उत्तराखंड में खनिज और ऊर्जा संसाधन
भारत सरकार द्वारा खनिज नीति के अंतर्गत 1948 में खनिज और खनिज व्यवस्था तथा विकास अधिनियम (Minerals Regulation Act of 1948) पारित किया गया। 1948 में ही भारतीय खनिज संस्थान (Indian Bureau of Mines) की स्थापना की गई, साथ ही भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग (Geological Survey of India) का विस्तार भी किया गया। इस क्षेत्र के खनिज विकास और सर्वेक्षण कार्यों के लिए दो प्रमुख संस्थाएं कार्य कर रही हैं: राज्य भू-तत्त्व और खनिज कार्य निदेशालय (State Directorate of Geology) और राज्य खनिज-विकास-निगम (State Mining and Development Corporation)। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय महत्त्व के खनिजों का सर्वेक्षण भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग द्वारा किया जा रहा है।
उत्तराखंड की शैलों में खनिज
उत्तराखंड में खनिजों की खोज और सर्वेक्षण के लिए भू-तत्व और खनिज कार्य निदेशालय का गठन किया गया है। उत्तराखंड के शिवालिक और लघु हिमालय की शैलों में खनिज पाए जाते हैं।
प्रमुख खनिज और उनके स्थान:
चूना पत्थर:
- देहरादून, टिहरी, पौड़ी, और चमोली से चूना पत्थर प्राप्त होता है।
- देहरादून के मन्दारम और बारकोट क्षेत्र से अच्छे किस्म का चूना पत्थर मिलता है।
- मसूरी (देहरादून) में क्रीम रंग के कठोर और भारी चूना पत्थर के भण्डार उपलब्ध हैं।
संगमरमर:
- संगमरमर मुख्यत: देहरादून और टिहरी में पाया जाता है।
- मसूरी में संगमरमर के 4 मिलियन टन भण्डार उपलब्ध हैं।
- चमोली जिले की अलकनन्दा घाटी और विरही गंगा घाटी में संगमरमर पाया जाता है।
मैग्नेसाइट:
- बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और चमोली में मैग्नेसाइट के प्रचुर भण्डार हैं।
- कुमाऊं क्षेत्र मैग्नेसाइट के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।
टाल्क:
- पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली और अल्मोड़ा में टाल्क खनिज पाया जाता है, जिसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन और साबुन बनाने में किया जाता है।
फास्फोराइट और रॉक फॉस्फेट:
- देहरादून और टिहरी के मसूरी, दुरमाला, किमोई, चसराना, माल देवता क्षेत्रों में रॉक फॉस्फेट पाया जाता है।
- टिहरी और देहरादून जिलों में फास्फोराइट पाया जाता है।
खनिज खनन और नीतियाँ
उत्तराखंड में खनन नीति की घोषणा 4 अप्रैल, 2001 को की गई थी। खनन नीति के अनुसार, वन क्षेत्रों में स्थित खदानों में खनन कार्य वन विभाग द्वारा किया जाता है। खनिज निधि में खनिजों के राजस्व का 5% राजस्व प्राप्त होता है।
मुख्य खनिजों के उपयोग:
- डोलोमाइट का उपयोग पोर्टलैण्ड सीमेंट, तेजाब और प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने में किया जाता है।
- स्फटिक शिलाएं गंधक के प्रमाण के रूप में मिलती हैं।
- चाँदी और सोने का खनन शारदा, रामगंगा, अलकनन्दा और पिण्डार नदियों के रेत से किया जाता है।
मुख्य खनिज क्षेत्रों के बारे में जानकारी:
- लोहे का निक्षेप नैनीताल, चमोली, पौड़ी, और टिहरी जिलों में पाया जाता है।
- ताँबा और जस्ता भागीरथी घाटी तथा पौड़ी में संयुक्त रूप से पाए जाते हैं।
- ग्रेफाइट अल्मोड़ा, पौड़ी, दक्षिणी-पूर्वी नैनीताल और रुद्रप्रयाग जिलों में पाया जाता है।
खनन नीति
उत्तराखंड में खनन नीति की घोषणा 4 अप्रैल 2001 को की गई थी। नीति के अनुसार, वन क्षेत्रों में स्थित खदानों में खनन कार्य वन विभाग द्वारा किया जाता है। खनिज निधि में खनिजों के राजस्व का 5% राजस्व प्राप्त होता है।
खनिजों का उपयोग
- पोर्टलैण्ड सीमेंट, तेजाब एवं प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने में डोलोमाइट का उपयोग होता है।
- जिप्सम का उपयोग निर्माण में, टाल्क का सौंदर्य प्रसाधनों में और सीसा का विभिन्न औद्योगिक कार्यों में होता है।
उत्तराखंड की खनिज संपदा का सदुपयोग राज्य के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, और खनिज खनन तथा ऊर्जा संसाधनों का सही तरीके से प्रबंधन विकास की दिशा में एक अहम कदम है।
उत्तराखंड में स्थित प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएँ
