यात्रा के साथ तीर्थ भी: नैनीताल आएं तो यहां जाना ना भूलें (Pilgrimage with travel: If you come to Nainital, do not forget to go here)

यात्रा के साथ तीर्थ भी: नैनीताल आएं तो यहां जाना ना भूलें

नैनीताल, उत्तराखंड का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसे "झीलों का शहर" कहा जाता है। यह जगह अपनी नैसर्गिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। नैनीताल की यात्रा केवल प्राकृतिक सुंदरता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां के धार्मिक स्थल भी आपके मन को शांति और आध्यात्मिकता से भर देंगे। यहां कुछ प्रमुख तीर्थस्थल हैं, जो नैनीताल की यात्रा को और भी विशेष बनाते हैं।


1. नैना देवी मंदिर

नैनीताल के नैनी झील के किनारे स्थित यह मंदिर माता नैना देवी को समर्पित है। पौराणिक मान्यता है कि जब भगवान शिव माता सती के मृत शरीर को लेकर जा रहे थे, तब उनके नेत्र यहां गिरे थे। इसी कारण यह स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है। मंदिर में माता नैना देवी के साथ भगवान गणेश और काली माता की मूर्तियां भी स्थापित हैं।

विशेष आकर्षण:

  • दिव्य शक्तिपीठ
  • नैनी झील का मनोरम दृश्य
  • हर साल नवरात्रि के दौरान विशेष आयोजन

2. हनुमान गढ़ी मंदिर

1950 में प्रसिद्ध संत बाबा नीम करौली ने इस मंदिर की स्थापना की। यह मंदिर तल्लीताल के दक्षिण में स्थित है और भगवान हनुमान को समर्पित है। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का अद्भुत नजारा देखने का आनंद लिया जा सकता है।

विशेष आकर्षण:

  • आध्यात्मिक शांति
  • सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य
  • बाबा नीम करौली की प्रेरणादायक उपस्थिति

3. गर्जिया देवी मंदिर

यह मंदिर रामनगर के पास कोसी नदी के किनारे एक टीले पर स्थित है। मान्यता है कि यह टीला बाढ़ के साथ बहकर आया था और भैरव बाबा ने इसे यहां रोक दिया था। मंदिर का जीर्णोद्धार 1970 में हुआ।

विशेष आकर्षण:

  • कोसी नदी का प्राकृतिक सौंदर्य
  • भैरव बाबा का आशीर्वाद
  • पर्व और मेलों का आयोजन

4. कैंचीधाम मंदिर

यह मंदिर बाबा नीम करौली द्वारा 24 मई, 1962 को स्थापित किया गया था। यहां हनुमान जी, भगवान राम, सीता माता और देवी दुर्गा के मंदिर स्थित हैं। बाबा नीम करौली की तपस्थली गुफा भी यहां प्रमुख आकर्षण है।

विशेष आकर्षण:

  • बाबा नीम करौली का आध्यात्मिक प्रभाव
  • शांत वातावरण
  • हनुमान जी का विशेष पूजा स्थल

5. गोलू देवता मंदिर

यह मंदिर नैनीताल से 15 किमी दूर घोड़ाखाल में स्थित है और समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर है। गोलू देवता को न्याय का देवता माना जाता है। भक्त यहां स्टांप पेपर पर अपनी अर्जी लगाते हैं और मुराद पूरी होने पर घंटा चढ़ाते हैं।

विशेष आकर्षण:

  • न्याय की देवी के रूप में प्रसिद्ध
  • भक्तों की मान्यताएं और परंपराएं
  • घोड़ाखाल का मनोरम दृश्य

नैनीताल की यात्रा का अनुभव

नैनीताल केवल झीलों और पहाड़ियों तक सीमित नहीं है; यह स्थान धार्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। इन तीर्थस्थलों की यात्रा आपको आध्यात्मिक ऊर्जा और आंतरिक शांति प्रदान करेगी। नैनीताल आएं और इन धार्मिक स्थलों का अनुभव लें, जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना देंगे।

यात्रा टिप्स:

  • नैना देवी मंदिर और नैनी झील को प्राथमिकता दें।
  • मंदिरों में जाने के लिए सुबह का समय सबसे उपयुक्त है।
  • स्थानीय गाइड की मदद लें ताकि आप मंदिरों की मान्यताओं और कहानियों को बेहतर तरीके से समझ सकें।

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