हरिद्वार में स्थित माता मनसा देवी का चमत्कारिक स्थान (The miraculous place of Mata Mansa Devi located in Haridwar)
हरिद्वार में स्थित माता मनसा देवी का चमत्कारिक स्थान
मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार (हिंदी: मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार) भारत के उत्तराखंड राज्य के पवित्र शहर हरिद्वार में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर देवी मनसा देवी को समर्पित है और हिमालय की सबसे दक्षिणी पर्वत श्रृंखला शिवालिक की बिल्वा पर्वत चोटी पर स्थित है। इसे बिल्वा तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है और यह हरिद्वार के पंच तीर्थों में से एक है।
देवी मनसा देवी का महत्व
मनसा देवी शक्ति का एक रूप हैं। कहा जाता है कि वह भगवान शिव के मन से प्रकट हुई थीं। “मनसा” का अर्थ है “इच्छा”, और मान्यता है कि देवी मनसा सच्चे भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं। देवी मनसा को नाग वासुकी की बहन और भगवान शिव के मानव अवतार की पुत्री भी माना जाता है।
पौराणिक कथा
लोक कथाओं के अनुसार, मनसा देवी एक साधारण कन्या थीं, जो अपने माता-पिता के सत्य से अनजान थीं। भगवान शिव से मिलने और अपने सत्य को जानने के लिए उन्होंने कठोर साधना की। वर्षों के तप के बाद, भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और उन्हें उनके वास्तविक रूप से अवगत कराया। इसके बाद, मनसा देवी ने कल्याणकारी शक्तियां प्राप्त कीं और भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने का कार्य किया।
मंदिर की विशेषताएं
आंतरिक मंदिर में देवी की दो प्रतिमाएं हैं:
एक प्रतिमा में तीन मुख और पांच भुजाएं हैं।
दूसरी प्रतिमा में आठ भुजाएं हैं।
मनसा देवी का संबंध:
उन्हें ऋषि कश्यप और देवी कद्रु की पुत्री माना जाता है।
वह वासुकी नाग की बहन और ऋषि जगत्कारू की पत्नी मानी जाती हैं।
उनकी गोद में उनके पुत्र आस्तिक विराजमान हैं, जिन्होंने वासुकी को सर्प यज्ञ से बचाया था।
देवी को सर्प और कमल पर विराजित दिखाया जाता है। उनकी रक्षा में हमेशा सात नाग उपस्थित रहते हैं।
मंदिर सिद्ध पीठ के रूप में प्रसिद्ध है, जो भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए जाना जाता है।
मंदिर तक पहुँचने के मार्ग
तीर्थयात्री मंदिर तक पहुँचने के लिए निम्नलिखित मार्ग चुन सकते हैं:
पैदल यात्रा:
हरिद्वार शहर से मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 1.5 किमी की खड़ी चढ़ाई करनी होती है।
दुर्गम पहाड़ियों पर पैदल चढ़ने का अलग ही आनंद है।
रोप-वे सेवा:
इसे "मनसा देवी उड़नखटोला" के नाम से जाना जाता है।
रोप-वे की कुल लंबाई 540 मीटर है और यह 178 मीटर की ऊँचाई तक जाता है।
रोप-वे सेवा से तीर्थयात्री आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
भक्तों की मान्यताएं
भक्त अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मनसा देवी की पूजा करते हैं।
नारियल, फल, माला, और अगरबत्ती चढ़ाई जाती है।
श्रद्धालु पेड़ की शाखा पर पवित्र धागा बांधते हैं और इच्छा पूरी होने पर दुबारा आकर धागा खोलते हैं।
ऐसा माना जाता है कि जो पहली बार मंदिर आया है, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता।
मंदिर के दर्शन और समय
मंदिर से मां गंगा और हरिद्वार के अद्भुत दर्शन होते हैं।
मंदिर के पट सुबह 8 बजे खुलते हैं और शाम 5 बजे बंद हो जाते हैं।
दोपहर 12 से 2 बजे तक मंदिर बंद रहता है।
शक्ति त्रिकोण और पौराणिक महत्व
हरिद्वार का क्षेत्र शक्ति त्रिकोण के रूप में प्रसिद्ध है। इसमें तीन प्रमुख शक्ति स्थल शामिल हैं:
नील पर्वत पर स्थित चंडी देवी मंदिर।
दक्षेश्वर महादेव स्थान जहां माता सती योग अग्नि में भस्म हुई थीं।
बिल्व पर्वत पर स्थित मनसा देवी मंदिर।
यह भी कहा जाता है कि यहां माता सती का मन गिरा था, इसलिए इस स्थान का नाम “मनसा” पड़ा।
अन्य मनसा देवी मंदिर
भारत में मनसा देवी के कई अन्य प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं, जिनमें शामिल हैं:
माता मनसा देवी मंदिर, पंचकुला, हरियाणा
मां मनसा देवी मंदिर, राजनांदगांव, छत्तीसगढ़
मनसा बारी, कोलकाता
मनसा देवी मंदिर, अलवर, राजस्थान
मां मनसा देवी मंदिर, मेरठ, उत्तर प्रदेश
निष्कर्ष
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। यह स्थान शक्ति और आस्था का प्रतीक है। भक्त यहां आकर न केवल अपनी इच्छाओं की पूर्ति की कामना करते हैं, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक शांति और ऊर्जा का अनुभव भी होता है। यदि आप हरिद्वार जाएं, तो मनसा देवी मंदिर के दर्शन अवश्य करें और इस पवित्र स्थान की दिव्यता का अनुभव करें।
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