जय गोलज्यू महाराज - गोलू देवता की आरती और महत्व (Jai Golju Maharaj - Aarti and Significance of Golu Devta)
जय गोलज्यू महाराज - गोलू देवता की आरती और महत्व
Introduction: गोलू देवता, जिन्हें कुमाऊं क्षेत्र में न्याय का देवता माना जाता है, एक प्रतिष्ठित और अत्यधिक पूजनीय देवता हैं। उनके मंदिर उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं, जिनमें चितई, अल्मोड़ा, चंपावत, घोड़ाखाल, और गैराड जैसे प्रसिद्ध स्थल शामिल हैं। इन मंदिरों में भक्तों का आस्था का सागर उमड़ता है, जहां वे न्याय की प्राप्ति और इच्छाओं की पूर्ति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। इस ब्लॉग में हम गोलू देवता की एक प्रसिद्ध आरती, उनके मंदिरों की महत्ता, और गोलू देवता से जुड़ी कथाओं का विवरण करेंगे।
आरती: जय गोलज्यू महाराज
चितई गोलू मंदिर, अल्मोड़ा
आरती- जय गोलज्यू महाराज.
जय हो जय गोलज्यू महाराज,
ज्योति जलूनों तेरी।
सुफल करिए काज।
जय गोलज्यू महाराज.....!!!
पाड़ी में बगन तू आछे,
लुवे को पिटार में नादान,
देवा लुवे को पीटार में नादान।
गोरी घाट भाना पायो।
पड़ी गयो गोरिया नाम।
जय हो जय गोलज्यू महाराज.....!!!
हरुआ, कलुवा भाई तेरो,
बड़ छेना जो दीवान,
देवा बड़ छेना जो दीवान।
माता कालिका तेरी।
बाबू झालो राज़।
जय हो जय गोलज्यू महाराज.....!!!
सुखिले लुकड़ टांक तेरो,
कांठ का घोड़ में सवार,
देवा काठ को घोड़ में सवार।
लुवे की लगाम हाथयू में।
चाबुक छू हथियार।
जय हो जय गोलज्यू महाराज.....!!!
न्याय तेरो हुं साची,
सब उनी तेरो द्वार,
देवा सब उनी तेरो द्वार।
जो मांखी तेरो नो ल्यूं।
लगे वीक नय्या पार।
जय गोलज्यू महाराज.....!!!
दधू, बतास और नारियल,
फूल चडनी तेरो द्वार,
देवा फूल चडनी तेरो द्वार।
प्रथम मंदीर चम्पावत।
फिर चितई, घोड़ाखाल।
जय गोलज्यू महाराज.....!!!
गोलू देवता के मंदिर: FAQ (Frequently Asked Questions)
Introduction: गोलू देवता, जिन्हें न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है, उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में अत्यधिक श्रद्धा और आस्था का केंद्र हैं। उनके मंदिर खासकर चितई, चंपावत, घोड़ाखाल और गैराड (बिन्सर) में प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में भक्त न्याय, सुख, समृद्धि और इच्छाओं की पूर्ति के लिए पूजा करते हैं। इस ब्लॉग में हम गोलू देवता के मंदिरों से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्नों के उत्तर देंगे।
Frequently Asked Questions (FAQ)
1. गोलू देवता कौन हैं?
गोलू देवता को गौर भैरव (शिव) का अवतार माना जाता है। उन्हें विशेष रूप से न्याय का देवता माना जाता है। कुमाऊं क्षेत्र में गोलू देवता की पूजा की जाती है, और भक्त उन्हें न्याय प्रदान करने वाला मानते हैं।
2. गोलू देवता के मंदिर कहां स्थित हैं?
गोलू देवता के प्रमुख मंदिर कुमाऊं क्षेत्र में स्थित हैं:
- चितई गोलू मंदिर (अल्मोड़ा)
- चंपावत गोलू देवता मंदिर
- घोड़ाखाल गोलू देवता मंदिर
- गैराड (बिन्सर) गोलू देवता मंदिर
इनमें से चितई मंदिर सबसे प्रसिद्ध और आस्था का केंद्र है।
3. गोलू देवता के मंदिरों में भक्त क्या करते हैं?
