कटारमल सूर्य मन्दिर: एक अद्वितीय ऐतिहासिक धरोहर
धर्म संबंधी जानकारी
- सम्बद्धता: हिन्दू धर्म
- शासी निकाय: अधेली सुनार व कटारमल
- अवस्थिति: कटारमल, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड
वास्तु विवरण
- प्रकार: कत्यूरी शासक कटारमल
- निर्माता: कत्यूरी शासक कटारमल
कटारमल सूर्य मन्दिर भारतवर्ष का प्राचीनतम सूर्य मन्दिर माना जाता है। यह मन्दिर उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जिले के अधेली सुनार गांव में स्थित है, जो समुद्र सतह से लगभग 2116 मीटर की ऊंचाई पर है। इसका निर्माण कत्यूरी राजवंश के शासक कटारमल ने 6वीं से 9वीं शताब्दी के बीच किया था। इस मन्दिर का स्थापत्य कला और शिल्प कला का अद्वितीय उदाहरण है, जो उत्तर भारत के विलक्षण मन्दिरों में से एक है। यह कुमाऊं के सबसे बड़े और ऊंचे मन्दिरों में से एक है।
आवागमन के स्रोत
- वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जो कटारमल से 135 किलोमीटर दूर स्थित है।
- रेल मार्ग: काठगोदाम और रामनगर रेलवे जंक्शन हैं, जो कटारमल से क्रमशः 100 और 130 किलोमीटर दूर हैं।
- सड़क मार्ग: दिल्ली से कटारमल पहुंचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 24 के माध्यम से अल्मोड़ा और रानीखेत की ओर जाना जाता है।
कटारमल सूर्य मन्दिर न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक अद्वितीय धार्मिक स्थल भी है, जो भारतीय स्थापत्य कला का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करता है।
कटारमल सूर्य मन्दिर से जुड़ी Frequently Asked Questions (FQCs):
1. कटारमल सूर्य मन्दिर कहां स्थित है?
कटारमल सूर्य मन्दिर उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जिले के अधेली सुनार गांव में स्थित है, जो समुद्र सतह से लगभग 2116 मीटर की ऊंचाई पर है।
2. कटारमल सूर्य मन्दिर का निर्माण किसने कराया था?
कटारमल सूर्य मन्दिर का निर्माण कत्यूरी राजवंश के शासक कटारमल ने 6वीं से 9वीं शताब्दी के बीच कराया था।
3. इस मन्दिर का स्थापत्य किस प्रकार का है?
कटारमल सूर्य मन्दिर त्रिरथ संरचना के साथ निर्मित है और इसमें वर्गाकार गर्भगृह और वक्ररेखी शिखर है। इस मन्दिर के आस-पास 45 छोटे-बड़े मन्दिरों का समूह भी है।
4. कटारमल सूर्य मन्दिर का पौराणिक महत्व क्या है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कटारमल सूर्य मन्दिर का निर्माण उस स्थान पर हुआ जहां ऋषि-मुनियों ने सूर्यदेव की स्तुति की थी। सूर्यदेव ने अपनी उपस्थिति यहां महसूस कराई, और इस स्थान पर सूर्य मन्दिर का निर्माण हुआ।
5. इस मन्दिर तक पहुंचने के लिए कैसे जाएं?
कटारमल सूर्य मन्दिर तक पहुंचने के लिए सबसे निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर (135 किमी) है, निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम (100 किमी) और रामनगर (130 किमी) हैं। सड़क मार्ग से दिल्ली से अल्मोड़ा और रानीखेत होते हुए यहां पहुंचा जा सकता है।
6. कटारमल सूर्य मन्दिर की खासियत क्या है?
कटारमल सूर्य मन्दिर का खासियत इसकी अद्वितीय स्थापत्य कला और शिल्प कला में है। इसके पत्थरों पर की गई शिल्प कला और मन्दिर का ऊंचा चबूतरा इसके वैभव और विशालता को दर्शाता है।
7. कटारमल सूर्य मन्दिर किस देवता को समर्पित है?
कटारमल सूर्य मन्दिर सूर्यदेव (सूर्य भगवान) को समर्पित है, जो हिन्दू धर्म में जीवन और ऊर्जा के देवता माने जाते हैं।
8. क्या कटारमल सूर्य मन्दिर धार्मिक यात्रा का हिस्सा है?
हां, कटारमल सूर्य मन्दिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां भक्त सूर्यदेव की पूजा अर्चना करने आते हैं। यह मन्दिर कुमाऊं क्षेत्र के एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
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