रमेशचंद्र शाह का परिचय
मूल नाम: रमेशचंद्र शाह
जन्म: 15 नवंबर 1937 | अल्मोड़ा, उत्तराखंड
आयु: 86-87 वर्ष
पेशा: लेखक, कवि, उपन्यासकार, आलोचक
जीवनसाथी: ज्योत्सना मिलन
पुरस्कार: पद्म श्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार
परिचय
रमेशचंद्र शाह भारतीय साहित्य जगत के प्रतिष्ठित कवि, उपन्यासकार और आलोचक हैं। वे साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित उपन्यास "विनायक" के लेखक हैं। उनकी साहित्यिक यात्रा को भारतीय साहित्य के प्रमुख योगदानों में गिना जाता है। वर्ष 2004 में भारत सरकार ने उन्हें "पद्म श्री" पुरस्कार से सम्मानित किया।
जीवनी
रमेशचंद्र शाह का जन्म 15 नवंबर 1937 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के एक पहाड़ी गाँव में हुआ। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर (एमए) और बाद में आगरा विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। उनका शोध विषय था "येट्स एंड एलियट: पर्सपेक्टिव्स ऑन इंडिया"।
अपने करियर की शुरुआत उन्होंने उत्तराखंड के बरेछीना हाई स्कूल में शिक्षण से की। इसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश के सीधी और पन्ना जैसे छोटे शहरों के कॉलेजों में अध्यापन किया। वे हमीदिया कॉलेज, भोपाल में अंग्रेजी साहित्य विभाग के प्रमुख पद से सेवानिवृत्त हुए।
रचनात्मक योगदान
रमेशचंद्र शाह ने कविताएँ, उपन्यास, लघु कथाएँ, यात्रा वृत्तांत, निबंध और नाटक लिखे। उनकी कृतियों में समाज, राजनीति, मानव मनोविज्ञान और सांस्कृतिक मुद्दों का सजीव चित्रण मिलता है।
प्रमुख पुस्तकें और प्रकाशन
उपन्यास:
- गोबरगणेश
- किस्सा गुलाम
- पूर्वापर
- आखिरी दिन
- पुनर्वास
- आप कहीं नहीं रहते विभूति बाबू
- विनायक (साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता)
लघु कथा संग्रह:
- जंगल में आग
- मुहल्ले में रवान
- मानपत्र
- रंगमंच
- प्रतिनिधि कहानियाँ
- कथा सनातन
कविता संग्रह:
- कछुए की पीठ पर
- हरिश्चंद्र आओ
- नाड़ी भागती आई
- प्यारे मुचकुंद को
- देखते हैं शब्द भी अपना समय
- चाक पर समय
- बहुवचन
निबंध संग्रह:
- रचना के बदले
- शैतान के बहाने
- आदमी का पेड़ा
- पढ़ते-पढ़ते
- स्वधर्म और कालगति
- हिंदी की दुनिया में
- पैतृक आवाज़ें
नाटक:
- मारा जाई खुसरो
- मटियाबुर्ज
अन्य रचनाएँ:
- एक लंबी छाँह (यात्रा वृत्तांत)
- मेरे साक्षात्कार (साक्षात्कार संकलन)
व्यक्तिगत जीवन
रमेशचंद्र शाह की पत्नी ज्योत्सना मिलन, एक प्रसिद्ध लेखिका थीं, जिनका निधन वर्ष 2014 में हुआ। वर्तमान में रमेशचंद्र शाह भोपाल में निवास कर रहे हैं।
पुरस्कार और सम्मान:
- पद्म श्री (2004) – भारत सरकार द्वारा चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान।
- साहित्य अकादमी पुरस्कार (2014) – उपन्यास "विनायक" के लिए।
रमेशचंद्र शाह का साहित्यिक जीवन भारतीय साहित्य की एक अमूल्य धरोहर है। उनकी रचनाएँ मानवीय संवेदनाओं और जीवन की जटिलताओं को गहराई से व्यक्त करती हैं। उनकी रचनात्मकता और साहित्यिक योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
रमेशचंद्र शाह पर FQCs (Frequently Asked Questions and Answers):
Q1: रमेशचंद्र शाह कौन हैं?
A: रमेशचंद्र शाह एक भारतीय कवि, उपन्यासकार, आलोचक और साहित्यकार हैं। उन्हें उपन्यास "विनायक" के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।
Q2: रमेशचंद्र शाह का जन्म कब और कहाँ हुआ?
A: उनका जन्म 15 नवंबर 1937 को अल्मोड़ा, उत्तराखंड में हुआ था।
Q3: रमेशचंद्र शाह को कौन-कौन से पुरस्कार मिले हैं?
A: उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री (2004) और साहित्य अकादमी पुरस्कार (2014) प्रदान किए गए हैं।
Q4: रमेशचंद्र शाह की शिक्षा कहाँ से हुई?
A: उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एमए और आगरा विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।
Q5: रमेशचंद्र शाह की प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?
A: उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं:
उपन्यास:
- गोबरगणेश
- विनायक
- किस्सा गुलाम
- पूर्वापर
कविता संग्रह:
- कछुए की पीठ पर
- हरिश्चंद्र आओ
- नाड़ी भागती आई
लघु कथाएँ:
- जंगल में आग
- मुहल्ले में रवान
- मानपत्र
Q6: रमेशचंद्र शाह का पहला उपन्यास कौन सा है?
A: उनका पहला उपन्यास "गोबरगणेश" है, जो अल्मोड़ा के मध्यम वर्गीय परिवारों के जीवन पर आधारित है।
Q7: रमेशचंद्र शाह की पत्नी कौन थीं?
A: उनकी पत्नी ज्योत्सना मिलन थीं, जो एक प्रसिद्ध लेखिका थीं। उनका निधन 2014 में हो गया।
Q8: रमेशचंद्र शाह का साहित्यिक योगदान क्यों महत्वपूर्ण है?
A: उनका साहित्यिक योगदान हिंदी साहित्य में अद्वितीय है। उन्होंने मानव मनोविज्ञान, समाज और संस्कृति पर आधारित रचनाएँ लिखीं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
Q9: रमेशचंद्र शाह ने किस संस्थान में अध्यापन किया?
A: उन्होंने हमीदिया कॉलेज, भोपाल में अंग्रेजी साहित्य के विभागाध्यक्ष के रूप में सेवा दी और वहीं से सेवानिवृत्त हुए।
Q10: रमेशचंद्र शाह की प्रसिद्ध कृति "विनायक" किस विषय पर आधारित है?
A: "विनायक" एक उपन्यास है, जो मानवीय जीवन के जटिल पहलुओं, समाज और संस्कृति की विविधताओं को दर्शाता है।
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