उत्तराखंड में नदियों का अपवाह तंत्र (Drainage System of Rivers in Uttarakhand)

उत्तराखंड में नदियों का अपवाह तंत्र

उत्तराखंड का नदी तंत्र

➣ भारत का सबसे बड़ा जलग्रहण क्षेत्र है हिमालय
➣ भारत की प्रमुख नदियों (गंगा, यमुना, शारदा, सरयू, सरस्वती, भागीरथी) का उद्गम स्थल है हिमालय
➣ उत्तराखंड में बहने वाली अधिकांश नदियाँ हिमालय से निकलती हैं।
➣ उत्तराखंड में अधिकांश नदियों का प्रवाह किस दिशा में होता है? दक्षिण-पूर्व दिशा में
➣ उत्तराखंड की सबसे लंबी नदी है काली (252 किमी)
➣ उत्तराखंड में लम्बाई की दृष्टि से नदियों का क्रम है:

  • काली (252 किमी)
  • भागीरथी (205 किमी)
  • अलकनंदा (195 किमी)
  • पश्चिमी रामगंगा (155 किमी)

गंगा नदी तंत्र

➣ गंगा नदी का उद्गम स्रोत है गंगोत्री ग्लेशियर
➣ गंगोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली गंगा को भागीरथी कहा जाता है।
➣ भागीरथी और अलकनंदा नदियों के संगम स्थल देवप्रयाग में इसे गंगा कहा जाता है।
➣ गंगा की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं: नादगंगा, चंद्रभागा, रतमऊ, सोलानी।

भागीरथी उपतंत्र

➣ भागीरथी का उद्गम स्रोत है गोमुख (गंगोत्री ग्लेशियर)
➣ देवप्रयाग तक भागीरथी नदी की कुल लंबाई है 205 किमी
➣ भागीरथी की सहायक नदियाँ हैं: भिलंगना, रुद्रगंगा, जाडगंगा, सियागंगा।
भिलंगना नदी का उद्गम स्रोत है खतलिंग ग्लेशियर (टिहरी)

अलकनंदा उपतंत्र

➣ अलकनंदा का प्राचीन नाम है विष्णुगंगा
➣ अलकनंदा का उद्गम स्थल है अल्कापुरी ग्लेशियर (सतोपंथ ताल)
➣ इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं: सरस्वती, धौलीगंगा, नंदाकिनी, पिंडर, मंदाकिनी।
➣ पंचप्रयाग हैं:

  • विष्णुप्रयाग (अलकनंदा+धौलीगंगा)
  • नंदप्रयाग (अलकनंदा+नंदाकिनी)
  • कर्णप्रयाग (अलकनंदा+पिंडर)
  • रुद्रप्रयाग (अलकनंदा+मंदाकिनी)
  • देवप्रयाग (अलकनंदा+भागीरथी)

यमुना नदी तंत्र

➣ यमुना नदी का उद्गम स्रोत है यमुनोत्री ग्लेशियर
➣ प्रमुख सहायक नदियाँ हैं: टोंस, असन, कमल, अगलाड़।

शारदा (काली) नदी तंत्र

➣ शारदा नदी को काली नदी भी कहा जाता है।
➣ इसका उद्गम स्थल है कालापानी (पिथौरागढ़)
➣ यह नदी भारत और नेपाल के बीच सीमा रेखा बनाती है।
➣ प्रमुख सहायक नदियाँ हैं: गोरीगंगा, धौलीगंगा, पूर्वी रामगंगा।

अन्य प्रमुख नदियाँ

कोसी नदी का उद्गम स्थल है कसार देवी (अल्मोड़ा)
सरयू नदी बागेश्वर से बहती है और काली से मिलती है।
रामगंगा (पश्चिमी) का उद्गम है दूधातोली श्रेणी
पूर्वी रामगंगा निकलती है पोण्टिंग और नामिक ग्लेशियर से।

उत्तराखंड का नदी तंत्र अपनी पवित्रता, धार्मिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण भारत के भूगोल और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

