राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड (Rajaji National Park Uttarakhand)

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड (Rajaji National Park Uttarakhand)

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड का प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य है, जो अपनी जैव विविधता, हरियाली और वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। यह राष्ट्रीय उद्यान 820.42 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और उत्तराखंड के तीन जिलों—हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल में स्थित है।

Rajaji National Park Uttarakhand

इतिहास और स्थापना

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का गठन 1983 में हुआ था। इस उद्यान का नाम स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल सी. राजगोपालाचारी (राजाजी) के नाम पर रखा गया है। इस क्षेत्र में पहले तीन अभयारण्यों—मोतीचूर, चीला और राजाजी अभयारण्य—को मिलाकर इस उद्यान का निर्माण किया गया।

इससे पहले, 1935 में देहरादून जिले में मोतीचूर वन्यजीव विहार की स्थापना हुई थी, जो बाद में राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा बन गया।


भौगोलिक स्थिति और संरचना

  • क्षेत्रफल: 820.42 वर्ग किलोमीटर
  • स्थान: हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल जिले
  • नदियाँ: गंगा और सोंग नदियाँ इस उद्यान से होकर बहती हैं।
  • पर्यावरण: यह शाल के जंगल, घास के मैदान और हिमालय की तलहटी के मिश्रण से युक्त है।

वन्यजीव और जैव विविधता

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान को भारत के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्यों में से एक माना जाता है।

  • पक्षियों की प्रजातियाँ: 315 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  • स्तनधारी प्रजातियाँ: 23 प्रजातियाँ, जिनमें हाथी, बाघ, तेंदुआ, चीतल, नीलगाय, साही और जंगली सूअर प्रमुख हैं।
  • हाथियों का झुंड: राजाजी पार्क अपनी गजराजों के बड़े समूहों के लिए प्रसिद्ध है।
  • अन्य वन्यजीव: स्लॉथ भालू, लकड़बग्घा, लंगूर और कई अन्य।
Rajaji National Park Uttarakhand

पर्यटन और गतिविधियाँ

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव प्रेमियों और प्रकृति के शौकीनों के लिए एक आकर्षक स्थान है।

  1. जंगल सफारी:
    • जीप सफारी और एलीफेंट सफारी यहां के मुख्य आकर्षण हैं।
    • पर्यटक जंगल की गहराइयों में जाकर वन्यजीवों को करीब से देख सकते हैं।
  2. बर्ड वॉचिंग:
    • यह स्थान पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है।
  3. ट्रेकिंग और कैंपिंग:
    • जंगल के बीच ट्रेकिंग और शिविर लगाना एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता है।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की खासियत

  • सी. राजगोपालाचारी को समर्पित: उद्यान का नाम स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता राजाजी के सम्मान में रखा गया।
  • वन्यजीव संरक्षण: यह उद्यान बाघ संरक्षण परियोजना के अंतर्गत आता है।
  • गंगा का आशीर्वाद: गंगा नदी इस उद्यान से होकर बहती है, जो इसे और भी खास बनाती है।

कैसे पहुँचें?

  1. निकटतम रेलवे स्टेशन:
    • हरिद्वार रेलवे स्टेशन (लगभग 18 किमी)
  2. निकटतम हवाई अड्डा:
    • जॉलीग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून (लगभग 35 किमी)
  3. सड़क मार्ग:
    • यह उद्यान हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून से आसानी से पहुँचा जा सकता है।

समाप्ति

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवों का अद्भुत मिश्रण है। यहाँ की हरियाली, गंगा की निर्मल धारा और वन्यजीवों की विविधता इसे एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाती है।

क्या आप इस खूबसूरत जगह का अनुभव करना चाहेंगे? अपनी अगली यात्रा की योजना में इसे ज़रूर शामिल करें।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड से जुड़े FAQs (Frequently Asked Questions)


1. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान कहाँ स्थित है?

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के तीन जिलों—हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल—में स्थित है।


2. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल कितना है?

यह उद्यान 820.42 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।


3. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का नाम किसके नाम पर रखा गया है?

इसका नाम स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल सी. राजगोपालाचारी (राजाजी) के नाम पर रखा गया है।


4. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान कब स्थापित हुआ था?

इस उद्यान का गठन 1983 में हुआ था।


5. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में कौन-कौन से वन्यजीव पाए जाते हैं?

यहाँ बाघ, हाथी, तेंदुआ, चीतल, नीलगाय, साही, जंगली सूअर, स्लॉथ भालू, और लकड़बग्घा जैसे वन्यजीव पाए जाते हैं।


6. उद्यान में कितनी पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं?

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की 315 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।


7. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के मुख्य आकर्षण क्या हैं?

  • जंगल सफारी: जीप और एलीफेंट सफारी
  • बर्ड वॉचिंग: पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग
  • ट्रेकिंग और कैंपिंग: रोमांचक गतिविधियाँ

8. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में कौन-कौन सी नदियाँ बहती हैं?

गंगा और सोंग नदियाँ इस उद्यान से होकर बहती हैं।


9. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश के लिए सर्वश्रेष्ठ समय कौन सा है?

  • सर्दियों का मौसम (अक्टूबर से मार्च): वन्यजीवों को देखने के लिए सबसे अच्छा समय।
  • गर्मियों का मौसम (अप्रैल से जून): गर्मियों में भी सफारी का आनंद लिया जा सकता है।
  • मानसून (जुलाई से सितंबर): इस दौरान पार्क बंद रहता है।

10. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुँचा जा सकता है?

  • रेल मार्ग: हरिद्वार रेलवे स्टेशन (18 किमी)
  • हवाई मार्ग: जॉलीग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून (35 किमी)
  • सड़क मार्ग: हरिद्वार, ऋषिकेश, और देहरादून से सीधी कनेक्टिविटी

11. क्या राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में रहने की सुविधा उपलब्ध है?

हाँ, उद्यान के आस-पास कई रिसॉर्ट्स, लॉज, और होटल उपलब्ध हैं।


12. क्या उद्यान में गाइड की सुविधा उपलब्ध है?

हाँ, उद्यान में गाइड की सुविधा उपलब्ध है, जो पर्यटकों को जंगल और वन्यजीवों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।


13. क्या राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में बाघ भी हैं?

हाँ, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान को बाघ अभयारण्य के रूप में भी जाना जाता है। यहाँ बाघ देखे जा सकते हैं।


14. क्या पार्क में बच्चों और परिवार के लिए गतिविधियाँ हैं?

जी हाँ, जंगल सफारी, बर्ड वॉचिंग, और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद परिवार और बच्चों के लिए एक शानदार अनुभव है।


15. उद्यान में प्रवेश शुल्क कितना है?

प्रवेश शुल्क समय-समय पर बदलता रहता है। पर्यटकों को वर्तमान शुल्क के लिए उद्यान कार्यालय या ऑनलाइन स्रोतों से जानकारी लेनी चाहिए।

Rajaji National Park Photos

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