फौजी ललित मोहन जोशी: उत्तराखंड के लोकगायक का जीवन परिचय (Fouji Lalit Mohan Joshi Biography in Hindi)
फौजी ललित मोहन जोशी: उत्तराखंड के लोकगायक का जीवन परिचय
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील के धुरातोली गांव में जन्मे फौजी ललित मोहन जोशी कुमाऊंनी लोकगीतों का वह चमकता सितारा हैं, जिन्होंने अपनी सुरीली आवाज और अनूठी शैली से उत्तराखंड की संगीत इंडस्ट्री को एक नई पहचान दी है। उनका जन्म 26 जुलाई 1982 को हुआ था। फौजी के नाम से मशहूर ललित मोहन जोशी भारतीय सेना के एक वीर जवान होने के साथ-साथ उत्तराखंड के एक प्रमुख लोकगायक और स्टेज परफॉर्मर हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
फौजी ललित मोहन जोशी की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव के प्राथमिक विद्यालय ऊच्छेती, मुनस्यारी में हुई। इसके बाद उन्होंने माध्यमिक शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज मुनस्यारी से प्राप्त की। संगीत के प्रति उनके रुझान ने बचपन से ही उन्हें एक अलग दिशा दी।
भारतीय सेना और संगीत का सफर
1999 में भारतीय सेना में शामिल होने के बाद भी उन्होंने अपने संगीत के सपने को नहीं छोड़ा। साल 2001 में उनकी पहली कुमाऊंनी एल्बम "तेरी भोली अन्वारा" रिलीज़ हुई। इस एल्बम का गीत "टक टका टक कमला बाटुली लगाए" बेहद लोकप्रिय हुआ और उन्हें उत्तराखंड म्यूजिक इंडस्ट्री में पहचान दिलाई।
अब तक, फौजी ललित मोहन जोशी 1500 से अधिक गानों को अपनी आवाज दे चुके हैं। उनके गाए हिट गानों में "टक टक कमला बाटुली लगाए," "ओ चंदू ड्राइवरा माठू माठ गाड़ी चला," "हे दीपा मिजात दीपा," "हल्द्वानी बाजार में मेरु झुमका गिरीगो," और "जम्मू कश्मीरा ड्यूटी मेरी" शामिल हैं।
परिवार और व्यक्तिगत जीवन
फौजी ललित मोहन जोशी का परिवार संगीत और देशसेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का आधार है। उनके पिता स्वर्गीय पुरुषोत्तम जोशी, माता धना देवी, और पत्नी जानवी जोशी उनके प्रेरणास्रोत हैं। उनके दो बच्चे सक्षम जोशी और सार्थक जोशी हैं।
फौजी के सुपरहिट गाने और परफॉर्मेंस
फौजी के गाने न केवल उत्तराखंड बल्कि विदेशों में बसे प्रवासी उत्तराखंडियों के बीच भी बेहद लोकप्रिय हैं। उनकी स्टेज परफॉर्मेंस ने दुबई, साउथ अफ्रीका, और अबू धाबी जैसे देशों में दर्शकों का दिल जीता है।
लोकप्रिय गाने:
- टक टक कमला बाटुली लगाए
- ओ चंदू ड्राइवरा माठू माठ गाड़ी चला
- हल्द्वानी बाजार में मेरु झुमका गिरीगो
- जम्मू कश्मीरा ड्यूटी मेरी
कुमाऊंनी संगीत के प्रति समर्पण
फौजी ललित मोहन जोशी का मानना है कि संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने अपनी गायकी से उत्तराखंड की संस्कृति को जीवंत रखने का प्रयास किया है।
जीवनी का सारांश
नाम | ललित मोहन जोशी (फौजी) |
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जन्मतिथि | 26 जुलाई 1982 |
जन्म स्थान | धुरातोली, मुनस्यारी, पिथौरागढ़ |
पिता का नाम | स्वर्गीय पुरुषोत्तम जोशी |
माता का नाम | धना देवी |
जीवनसाथी | जानवी जोशी |
बच्चे | सक्षम जोशी, सार्थक जोशी |
व्यवसाय | सैनिक, लोकगायक |
पहला एल्बम | "तेरी भोली अन्वारा" (2001) |
प्रमुख हिट गाने | "टक टका टक कमला," "ओ चंदू ड्राइवरा" |
फौजी ललित मोहन जोशी के सुपरहिट गाने Fouji Lalit Mohan Joshi Songs List
2023
- पलटन ड्यूटी (फीचर फौजी ललित मोहन जोशी)
- त्यार खुटा झांवरी (करतब: हिमांशु आर्य, हिमानी कोरंगा)
2022
- धना
2021
- ताक ताक ताक कमला
- एक नज़र
- काफल दानी झोड़ा
2020
- तेरी भोली अनवारा
- गले को ग्लो बंदा भोजी
2014
- मायादार बिनीता (एल्बम: दिल की कल्पना)
- ज्यूंयाली रात (एल्बम: दिल की कल्पना)
2013
- अरे दीपा मिजाज (एल्बम: हे दीपा जींस टॉप वाली)
- लाल रेंज सिंदूर (एल्बम: हे दीपा जींस टॉप वाली)