यमुना नदी तंत्र

यमुना नदी का उद्गम स्रोत: यमुनोत्री हिमनद
यमुनोत्री से ढालीपुर तक की कुल लम्बाई: 136 किमी
यमुनोत्री से इलाहाबाद तक यमुना नदी की कुल लम्बाई: 1,384 किमी
यमुना की सबसे बड़ी सहायक नदी: टौंस
टौंस नदी का उद्गम स्रोत: स्वर्गारोहिणी ग्लेशियर (बन्दरपूंछ पर्वत)
सुपिन शाखा सम्बन्धित है: टौंस नदी से
कालसी व डाकपत्थर के बीच टौंस नदी मिलती है: यमुना नदी से
रामपुर मण्डी (देहरादून) के पास यमुना नदी में मिलने वाली नदी: आसन नदी
यमुना नदी तंत्र की प्रमुख सहायक नदियाँ: ऋषिगंगा, हनुमानगंगा, कृष्णागाड़, बनाड़गाड़, खुतनुगाड़, बरनीगाड़


काली (शारदा) नदी तंत्र

काली (शारदा) नदी का उद्गम स्रोत: मिलम (कालापानी)
स्थानीय भाषा में काली नदी को कहा जाता है: कालापानी गाड़
त्रिपुलेख से टनकपुर तक काली नदी की लम्बाई: 252 किमी
स्कन्ध पुराण में काली नदी का नाम: श्यामा नदी
गंगा प्रवाह वृद्धि में प्रमुख नदी: काली नदी
काली नदी के प्रमुख उपतंत्र: कुठीयांग्टी, पूर्वी धौलीगंगा, गौरीगंगा, सरयू
कुठीयांग्टी नदी का उद्गम स्थल: जैक्सर श्रेणी (पश्चिमी ढाल)
गौरीगंगा एवं कालीगंगा का संगम स्थल: जौलजीवी (पिथौरागढ़)
नेपाल-उत्तराखण्ड की सीमा बनाने वाली नदी: गौरीगंगा उपतंत्र
उत्तराखण्ड की सबसे बड़ा अपवाह क्षेत्रवाली नदी: काली (11,467 वर्ग किमी)
काली नदी को सर्वाधिक जलराशि देने वाली नदी: सरयू (कुमाऊँ)
सरयू नदी का उद्गम स्थल: बागेश्वर
सरयू नदी मिलती है: बागेश्वर, रामेश्वर, पंचेश्वर से काली नदी में


प्रमुख नदियों की लम्बाई एवं इनके किनारे स्थित नगर/कस्बे

काली नदी: टनकपुर, जौलजीवी, झुलाघाट, मपिला, जिब्ती
भागीरथी नदी की कुल लम्बाई: 205 किमी
अलकनन्दा नदी के किनारे स्थित नगर: बद्रीनाथ, जोशीमठ, नन्दप्रयाग, श्रीनगर, गोपेश्वर
कोसी नदी के किनारे स्थित नगर: कौसानी, कोसी खेरेना, रामनगर
रामगंगा (पश्चिमी) नदी की लम्बाई: 155 किमी
सरयू नदी के किनारे स्थित नगर: बैजनाथ, बागेश्वर, शेराघाट
यमुना नदी की लम्बाई: 136 किमी
भिलंगना नदी के किनारे स्थित नगर: नई टिहरी, गवाणा, गंगी
पूर्वी रामगंगा नदी के किनारे स्थित नगर: रामेश्वर, विस्थी
पिण्डार नदी के किनारे स्थित नगर: सिमली, भराल, नारायण बगड़
गौरीगंगा नदी की लम्बाई: 104 किमी
गंगा नदी के किनारे स्थित नगर: देवप्रयाग, कोड़ियाला, शिवपुरी, ऋषिकेश, हरिद्वार
गंगा नदी की लम्बाई: 96 किमी
पश्चिमी घौलीगंगा नदी के किनारे स्थित नगर: मलारी, जेलम, तपोवन
मन्दाकिनी नदी के किनारे स्थित नगर: केदारनाथ, रामबाड़ा, सोनप्रयाग, ऊखीमठ, तिलवाड़ा
मन्दाकिनी नदी की लम्बाई: 72 किमी


