उत्तराखंड में उद्योगों की वृद्धि: अवसर और चुनौतियाँ (Growth of Industries in Uttarakhand: Opportunities and Challenges)

उत्तराखंड की औद्योगिक संरचना

उत्तराखंड की औद्योगिक संरचना के विकास की शुरुआत नवम्बर, 2000 में राज्य के गठन से पहले से ही होती है। उत्तराखंड का क्षेत्र औद्योगिक दृष्टि से अपेक्षाकृत पिछड़ा हुआ था। लेकिन, समय के साथ राज्य में औद्योगिक विकास के लिए कई योजनाओं और प्रोत्साहन नीतियों को लागू किया गया है।

उत्तराखंड का औद्योगिक विकास

उत्तराखंड के गठन के पहले इसे औद्योगिक दृष्टि से एक उद्योग विहीन क्षेत्र के रूप में जाना जाता था। वर्ष 2003 में, राज्य को केंद्र सरकार द्वारा विशेष औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज प्राप्त हुआ, जिससे राज्य में औद्योगिक क्रांति की नींव रखी गई। इसके बाद, 2008 में, उत्तराखंड के पिछड़े पर्वतीय जिलों के लिए विशेष एकीकृत औद्योगिक प्रोत्साहन नीति की घोषणा की गई थी।

प्रमुख उद्योग

उत्तराखंड के प्रमुख उद्योग कृषि, खनिज और वन संसाधनों पर आधारित हैं। इसके अलावा, राज्य में हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग भी अत्यधिक महत्व रखते हैं।

कृषि आधारित उद्योग

उत्तराखंड में प्रमुख कृषि आधारित उद्योगों में चीनी, चाय, सूती वस्त्र, औषधि और फल शामिल हैं। राज्य में चीनी मिलों की संख्या 10 है, जिनमें से 4 सहकारी क्षेत्र, 2 सार्वजनिक क्षेत्र और 4 निजी क्षेत्र में कार्य करती हैं। ऊधमसिंह नगर, काशीपुर और हरिद्वार में अधिकांश चीनी मिलें स्थित हैं।

चाय उद्योग

उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले के कौसानी और चमोली जिले के नौटी क्षेत्र में उत्तम किस्म की ऑर्गेनिक चाय का उत्पादन किया जाता है। राज्य में चाय विकास बोर्ड की स्थापना अल्मोड़ा में की गई थी और 2001 में कुमाऊं मंडल विकास निगम ने कौसानी आधुनिक चाय फैक्ट्री में ऑर्गेनिक चाय का उत्पादन प्रारंभ किया।

सूती वस्त्र उद्योग

उत्तराखंड की सबसे पुरानी सूती वस्त्र मिल काशीपुर (ऊधमसिंह नगर) में स्थित है। राज्य में सूती वस्त्र मिलों का केंद्रीकरण देहरादून, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में हुआ है।

औषधि उद्योग

उत्तराखंड में 2000 से अधिक प्रकार की जड़ी-बूटियाँ पाई जाती हैं, और यहां औषधि निर्माण के लिए प्रमुख केंद्र देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और नैनीताल जिलों में स्थित हैं।

फल उत्पादन

उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति और जलवायु फलों की कृषि के लिए अनुकूल हैं। आम, लीची, केला, अमरूद, पपीता, और रसभरी जैसे फल राज्य में उगाए जाते हैं। रामगढ़ (नैनीताल) में फल संरक्षण केंद्र संचालित हैं।

खनिज आधारित उद्योग

उत्तराखंड के प्रमुख खनिज उद्योग मैग्नेसाइट, सिलिका और चूने के खनिजों पर आधारित हैं। राज्य के देहरादून जिले में चूने के भंडार अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, और यहां की सीमेंट फैक्ट्रियाँ भी प्रसिद्ध हैं।

वन आधारित उद्योग

उत्तराखंड के प्रमुख वन आधारित उद्योगों में कागज, लकड़ी, दियासलाई और रेशम शामिल हैं। नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में कागज उद्योग का बड़ा केंद्र है, और एशिया का सबसे बड़ा कागज उद्योग सेंचुरी पेपर एण्ड पल्प मिल नैनीताल में स्थित है। इसके अलावा, राज्य के अन्य क्षेत्रों में लकड़ी के फर्नीचर और बेंत का निर्माण भी बड़े पैमाने पर होता है।