- नानी नानी सीमा
- क्या भली लगछी बिमला (एल्बम: हे दीपा जींस टॉप वाली)
- पार भिड़ा (एल्बम: हे दीपा जींस टॉप वाली)
- रम झूम बरखा जो लगेगी (एल्बम: राधा मदामा)
- पराणी मायादार बिंदुली (एल्बम: नानी नानी सीमा)
2011
- उड़ी जा पंछी (एल्बम: की भालो तेरो मन)
- बाली छा उमर तारा (एल्बम: सबोके दिगे झटका)
- अल्मोड़े के गंगा (एल्बम: सबोके दिगे झटका)
- कॉलेज की मंजू (एल्बम: सबोके दिगे झटका)
2008
- किस्मत में संध्या (एल्बम: साँची मेरो प्यार)
- हिट मंजू (एल्बम: मैं उड़नी भौंवरा)
- ना जावे भावना (एल्बम: मैं उड़नी भौंवरा)
2007
- ओ मेरी माया (एल्बम: जवानी उमर माँ)
- मेरी प्यारी (एल्बम: जवानी उमर माँ)
- जय जय देवा चितेई गोलू (एल्बम: मीठी तेरी बोली)
2006
- ओ दीपा घस्यारी (एल्बम: घुमी आली पहाड़)
- कंचना मेरा पहाड़ ..मेरी भीनु नै (एल्बम: यो दिल भीतर)
2001
- नैनीताल की मधुली (एल्बम: दिल कैसे थामुला - कुमाउनी चित्र गीत)
- ओ मेरी चंदा (एल्बम: दिल कैसे थामुला - कुमाउनी चित्र गीत)
निष्कर्ष
फौजी ललित मोहन जोशी का जीवन संघर्ष, सफलता, और समर्पण का एक आदर्श उदाहरण है। भारतीय सेना में रहते हुए भी उन्होंने अपनी कला और संस्कृति को आगे बढ़ाया। उनकी गायकी से न केवल उत्तराखंड के लोग, बल्कि दुनिया भर में बसे प्रवासी उत्तराखंडी भी प्रेरणा लेते हैं।
उत्तराखंड के इस संगीत नायक को हमारी ओर से सलाम!
Frequently Asked Questions (FAQs)
1. फौजी ललित मोहन जोशी कौन हैं?
फौजी ललित मोहन जोशी उत्तराखंड के एक लोकप्रिय लोकगायक और सैनिक हैं। वे अपने कुमाऊंनी गानों और लाइव परफॉर्मेंस के लिए प्रसिद्ध हैं।
2. फौजी ललित मोहन जोशी का जन्म कब और कहां हुआ?
उनका जन्म 26 जुलाई 1982 को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील के धुरातोली गांव में हुआ।
3. फौजी ललित मोहन जोशी का पहला हिट गाना कौन सा था?
उनका पहला हिट गाना "टक टक कमला बाटुली लगाए" था, जिसे 2001 में रिलीज़ किया गया।
4. फौजी ललित मोहन जोशी ने अब तक कितने गाने गाए हैं?
फौजी ललित मोहन जोशी अब तक 1500 से अधिक गाने गा चुके हैं।
5. फौजी ललित मोहन जोशी भारतीय सेना में कब भर्ती हुए?
वे साल 1999 में भारतीय सेना में भर्ती हुए और पिछले 25 वर्षों से देश सेवा कर रहे हैं।
6. उनके परिवार में कौन-कौन हैं?
उनके परिवार में उनकी पत्नी जानवी जोशी और दो बच्चे, सक्षम जोशी और सार्थक जोशी हैं।
7. फौजी ललित मोहन जोशी को कहां-कहां लाइव परफॉर्मेंस देने का मौका मिला है?
उन्होंने दुबई, साउथ अफ्रीका, और अबू धाबी जैसे देशों में लाइव परफॉर्मेंस दी है।
8. फौजी ललित मोहन जोशी ने संगीत जगत में कब कदम रखा?
उन्होंने उत्तराखंड के संगीत जगत में साल 2001 में अपनी पहली एल्बम "तेरी भोली अन्वारा" के साथ कदम रखा।
9. क्या फौजी ललित मोहन जोशी ने उत्तराखंड की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कोई पहल की है?
हां, उन्होंने अपने गानों के जरिए उत्तराखंड की संस्कृति और लोक संगीत को बढ़ावा देने का काम किया है।
10. उनके अन्य प्रसिद्ध गाने कौन-कौन से हैं?
उनके अन्य प्रसिद्ध गाने हैं:
- "ओ चंदू ड्राइवरा माठूमाठ गाड़ी चला"
- "हे दीपा मिजात दीपा"
- "हल्द्वानी बजार में मेरु झुमका गिरी गो"
- "जम्मू कश्मीरा ड्यूटी मेरी"
11. फौजी ललित मोहन जोशी युवाओं को क्या संदेश देते हैं?
वे युवाओं को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहने और उनका सम्मान करने का संदेश देते हैं।
12. क्या फौजी ललित मोहन जोशी आने वाले समय में और गाने रिलीज़ करेंगे?
हां, वे दर्शकों के लिए और बेहतरीन गाने लेकर आने वाले हैं।
13. उनके गाने विदेशों में कितने लोकप्रिय हैं?
उनके गाने विदेशों में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
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