रमेश पोखरियाल 'निशंक': एक राजनेता, कवि और उत्तराखण्ड के गौरव (Ramesh Pokhriyal 'Nishank': A politician, poet and pride of Uttarakhand)
रमेश पोखरियाल 'निशंक': एक राजनेता, कवि और उत्तराखण्ड के गौरव
रमेश पोखरियाल, जिन्हें 'निशंक' के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राजनीति और साहित्य में एक महत्वपूर्ण नाम हैं। 15 जुलाई 1958 को उत्तराखण्ड के पिनानी गांव, पौड़ी गढ़वाल में जन्मे रमेश पोखरियाल भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। वे भारतीय राजनीति में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं, साथ ही हिन्दी साहित्य में भी उनकी अहम उपस्थिति है। उन्होंने भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है और उनके कार्यकाल ने राज्य की राजनीति में कई बदलाव किए।
शिक्षा और व्यक्तिगत जीवन
रमेश पोखरियाल का जन्म परमानंद पोखरियाल और विश्वम्भरी देवी के घर हुआ था। उनका शिक्षा जीवन भी बहुत प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से कला स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की और बाद में पीएचडी और डी.लिट (ऑनर) की उपाधि भी प्राप्त की। बचपन से ही साहित्य और कविता में रुचि रखने वाले रमेश पोखरियाल ने अपने जीवन में कई किताबें लिखीं, जिनमें कविता, उपन्यास, और कहानी संग्रह शामिल हैं।
राजनीतिक जीवन
रमेश पोखरियाल ने 1991 में कर्णप्रयाग विधानसभा से पहली बार राजनीति में कदम रखा और उसके बाद 1993 और 1996 में लगातार चुने गए। 1997 में, वे उत्तर प्रदेश के पर्वतीय विकास मंत्री बने और फिर 2000 में उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद वित्त, राजस्व, और अन्य विभागों के मंत्री बने। 2009 से 2011 तक, उन्होंने उत्तराखण्ड के पांचवे मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल में राज्य के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जैसे कि गंगा की सफाई के लिए 'स्पर्श गंगा' अभियान की शुरुआत। वे वर्तमान में हरिद्वार लोकसभा से सांसद हैं और लोकसभा की आश्वासन समिति के अध्यक्ष भी हैं।
मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल
रमेश पोखरियाल ने 2009 से 2011 तक उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने राज्य के राजस्व में वृद्धि की, जिसमें कुल कर संग्रहण को 575 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1100 करोड़ रुपये तक पहुँचाया। उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों की जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की, और राज्य के छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित किया। उनके नेतृत्व में उत्तराखण्ड ने राज्य की राजनीति और विकास के मामलों में कई सकारात्मक बदलाव देखे।
साहित्यिक योगदान
रमेश पोखरियाल 'निशंक' साहित्य में भी एक प्रमुख नाम हैं। उन्होंने अब तक 10 कविता संग्रह, 12 कहानी संग्रह, और 10 उपन्यासों सहित 40 से अधिक किताबें लिखी हैं। उनका साहित्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना गया है और कई भाषाओं में अनुवादित हुआ है। उनका साहित्य राष्ट्रवाद की भावना से ओतप्रोत है और उन्हें भारतीय साहित्य में एक सम्मानजनक स्थान प्राप्त है। 'निशंक' का साहित्य विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शक बना है, और कई विश्वविद्यालयों में उनके कार्यों पर शोध हो रहे हैं।
विवाद
रमेश पोखरियाल का जीवन कुछ विवादों से भी जुड़ा रहा है। उन्होंने ज्योतिष और संस्कृत के विज्ञानिक महत्व के बारे में कई विवादास्पद बयान दिए, जो अक्सर चर्चा का कारण बने। इसके अलावा, उनके द्वारा दी गई कुछ डिग्रियों पर भी सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, इन विवादों के बावजूद उनकी लोकप्रियता और कार्यों की अहमियत में कोई कमी नहीं आई है।
पुरस्कार और सम्मान
रमेश पोखरियाल को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें भारत सरकार द्वारा साहित्यिक योगदान के लिए 'राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार' और 'हिमालय का महाकुम्भ' पर प्रकाशित पुस्तक के लिए 'राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार' शामिल हैं। इसके अलावा, उन्हें विभिन्न संस्थाओं द्वारा 'भारत गौरव' और 'प्राइड ऑफ उत्तराखण्ड' जैसे सम्मान प्राप्त हुए हैं।
निष्कर्ष
रमेश पोखरियाल 'निशंक' का जीवन राजनीति, साहित्य, और समाजसेवा के क्षेत्र में एक प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने न केवल उत्तराखण्ड की राजनीति में अपनी छाप छोड़ी है, बल्कि साहित्य के क्षेत्र में भी अपनी अमिट पहचान बनाई है। उनका कार्यक्षेत्र और दृष्टिकोण हमेशा से ही समाज की भलाई के लिए प्रेरित रहा है, और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
Frequently Asked Questions (FAQ)
1. रमेश पोखरियाल "निशंक" कौन हैं?