गोलू देवता के मंदिरों में भक्त अपने मन की इच्छाओं को पूरा करने के लिए पूजा करते हैं। वे अपने मुकदमों में न्याय की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं और मंदिर में घंटी चढ़ाते हैं। यह परंपरा है कि भक्त अपनी इच्छाओं के पूरा होने के बाद मंदिर में घंटी चढ़ाते हैं।
4. गोलू देवता की पूजा विधि क्या है?
गोलू देवता की पूजा में मुख्य रूप से दीप जलाने, घंटी चढ़ाने, और विशेष रूप से न्याय के लिए प्रार्थना की जाती है। भक्त अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए मंदिर में विभिन्न अनुष्ठान करते हैं। इसके अलावा, भक्त अक्सर स्टांप पेपर पर अपनी याचिका लिखकर मंदिर में डालते हैं।
5. गोलू देवता के साथ जुड़ी पौराणिक कथा क्या है?
गोलू देवता की एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा है, जिसमें एक राजा शिकार के दौरान प्यासा हो गया था। उसने अपने सेवक को पानी लाने भेजा, लेकिन सेवक ने ध्यान में डूबी एक महिला संत को परेशान कर दिया। इस पर संत ने गुस्से में आकर राजा का अपमान किया। राजा ने बाद में गोलू देवता से न्याय की प्रार्थना की, और उनके न्यायपूर्ण कार्यों की शुरुआत हुई।
6. गोलू देवता के मंदिर में घंटियाँ क्यों चढ़ाई जाती हैं?
गोलू देवता के मंदिरों में भक्त अपनी इच्छाओं की पूर्ति के बाद घंटियाँ चढ़ाते हैं। यह एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसे श्रद्धा से निभाया जाता है। घंटियाँ मंदिर के परिसर में लटकी होती हैं और यह भक्तों की आस्था का प्रतीक मानी जाती हैं।
7. गोलू देवता का न्याय क्या होता है?
गोलू देवता को न्याय का देवता माना जाता है। भक्त उन्हें अपने मुद्दों और समस्याओं के समाधान के लिए पूजते हैं। ऐसा माना जाता है कि गोलू देवता अपने भक्तों को न्याय प्रदान करते हैं, चाहे वह कानूनी मुद्दे हों या व्यक्तिगत समस्याएं।
8. घोड़ाखाल मंदिर में कौन सा अनुष्ठान प्रसिद्ध है?
घोड़ाखाल मंदिर में एक प्रसिद्ध अनुष्ठान है, जिसमें भक्त स्टांप पेपर पर याचिका लिखकर मंदिर में डालते हैं। यह अनुष्ठान विशेष रूप से मुकदमों में सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
9. गोलू देवता का मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
गोलू देवता के मंदिर प्रसिद्ध हैं क्योंकि यहां भक्तों को त्वरित न्याय की प्राप्ति होती है। इन मंदिरों में आयोजित पूजा-अर्चनाएँ और आरतियाँ भक्तों को शांति और आशीर्वाद प्रदान करती हैं। गोलू देवता के मंदिरों की सबसे खास बात यह है कि यहां घंटियों का बहुत बड़ा संग्रह देखा जा सकता है, जो भक्तों के द्वारा चढ़ाई जाती हैं।
10. गोलू देवता की पूजा का वैज्ञानिक महत्व क्या है?
गोलू देवता की पूजा का वैज्ञानिक महत्व इस दृष्टिकोण से देखा जा सकता है कि यहां भक्त अपने मानसिक तनाव को कम करने के लिए पूजा करते हैं। पूजा और आरती से शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो मानसिक स्थिति को बेहतर करता है। घंटी का आवाज़ भी मानसिक शांति और ध्यान की स्थिति को प्रोत्साहित करता है।
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