प्रदेश में नदियों का प्रवाह-पथ

नदी                            उद्गम से मिलन तक                        अनुमानित दूरी (किमी)
काली नदी                        लिपुलेख-टनकपुर                                244
भागीरथीगोमुख-देवप्रयाग238
अलकनन्दाबद्रीनाथ-देवप्रयाग265
कोसीकौसानी-सुल्तानपुर168
रामगंगा (पश्चिमी)दूधातोली-कालागढ़155
टोन्स (तमसा)हर-की-दून-डाकपत्थर148
सरयूझुन्डी-पंचेश्वर211
यमुनायमुनोत्री-ढालीपुर136
रामगंगा (पूर्वी)नामिक ग्लेशियर-रामेश्वर108
पिण्डारपिण्डारी ग्लेशियर-कर्णप्रयाग105
गौरीमिलम-जौलजीवी309
गौलापहाड़पानी-किच्छा102
धौली (चमोली)देववन हिमनद-विष्णुप्रयाग94
धौली (पिथौरागढ़)गोवानखना हिमनद-तवाघाट91
नयार (पूर्वी)दूधातोली-सतपुली76
नयार (पश्चिमी)दूधातोली-सतपुली67
मंदाकिनीकेदारनाथ-रुद्रप्रयाग84
गंगादेवप्रयाग-हरिद्वार96
नन्दाकिनीनन्दाघुघटी-नंदप्रयाग56
कुटीलम्पियाधूरा-कालीनदी54
लधियाथाली-चूका52
लोहावतीएबोट माउंट-कालीनदी48

Frequently Asked Questions (FQCs) 


1. उत्तराखंड की प्रमुख नदियाँ कौन सी हैं?

उत्तराखंड राज्य की प्रमुख नदियाँ हैं: गंगा, भागीरथी, अलकनंदा, यमुना, काली (शारदा), सरयू, रामगंगा और मंदाकिनी


2. गंगा नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?

गंगा नदी का उद्गम स्थल गंगोत्री ग्लेशियर है, जो उत्तराखंड के गंगोत्री में स्थित है।


3. भागीरथी और अलकनंदा का संगम स्थल कहाँ है?

भागीरथी और अलकनंदा का संगम स्थल देवप्रयाग है, जो एक प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है।


4. यमुना नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?

यमुना नदी का उद्गम स्थल यमुनोत्री ग्लेशियर है, जो उत्तरकाशी जिले में स्थित है।


5. काली नदी का उद्गम स्थल कहाँ है?

काली (शारदा) नदी का उद्गम स्थल कालापानी है, जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है।


6. उत्तराखंड में नदी संगम स्थल क्यों महत्वपूर्ण हैं?

नदी संगम स्थल, जैसे देवप्रयाग, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग आदि, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन स्थानों पर स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।


7. अलकनंदा और भागीरथी नदी के संगम स्थल का धार्मिक महत्व क्या है?

देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी का संगम होता है, और इसे हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है। यहां के पवित्र जल को स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है।


8. गंगा नदी का धार्मिक महत्व क्या है?

गंगा नदी को पवित्र नदी माना जाता है। इसका जल पापों से मुक्ति दिलाने के लिए प्रसिद्ध है, और इसे मोक्ष की प्राप्ति का साधन माना जाता है।


9. उत्तराखंड में स्थित प्रमुख घाट कहाँ हैं?

उत्तराखंड में प्रमुख गंगा घाट हैं:

  • हरिद्वार: हरकी पौड़ी
  • ऋषिकेश: त्रिवेणी घाट
  • देवप्रयाग: संगम स्थल

10. उत्तराखंड में स्थित प्रसिद्ध नदी पूजा स्थल कौन से हैं?

उत्तराखंड में गंगा, यमुना, अलकनंदा और भागीरथी नदियों के किनारे कई प्रसिद्ध नदी पूजा स्थल हैं, जिनमें:

  • गंगोत्री (गंगा नदी)
  • यमुनोत्री (यमुना नदी)
  • बद्रीनाथ (अलकनंदा नदी)

11. गंगा नदी का संगम स्थल देवप्रयाग क्यों महत्वपूर्ण है?

देवप्रयाग का संगम स्थल विशेष धार्मिक महत्व रखता है क्योंकि यहाँ भागीरथी और अलकनंदा नदियाँ मिलती हैं, और इसे गंगा नदी के प्रारंभ स्थल के रूप में पूजा जाता है।


12. गंगा नदी के किनारे कौन से प्रमुख तीर्थ स्थल हैं?