रमेश पोखरियाल "निशंक" एक भारतीय राजनीतिज्ञ, लेखक और कवि हैं। वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) से संबंधित हैं और भारत सरकार में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा, वे उत्तराखंड राज्य के पाँचवे मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
2. रमेश पोखरियाल का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
रमेश पोखरियाल का जन्म 15 जुलाई 1958 को उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) के पौड़ी गढ़वाल जिले के पिनानी गाँव में हुआ था।
3. रमेश पोखरियाल ने अपनी शिक्षा कहाँ से प्राप्त की?
उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ़वाल), उत्तराखंड से कला स्नातकोत्तर (M.A.), पीएचडी (ऑनर), और डी.लिट (ऑनर) की डिग्री प्राप्त की है।
4. रमेश पोखरियाल ने कब से राजनीति में कदम रखा?
रमेश पोखरियाल ने 1991 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए कर्णप्रयाग निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद, उन्होंने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
5. रमेश पोखरियाल के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान कौन से महत्वपूर्ण फैसले लिए गए?
वे 2009 से 2011 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। उनके कार्यकाल में गंगा नदी की सफाई के लिए "स्पर्श गंगा" अभियान की शुरुआत की गई। साथ ही, राज्य के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बिक्री कर को 4% से घटाकर 1% कर दिया गया।
6. रमेश पोखरियाल "निशंक" के साहित्यिक योगदान क्या हैं?
रमेश पोखरियाल एक सम्मानित कवि और लेखक हैं। उनके अब तक 10 कविता संग्रह, 12 कहानी संग्रह, 10 उपन्यास, 2 पर्यटन ग्रंथ, और कई बाल साहित्य पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कृतियाँ हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
7. रमेश पोखरियाल की प्रमुख पुस्तकें कौन सी हैं?
उनके प्रमुख कृतियों में "रोशनी की एक किरण", "क्या नहीं हो सकता", "मेजर निराला", "पहाड़ से ऊँचा", "निशान्त" जैसी पुस्तकें शामिल हैं। इसके अलावा, उनके साहित्य को जर्मन, अंग्रेजी, तेलुगु और फ्रेंच जैसी विभिन्न भाषाओं में अनुवादित किया गया है।
8. रमेश पोखरियाल के विवाद क्या रहे हैं?
रमेश पोखरियाल को कुछ विवादों का सामना भी करना पड़ा है। जैसे कि उन्होंने ज्योतिष को विज्ञान बताया और यह दावा किया कि भारत में ज्ञान के कारण सिर का प्रत्यारोपण किया जा सकता था। इसके अलावा, उन्होंने चरक और कणाद के योगदान को लेकर कुछ विवादित बयान दिए थे।
9. रमेश पोखरियाल को कौन-कौन से पुरस्कार प्राप्त हुए हैं?
उन्हें विभिन्न साहित्यिक और सामाजिक संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इनमें "राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार", "भारत गौरव", और "प्राइड ऑफ उत्तराखंड" जैसे सम्मान शामिल हैं।
10. रमेश पोखरियाल का साहित्य किस विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता है?
रमेश पोखरियाल के साहित्य पर कई विश्वविद्यालयों में शोध कार्य किए जा रहे हैं। इन विश्वविद्यालयों में गढ़वाल विश्वविद्यालय, कुमाऊं विश्वविद्यालय, और मद्रास विश्वविद्यालय जैसी संस्थाएँ शामिल हैं।
11. रमेश पोखरियाल की राजनीतिक यात्रा का मुख्य बिंदु क्या है?
उनकी राजनीतिक यात्रा में उत्तर प्रदेश विधानसभा से लेकर उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री बनने तक कई महत्वपूर्ण चरण हैं। इसके बाद वे हरिद्वार से लोकसभा सांसद बने और वर्तमान में लोकसभा की सरकारी आश्वासन समिति के अध्यक्ष हैं।
12. रमेश पोखरियाल का परिवार कौन है?
रमेश पोखरियाल का विवाह कुसुम कांत पोखरियाल से हुआ है। उनका जन्म पिनानी गाँव में हुआ और उनके माता-पिता का नाम परमानंद पोखरियाल और विश्वम्भरी देवी है।
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