सौरव मैठाणी: उत्तराखंड के उभरते लोकगायक का सफर (Saurav Maithani: The journey of Uttarakhand's rising folk singer)
सौरव मैठाणी: उत्तराखंड के उभरते लोकगायक का सफर
उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और लोक संगीत को नई पहचान देने वाले गायक सौरव मैठाणी आज के दौर में एक उभरते हुए सितारे के रूप में जाने जाते हैं। इस ब्लॉग में उनके जीवन, करियर, और उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
प्रारंभिक जीवन और परिवार
सौरव मैठाणी का जन्म 1 जुलाई 1995 को कुवीला खाल ग्राम सभा, रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक में हुआ। उनका दूसरा गांव सेम भरदार भी जखोली ब्लॉक में ही स्थित है।
- पिता: श्री चैतराम मैठाणी, पेशे से शेफ।
- माता: श्रीमती हेमा मैठाणी, प्रसिद्ध गढ़वाली लोकगायिका और आकाशवाणी में कार्यरत।
- भाई: परिवार में एक छोटा भाई भी है।
शिक्षा
सौरव की प्रारंभिक शिक्षा शिशु मंदिर कुवीला खाल से शुरू हुई, लेकिन चौथी कक्षा में परिवार देहरादून आ गया।
- स्कूलिंग: एवरग्रीन मॉडर्न स्कूल (ब्राह्मणवाला) और फिर SGRR पटेल नगर।
- संगीत शिक्षा:
- भारतखण्डे संस्कृति महाविद्यालय (2012) से क्लासिकल म्यूजिक की शिक्षा।
- वर्तमान में श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय से संगीत में एम.ए.।
करियर की शुरुआत और टर्निंग पॉइंट
- पहली प्रस्तुति: अंज्वाल फिल्म में डांस।
- शुरुआत में पद्मश्री प्रीतम भरतवान, नरेंद्र सिंह नेगी, और किशन महिपाल जैसे कलाकारों के साथ सहगायन।
लोकप्रिय गाने
सौरव मैठाणी ने कई प्रसिद्ध गढ़वाली गीत गाए हैं, जैसे:
- खुटियों मां झवेरी
- बौ सुरेला
- मेरी मठियाणा मां
- हिमगिरि की चेली
- धागु व्हेगे जिंदिगी
उनकी गज़ल "धागु व्हेगे जिंदिगी" को जगजीत सिंह की गायकी से प्रेरित बताया जाता है।
अचीवमेंट्स और अवार्ड्स
- 2015: उत्तराखंड संस्कृति विभाग में A ग्रेड कलाकार के रूप में चयन।
- 2024: यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड्स।
- देश और राज्य स्तर पर: उत्तराखंड और अन्य राज्यों में शो।
सामाजिक कार्य और प्रेरणा
- एड्स, दहेजप्रथा, और कन्या भ्रूणहत्या जैसे विषयों पर नुक्कड़ नाटक।
- बच्चों और युवाओं को संगीत सिखाने के लिए देहरादून में मैठाणी म्यूजिक क्लासेज की स्थापना।
यूट्यूब चैनल और संगीत केंद्र
सौरव ने अपना यूट्यूब चैनल Saurav Maithani Official शुरू किया है, जहां वे अपने संगीत और परंपरा को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं।
प्रेरणा और जीवन का दृष्टिकोण
सौरव कहते हैं, "कोई भी इंसान जो मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है, वही मुझे प्रेरित करता है।"
समर्पण और सांस्कृतिक पहचान
सौरव मैठाणी ने उत्तराखंड के लोक संगीत को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया है। उनकी कहानी संघर्ष, समर्पण, और सफलता का प्रतीक है।
आशा है कि सौरव का संगीत हमें हमारी संस्कृति से जोड़े रखेगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
जय देवभूमि।
सौरव मैठाणी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. सौरव मैठाणी का जन्म कब और कहां हुआ था? सौरव मैठाणी का जन्म 1 जुलाई 1995 को उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के कुवीला खाल ग्राम सभा में हुआ था।
2. सौरव मैठाणी के परिवार के बारे में कुछ जानकारी दें। सौरव के पिता श्री चैतराम मैठाणी पेशे से शेफ हैं, जबकि उनकी माता श्रीमती हेमा मैठाणी एक प्रसिद्ध गढ़वाली लोकगायिका हैं।
3. सौरव मैठाणी ने अपनी शिक्षा कहां से प्राप्त की? सौरव की प्रारंभिक शिक्षा शिशु मंदिर कुवीला खाल से हुई थी, लेकिन चौथी क्लास के बाद वह अपने परिवार के साथ देहरादून आ गए थे। उन्होंने एवरग्रीन मॉडर्न स्कूल और एसजीआरआर पटेल नगर से अपनी शिक्षा पूरी की।
4. सौरव मैठाणी के करियर की शुरुआत कैसे हुई? सौरव की करियर की शुरुआत 2010 में हुई, जब वे दसवीं कक्षा के छात्र थे। उन्हें स्कूल की ओर से एक अंतर-स्कूल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका मिला, जहां उनकी टीम को पहला स्थान प्राप्त हुआ। इसके बाद, हरि प्रसाद कुखशाल ने उन्हें अपने साथ काम करने का मौका दिया।
5. सौरव मैठाणी ने किन प्रसिद्ध कलाकारों के साथ काम किया है? सौरव ने गढ़वाली संगीत के दिग्गजों जैसे नरेंद्र सिंह नेगी, किशन महिपाल, और जागर साम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवान के साथ भी मंच पर प्रस्तुति दी है।
6. सौरव मैठाणी के प्रमुख गीत कौन से हैं? सौरव के प्रमुख गीतों में "खुटियों माँ झवेरी", "बौ सुरेला", "मेरी मठियाणा माँ", "तू रेंदी माँ ऊचा पहाड़ मा", "नीलिमा", "हिमगिरि की चेली", "बाबा भोलेनाथ" और "धागु व्हेगे जिंदिगी" शामिल हैं।
7. सौरव मैठाणी को कौन से पुरस्कार मिले हैं? सौरव मैठाणी को 2024 में 'यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड्स' से नवाजा गया। उन्हें उत्तराखंडी संगीत जगत में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
8. सौरव मैठाणी की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या रही है? सौरव की सबसे बड़ी उपलब्धि 2013 में उन्हें आकाशवाणी नजीमाबाद से लोकगायक के रूप में रजिस्टर्ड होना था। इसके बाद, 2015 में उन्हें उत्तराखंड संस्कृति विभाग में A ग्रेड के कलाकार के रूप में चयनित किया गया।
9. सौरव मैठाणी के लिए प्रेरणा का स्रोत कौन हैं? सौरव के अनुसार, उनकी प्रेरणा का स्रोत वे लोग हैं जो अपनी मेहनत और लगन से किसी भी मुकाम पर पहुंचते हैं।
10. सौरव मैठाणी का यूट्यूब चैनल और संगीत स्कूल के बारे में जानकारी दें। सौरव ने हाल ही में अपना यूट्यूब चैनल "Saurav Maithani Official" शुरू किया है। इसके अलावा, वे "मैठाणी म्यूजिक क्लासेज" के नाम से देहरादून में एक संगीत केंद्र चला रहे हैं, जहां वे फोक म्यूजिक और वाद्ययंत्रों की क्लासेज देते हैं।
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