गंगा नदी के किनारे स्थित प्रमुख तीर्थ स्थल हैं:

  • हरिद्वार (हरकी पौड़ी)
  • ऋषिकेश (त्रिवेणी घाट)
  • वाराणसी (काशी विश्वनाथ मंदिर)
  • इलाहाबाद (प्रयागराज)

13. गंगा नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

नमामि गंगे योजना के तहत सरकार गंगा नदी को साफ करने के लिए कई प्रयास कर रही है, जिनमें नालों से निकलने वाले अवशेषों को रोकना, जल उपचार संयंत्रों का निर्माण, और घाटों की सफाई शामिल हैं।


14. गंगा नदी का पर्यावरणीय संकट क्यों बढ़ रहा है?

गंगा नदी में बढ़ता प्रदूषण, अवैध खनन, और जलवायु परिवर्तन के कारण गंगा नदी का पर्यावरणीय संकट बढ़ रहा है। इसके जल का स्तर भी प्रभावित हो रहा है।


15. काली नदी के जल का महत्व क्या है?

काली (शारदा) नदी का जल क्षेत्रीय कृषि, जल आपूर्ति और धार्मिक उपयोग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह नदी भारत और नेपाल के बीच सीमा रेखा भी बनाती है।


16. उत्तराखंड में बहने वाली प्रमुख नदियों की लंबाई कितनी है?

उत्तराखंड में बहने वाली प्रमुख नदियों की लंबाई लगभग:

  • गंगा: 2,525 किमी
  • भागीरथी: 200 किमी
  • अलकनंदा: 200 किमी

17. देवप्रयाग का धार्मिक महत्व क्या है?

देवप्रयाग का धार्मिक महत्व इस कारण है कि यहां पर भागीरथी और अलकनंदा नदियाँ मिलती हैं, और इसे गंगा के उत्पन्न होने का स्थान माना जाता है।


18. यमुना नदी का जल क्या विशेषता रखता है?

यमुना नदी का जल धार्मिक दृष्टि से शुद्ध और पवित्र माना जाता है। इसके किनारे यमुनोत्री और कृष्ण जन्म भूमि जैसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं।


19. उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन का नदियों पर क्या असर हो रहा है?

जलवायु परिवर्तन के कारण उत्तराखंड की नदियाँ, खासकर गंगा, यमुना, और भागीरथी, के जल स्तर में उतार-चढ़ाव आ रहा है। ग्लेशियरों के पिघलने से भी इन नदियों में पानी की उपलब्धता पर असर पड़ रहा है।


20. अलकनंदा और मंदाकिनी का संगम स्थल कहाँ है?

अलकनंदा और मंदाकिनी का संगम रुद्रप्रयाग में होता है। यह स्थान भी एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।


21. काली नदी का शाब्दिक अर्थ क्या है?

काली नदी का शाब्दिक अर्थ "काले रंग की नदी" है, और इसे विशेष रूप से धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है।


22. उत्तराखंड में नदियों का पर्यावरणीय संरक्षण कैसे किया जा रहा है?

उत्तराखंड में नदी संरक्षण योजनाओं के तहत सरकार, NGOs और स्थानीय समुदाय मिलकर नदियों के पानी को साफ रखने, अवैध खनन को रोकने और जलवायु परिवर्तन से नदियों को बचाने के प्रयास कर रही है।


23. गंगा नदी के किनारे कैसे यात्रा की जा सकती है?

गंगा नदी के किनारे यात्रा करने के लिए, आप हरिद्वार, ऋषिकेश, और वाराणसी जैसे स्थानों पर जा सकते हैं। यहां विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।


24. उत्तराखंड में गंगा नदी की सफाई के लिए कौन से प्रमुख कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं?

नमामि गंगे कार्यक्रम और गंगा पुनर्जीवन योजना के तहत गंगा नदी को साफ और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।


25. उत्तराखंड में नदियों के किनारे कौन सी प्रमुख झीलें हैं?

उत्तराखंड में स्थित प्रमुख झीलें हैं:

  • नैनिताल झील
  • भीमताल झील
  • सातताल झील

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