माधुरी बड़थ्वाल: लोक संगीत की अद्भुत गायिका और समाज सेविका (Madhuri Barthwal: A folk singer and social worker)
माधुरी बड़थ्वाल: लोक संगीत की अद्भुत गायिका और समाज सेविका
राष्ट्रियता: भारतीय
पेशा: गायक, शिक्षक
संगठन: आकाशवाणी
प्रसिद्धि का कारण: लोक गायकी
माधुरी बड़थ्वाल उर्फ़ उनियाल उत्तराखंड की एक प्रसिद्ध लोक गायिका हैं। उन्हें भारतीय संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। वह ऑल इंडिया रेडियो में संगीतकार बनने वाली पहली महिला हैं और उत्तराखंड में संगीत शिक्षिका बनने वाली पहली महिला संगीतकार भी मानी जाती हैं। उनके योगदान के कारण उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिसमें 2019 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिया गया नारी शक्ति पुरस्कार और 2022 में भारत सरकार द्वारा उन्हें दिया गया पद्म श्री शामिल है।
जीवन यात्रा
माधुरी बड़थ्वाल का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी जिले के यमकेश्वर क्षेत्र में हुआ। उनके पिता, चंद्रमणि उनियाल, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और संगीत से गहरा संबंध रखते थे। माधुरी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लैंसडौन में प्राप्त की और संगीत के प्रति अपनी रुचि को बढ़ाया। उन्होंने 1969 में राजकीय इंटर कॉलेज लैंसडौन से हाई स्कूल की शिक्षा पूरी की और इसी स्कूल में संगीत शिक्षिका के रूप में कार्य किया।
माधुरी ने इलाहाबाद संगीत समिति से संगीत का प्रशिक्षण प्राप्त किया और आगरा विश्वविद्यालय से संगीत में डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने रुहेलखंड विश्वविद्यालय से हिंदी में एमए और केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय से पीएचडी की। संगीत के क्षेत्र में उन्होंने जो काम किया, वह आज भी प्रेरणा का स्रोत है।
संगीत में योगदान
माधुरी बड़थ्वाल ने लोक संगीत के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। उन्होंने रेडियो कार्यक्रम "धरोहर" शुरू किया, जो उत्तराखंड के लोक संगीत और संस्कृति को प्रमोट करता है। वह कहती हैं कि उत्तराखंड के हर वाद्य यंत्र और लोक संगीत का संरक्षण उनके जीवन का उद्देश्य बन गया है। उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण संगीत कार्यक्रमों में भाग लिया और कलाकारों के संगीत को रिकॉर्ड किया।
पुरस्कार और सम्मान
माधुरी बड़थ्वाल का कार्य केवल उत्तराखंड तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनके योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचाना गया है। 2019 में, उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा उन्हें लोक संगीत, प्रसारण और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया गया था। इसके अलावा, 2022 में उन्हें पद्म श्री जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से भी नवाजा गया।
महिला सशक्तिकरण
माधुरी बड़थ्वाल न केवल एक उत्कृष्ट गायिका हैं, बल्कि उन्होंने महिलाओं को गायन और वादन में भागीदारी के लिए प्रेरित भी किया है। उनके प्रयासों से कई महिलाओं ने संगीत में अपने करियर की शुरुआत की और आज वह इस क्षेत्र में अपने योगदान दे रही हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में कई महिलाओं को मार्गदर्शन प्रदान किया और उन्हें पेशेवर संगीतकार बनने के लिए प्रेरित किया।
लोक संगीत के संरक्षण में योगदान
माधुरी बड़थ्वाल ने लोक संगीत को संरक्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनका यह मानना है कि लोक संगीत हमारी संस्कृति और धरोहर का हिस्सा है, जिसे संजोकर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने राज्यपाल से पद्मश्री मिलने के बाद अपने कार्यों की सराहना की और बताया कि उनकी पुस्तक "गढ़वाल के संस्कार लोकगीत" संगीत छात्रों के लिए एक अमूल्य धरोहर साबित होगी।
माधुरी बड़थ्वाल का जीवन और उनका काम इस बात का प्रमाण है कि एक व्यक्ति अपने कार्यों और समर्पण से समाज में कितनी बड़ी परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने लोक संगीत को सिर्फ संजोने का काम नहीं किया, बल्कि उसे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक धरोहर के रूप में संरक्षित किया।
समाप्त।
Frequently Asked Questions (FQCs)
1. माधुरी बड़थ्वाल कौन हैं?
माधुरी बड़थ्वाल, उत्तराखंड की एक प्रसिद्ध लोक गायिका और संगीत शिक्षिका हैं। वह ऑल इंडिया रेडियो में संगीतकार बनने वाली पहली महिला और उत्तराखंड में संगीत शिक्षिका बनने वाली पहली महिला संगीतकार हैं। उन्हें 2019 में नारी शक्ति पुरस्कार और 2022 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2. माधुरी बड़थ्वाल ने कौन से पुरस्कार प्राप्त किए हैं?
माधुरी बड़थ्वाल को उनकी जीवनभर की संगीत सेवा के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया है। 2019 में उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार मिला और 2022 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री सम्मान प्राप्त हुआ।
3. माधुरी बड़थ्वाल ने संगीत के क्षेत्र में क्या योगदान दिया है?
माधुरी बड़थ्वाल ने उत्तराखंड के लोक संगीत के संरक्षण और प्रचार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने "धरोहर" नामक रेडियो कार्यक्रम शुरू किया, जो उत्तराखंड के लोक संगीत को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, उन्होंने लोक संगीत को रिकॉर्ड करने में भी मदद की है और कई महिला गायकों को प्रेरित किया है।
4. माधुरी बड़थ्वाल के बारे में और क्या जानकारी है?
माधुरी बड़थ्वाल का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुआ था। वह एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की बेटी हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा लैंसडौन और इलाहाबाद से प्राप्त की और बाद में संगीत में डिग्री और पीएचडी की। वह लोक संगीत के क्षेत्र में कई वर्षों से सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं।
5. माधुरी बड़थ्वाल का लोक संगीत के संरक्षण में क्या योगदान है?
माधुरी बड़थ्वाल ने लोक संगीत को संरक्षित करने और इसे प्रोत्साहित करने के लिए कई कार्य किए हैं। उन्होंने उत्तराखंड के लोक संगीत को भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए रेडियो कार्यक्रम तैयार किए और लोक संगीत के विभिन्न वाद्य यंत्रों के संरक्षण के लिए काम किया।
6. माधुरी बड़थ्वाल के परिवार के बारे में क्या जानकारी है?
माधुरी बड़थ्वाल के पिता चंद्रमणि उनियाल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उनकी माता भी संगीत के क्षेत्र से जुड़ी हुई थीं। माधुरी बड़थ्वाल का संगीत से गहरा संबंध रहा है, और वह अपनी शिक्षा के दौरान भी संगीत की ओर आकर्षित हुईं।
7. माधुरी बड़थ्वाल की पुस्तक "गढ़वाल के संस्कार लोकगीत" के बारे में क्या है?
माधुरी बड़थ्वाल ने "गढ़वाल के संस्कार लोकगीत" नामक पुस्तक लिखी है, जो उत्तराखंड के लोक संगीत और संस्कार गीतों पर आधारित है। यह पुस्तक संगीत छात्रों के लिए एक अमूल्य धरोहर साबित होगी और इस पुस्तक के माध्यम से उत्तराखंड के लोक गीतों की जानकारी आम जन तक पहुंचाई जाएगी।
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