्तरी भाग में रमनी हिमनद है और दक्षिणी भाग में त्रिशूल हिमनद है।
अभयारण्य में प्रमुख पर्वत-शिखर
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में कई ऊंचे पर्वत-शिखर स्थित हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:
- नंदा देवी (7816 मीटर)
- देवीस्थान एक (6678 मीटर)
- ऋषि कोट (6236 मीटर)
- हनुमान (6075 मीटर)
- दूनागिरी (7066 मीटर)
- चांगाबांग (6864 मीटर)
इसके अलावा, हरदेओल (7151 मीटर), त्रिशूली (7074 मीटर) और नंदा कोट (6861 मीटर) जैसे प्रमुख पर्वत शिखर भी यहाँ स्थित हैं।
वन्यजीव और जैव विविधता
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान जैव विविधता से भरपूर है। यहाँ पक्षियों की लगभग 130 प्रजातियाँ, तितलियों की 40 प्रजातियाँ और मकड़ियों की 40 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसके अलावा, यहाँ हिमालयी भालू, हिमालयी ताहर, भरल, कस्तूरी मृग, गोरल, तेंदुआ, लाल लोमड़ी जैसी संरक्षित प्रजातियाँ भी रहती हैं।
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान: तथ्यों पर एक नजर
- स्थापना: 1982 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापित किया गया।
- यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल: 1988 में युनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।
- वनस्पतियाँ: यहाँ कुल 312 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से 17 प्रजातियाँ दुर्लभ हैं। प्रमुख वनस्पतियाँ देवदार, रोडोडेंड्रन (बुरांस), जुनिपर और सन्टी/सनौबर हैं।
- क्षेत्रफल: यह उद्यान 630.33 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के साथ मिलकर नंदा देवी बायोस्फियर रिजर्व बनाता है।
- महत्वपूर्ण पर्वत शिखर: नंदा देवी (7816 मीटर), त्रिशूली (7074 मीटर), हरदेओल (7151 मीटर) और नंदा कोट (6861 मीटर) जैसे प्रमुख पर्वत शिखर यहाँ स्थित हैं।
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास
नंदा देवी पर्वत, जो इस उद्यान का प्रमुख आकर्षण है, की ऊंचाई 7816 मीटर है। यहाँ की पहली सफल चढ़ाई का श्रेय एरिक शिपटन और बिल टिल्मैन को जाता है, जिन्होंने 1934 में ऋषि दर्रे के रास्ते इसे चढ़ा था। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान को एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल के रूप में भी जाना जाता है, और यहाँ की जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित रखने के लिए यह क्षेत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, अपनी अद्वितीय जैव विविधता और पर्वतीय सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थल न केवल पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य है, बल्कि यह प्रकृति प्रेमियों, पर्यावरणविदों और शोधकर्ताओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह क्षेत्र न केवल उत्तराखंड बल्कि भारत और पूरी दुनिया के लिए एक प्राकृतिक धरोहर के रूप में अनमोल है।
Frequently Asked Questions (FAQs) दिए जा रहे हैं:
1. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान कहाँ स्थित है?
- नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है, जो नन्दा देवी पर्वत के आस-पास फैला हुआ है। यह राष्ट्रीय उद्यान उत्तर भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण उद्यान है।
2. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान को कब विश्व धरोहर घोषित किया गया था?
- नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान को 1988 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया था।
3. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल कितना है?
- नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का कुल क्षेत्रफल लगभग 630.33 वर्ग किलोमीटर है।
4. क्या नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान में कोई विशेष वन्यजीव पाए जाते हैं?
- हाँ, नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान में हिमालयी भालू, हिमालयी ताहर, भरल, कस्तूरी मृग, लंगूर, गोरल, तेंदुए और लाल लोमड़ी जैसी दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यहां पक्षियों और तितलियों की भी कई प्रजातियाँ हैं।
5. नन्दा देवी पर्वत की ऊँचाई कितनी है?
- नन्दा देवी पर्वत की ऊँचाई 7816 मीटर है और यह उद्यान का प्रमुख आकर्षण है।
6. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान में सबसे ऊँचे पर्वत कौन से हैं?
- नन्दा देवी पर्वत (7816 मीटर), दूनागिरी (7066 मीटर), त्रिशूल (7120 मीटर), और चांगाबांग (6864 मीटर) जैसे पर्वत यहां स्थित हैं।
7. क्या नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान में ट्रैकिंग की अनुमति है?
- नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान में ट्रैकिंग की अनुमति कुछ विशेष मार्गों पर होती है, लेकिन इसके लिए अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है क्योंकि यह क्षेत्र जैविक और पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील है।
8. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का बायोस्फ़ियर रिज़र्व किससे संबंधित है?
- नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के साथ मिलकर नन्दा देवी बायोस्फ़ियर रिज़र्व बनाता है, जिसका कुल क्षेत्रफल 2236.74 वर्ग किलोमीटर है।
9. नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का पर्यावरणीय महत्व क्या है?
- नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह क्षेत्र हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा है और यह कई दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों का घर है।
10. क्या नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों के लिए कोई विशिष्ट सीजन है?
- नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान में यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर तक है, क्योंकि इस दौरान मौसम शीतल और सुहावना होता है।
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