हस्तशिल्प उद्योग

उत्तराखंड के चमोली, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिले में रिंगाल (बांस की एक प्रजाति) से विभिन्न हस्तशिल्प उत्पाद बनाए जाते हैं, जैसे कि डाले, कण्डी, चटाई, सूप, टोकरी और मोस्टा। इसके अलावा, पिथौरागढ़ और चमोली में कालीन उद्योग भी प्रसिद्ध है।

अन्य प्रमुख उद्योग

उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर रंग वार्निश, गन्धराल, गन्धक की गड्डी, धुलाई का साबुन इत्यादि का उत्पादन होता है। इसके अलावा, यहां के पौड़ी और अल्मोड़ा जिलों में ऊनी वस्त्र उद्योग अत्यधिक प्रसिद्ध हैं। राज्य के नैनीताल, चम्पावत, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, टिहरी, बागेश्वर और देहरादून जिलों में भी ऊनी वस्त्र उद्योग प्रमुख रूप से होता है।

हरिद्वार में हिंदुस्तान मशीन टूल्स और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) के उद्योग स्थापित हैं। इसके अलावा, राज्य के अन्य स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीफोन फैक्ट्रियाँ भी स्थित हैं।

उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास योजनाएं

उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं, जिनके माध्यम से राज्य में औद्योगिक क्षेत्र का विकास हुआ है। इन योजनाओं में विभिन्न कार्यक्रमों, नीतियों और संस्थाओं के माध्यम से उद्योगों को प्रोत्साहन दिया गया है।

औद्योगिक योजनाओं के प्रमुख पहलू

उत्तराखण्ड में लघु उद्योगों की स्थापना हेतु उद्यमियों के अभिप्रेरण, परामर्श एवं मार्गदर्शन के लिए किसकी स्थापना की गई है?
जिला उद्योग केन्द्र
यह केन्द्र लघु उद्योगों के स्थापना और संचालन में उद्यमियों को मार्गदर्शन प्रदान करता है।

उत्तराखण्ड में लघु उद्योगों का अस्थायी एवं स्थायी पंजीकरण किसके द्वारा किया जाता है?
जिला उद्योग केन्द्र
लघु उद्योगों के पंजीकरण की प्रक्रिया जिला उद्योग केन्द्र के द्वारा संपन्न की जाती है।

उत्तराखण्ड में स्वरोजगार को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना कर सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र हेतु कितने लाख तक की परियोजनाएँ स्थापित हैं?
3 लाख तक
स्वरोजगार बढ़ाने के लिए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना की जाती है, जिनकी परियोजनाएं 3 लाख तक की होती हैं।

उत्तराखण्ड के विनिर्माणक क्षेत्र में कितनी धनराशि की परियोजनाओं को बैंकों के माध्यम से वित्त पोषित कराया जाता है?
5 लाख
विनिर्माण क्षेत्र में बैंकों के माध्यम से 5 लाख तक की परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

उत्तराखण्ड में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किसके द्वारा किया जाता है?
खादी बोर्ड
खादी और ग्रामोद्योग से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन खादी बोर्ड द्वारा किया जाता है।


उत्तराखण्ड की औद्योगिक नीतियाँ

उत्तराखण्ड में औद्योगिक नीति के तहत कई योजनाओं और पहलुओं को लागू किया गया है, जिनसे औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहन मिला है।

उत्तराखण्ड में कब सर्वप्रथम औद्योगिक नीति की घोषणा की गई थी?
7 जुलाई, 2003
सर्वप्रथम औद्योगिक नीति की घोषणा उत्तराखण्ड में 7 जुलाई, 2003 को की गई थी।

उत्तराखण्ड की नई औद्योगिक नीति का प्रमुख उद्देश्य क्या था?
निवेशकों हेतु सहयोगी एवं मैत्रीपूर्ण वातावरण तैयार करना
नई औद्योगिक नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य में निवेशकों को सहयोग देने और एक मैत्रीपूर्ण वातावरण प्रदान करना था।

उत्तराखण्ड में नई औद्योगिक नीति के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय मानवीकरण संगठन प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाली इकाइयों को कितना अनुदान दिया गया?
₹75000
नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत, अंतर्राष्ट्रीय मानवीकरण संगठन प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाली इकाइयों को ₹75000 का अनुदान दिया गया।