परियोजना का नाम | नदी का नाम | स्थापना वर्ष | स्थान (जनपद) |
---|---|---|---|
रामगंगा (कालागढ़) | रामगंगा | 1976-78 | पौड़ी |
पथरी | गंगा | 1947 | हरिद्वार |
मोहम्मदपुर | गंगा | 1947 | हरिद्वार |
चीला | गंगा | 1980-81 | पौड़ी |
खोदरी | यमुना | 1983-84 | देहरादून |
मनेरी भाली (तिलोथ) | भागीरथी | 1984-85 | उत्तरकाशी |
मनेरी भाली (धरासू) | भागीरथी | 2008 | उत्तरकाशी |
टनकपुर | शारदा | 1993 | चंपावत |
धौलीगंगा | धौलीगंगा | 2005 | पिथौरागढ़ |
टिहरी | भागीरथी | 2006 | टिहरी |
विष्णुप्रयाग | अलकनंदा | 2006 | चमोली |
ढालीपुर | यमुना | 1965-70 | देहरादून |
कुल्हाल | यमुना | 1974-76 | देहरादून |
ढकरानी | यमुना | 1965-70 | देहरादून |
खटीमा | शारदा | 1955 | उधम सिंह नगर |
लोहियाहेड | शारदा | - | उधम सिंह नगर |
छिबरो | टोंस | 1974-76 | देहरादून |
विशेष:
यह सभी जल विद्युत परियोजनाएँ उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनमें से कुछ परियोजनाएँ राज्य के विकास और ऊर्जा आपूर्ति के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
Frequently Asked Questions (FQCs)
1. उत्तराखंड में खनिज संसाधनों का सर्वेक्षण कौन करता है?
- उत्तराखंड में खनिज संसाधनों का सर्वेक्षण भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग और राज्य के भूतत्त्व एवं खनिज कार्य निदेशालय द्वारा किया जाता है।
2. उत्तराखंड के किन जिलों में चूना पत्थर पाया जाता है?
- चूना पत्थर उत्तराखंड के देहरादून, टिहरी, पौड़ी और चमोली जिलों में पाया जाता है।
3. उत्तराखंड में संगमरमर कहां पाया जाता है?
- संगमरमर मुख्य रूप से देहरादून और टिहरी जिलों में पाया जाता है। इसके अलावा, मसूरी क्षेत्र में भी संगमरमर के भंडार उपलब्ध हैं।
4. उत्तराखंड के किस जिले में मैग्नेसाइट के प्रचुर भंडार हैं?
- उत्तराखंड के बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और चमोली जिलों में मैग्नेसाइट के प्रचुर भंडार पाए जाते हैं।
5. उत्तराखंड में किस खनिज का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन और साबुन बनाने में किया जाता है?
- सौंदर्य प्रसाधन और साबुन बनाने में टाल्क खनिज का उपयोग किया जाता है, जो पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली और अल्मोड़ा जिलों में पाया जाता है।
6. उत्तराखंड के किस जिले में जिप्सम पाया जाता है?
- जिप्सम खनिज देहरादून, टिहरी, पौड़ी और नैनीताल जिलों में पाया जाता है।
7. उत्तराखंड में किस खनिज का उपयोग सीमेंट और प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने में किया जाता है?
- डोलोमाइट खनिज का उपयोग सीमेंट और प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने में किया जाता है, जो उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में पाया जाता है।
8. उत्तराखंड के कौन-से क्षेत्रों में सोने की प्राप्ति होती है?
- उत्तराखंड की शारदा, रामगंगा, अलकनन्दा और पिण्डार नदियों के रेत में सोने की प्राप्ति होती है।
9. उत्तराखंड के किस जिले में चांदी पाई जाती है?
- चांदी का खनन उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में किया जाता है।
10. उत्तराखंड में खनिज नीति कब लागू की गई थी?
- उत्तराखंड में खनिज नीति की घोषणा 4 अप्रैल, 2001 को की गई थी।
11. खनन नीति के अनुसार, वन क्षेत्रों में स्थित खदानों में खनन कार्य कौन करता है?
- वन क्षेत्रों में स्थित खदानों में खनन कार्य वन विभाग द्वारा किया जाता है।
12. उत्तराखंड में किस खनिज के लिए कुमाऊं मण्डल और गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा खनन किया जाता है?
- कुमाऊं मण्डल और गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा वन क्षेत्र से अतिरिक्त क्षेत्रों में खनन कार्य किया जाता है।
13. उत्तराखंड में खनिजों से प्राप्त राजस्व का कितना प्रतिशत खनिज निधि में जमा होता है?
- खनिज नीति के तहत खनिजों के राजस्व का 5% हिस्सा खनिज निधि में जमा किया जाता है।
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