उत्तराखण्ड में औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2008 के अन्तर्गत औद्योगिक विकास करने हेतु राज्यों को कितने वर्गों में विभाजित किया गया है?
दो
औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2008 के तहत, औद्योगिक विकास के लिए राज्यों को दो वर्गों में विभाजित किया गया है।

उत्तराखण्ड में औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2008 के अन्तर्गत पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, चम्पावत तथा रुद्रप्रयाग को किस श्रेणी में रखा है?
श्रेणी ए
इन जिलों को औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2008 के तहत श्रेणी ए में रखा गया है।

उत्तराखण्ड में औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2008 के अन्तर्गत पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा, बागेश्वर का सम्पूर्ण क्षेत्र देहरादून के विकास नगर, डोईवाला, सहसपुर तथा रायपुर को छोड़कर शेष क्षेत्र और नैनीताल के हल्द्वानी व रामनगर को छोड़कर शेष क्षेत्र किस श्रेणी में आता है?
श्रेणी बी
यह क्षेत्र औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के तहत श्रेणी बी में आता है।

उत्तराखण्ड में लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में पूँजी निवेश को बढ़ावा देने, स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु कौन-सी नीति लागू की है?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति 2015
यह नीति सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई है।

उत्तराखण्ड में सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम नीति 2015 कब तक प्रभावी रहेगी?
31 मार्च, 2020
यह नीति 31 मार्च, 2020 तक प्रभावी रही।

उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिए कौन-सा विजन प्लान तैयार किया गया था?
औद्योगिक विजन प्लान 2020
यह विजन प्लान औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था।

उत्तराखण्ड में किस नीति के अन्तर्गत औद्योगिक इकाइयों को शुल्क तथा अन्य करों से छूट दिए जाने तथा स्थानीय उद्यमियों को बैंक से ऋण लेने में सहयोग देने का प्रावधान है?
औद्योगिक विजन प्लान 2020
औद्योगिक विजन प्लान 2020 के तहत औद्योगिक इकाइयों को विभिन्न प्रकार की छूट दी जाती है।

देश का प्रथम एकीकृत औद्योगिक विकास निगम कौन-सा है?
सिडकुल
सिडकुल भारत का पहला एकीकृत औद्योगिक विकास निगम है।

उत्तराखण्ड में पूँजी निवेश एवं अवस्थापना सुविधाओं में विकास हेतु किसकी स्थापना की थी?
राज्य औद्योगिक विकास निगम
राज्य औद्योगिक विकास निगम की स्थापना पूंजी निवेश और अवस्थापना सुविधाओं में विकास के लिए की गई थी।

उत्तराखण्ड में सिडकुल द्वारा विकसित 'इंडस्ट्रियल एक्टेट' किन शहरों में है?
रुद्रपुर, पन्तनगर, हरिद्वार, सितारगंज
सिडकुल द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्र रुद्रपुर, पन्तनगर, हरिद्वार और सितारगंज में स्थित हैं।

उत्तराखण्ड में पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड की स्थापना कब की गई थी?
2000 (हरिद्वार)
पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड की स्थापना 2000 में हरिद्वार में की गई थी।

उत्तराखण्ड में किसकी स्थापना शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण खनिज और हर्बल उत्पादों के निर्माण हेतु की गई थी?
पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड
यह कंपनी शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण खनिज एवं हर्बल उत्पादों का निर्माण करती है।

उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने वाली विश्वव्यापी सार्वजनिक लिमिटेड कम्पनी कौन-सी है?
पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड
पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने वाली प्रमुख सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी है।

उत्तराखण्ड के किस शहर को अधिक जनसंख्या के कारण इण्डस्ट्रियल एरिया के रूप में विकसित किया गया है?
रुद्रपुर
रुद्रपुर को अधिक जनसंख्या के कारण औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया है।

रुद्रपुर इण्डस्ट्रियल एरिया को किसके द्वारा विकसित किया गया है?
सिडकुल (स्टेट इण्डस्ट्रियल डेवलपमेण्ट ऑफ उत्तराखण्ड लिमिटेड)
रुद्रपुर औद्योगिक क्षेत्र को सिडकुल द्वारा विकसित किया गया है।

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