विरेंद्र नेगी: उत्तराखंड के लोक संगीत के महानायक (Virendra Negi: The legend of folk music of Uttarakhand)

विरेंद्र नेगी: उत्तराखंड के गायक और संगीत निर्देशक की यात्रा  संगीत निर्देशक | चंद्र राही | Virendra Negi Rahi - Singer | Music Director

विरेंद्र सिंह नेगी की जीवनी:

जन्म

  • 30 जनवरी 1967
    जन्म स्थान
  • दिल्ली
    पिता
  • स्वर्गीय श्री चन्द्र सिंह राही
    व्यवसाय
  • गायक, संगीत निर्देशक

परिचय
विरेंद्र सिंह नेगी, जिनका नाम चंद्र सिंह राही के बेटे के रूप में जाना जाता है, उत्तराखंड के प्रसिद्ध और अत्यधिक सम्मानित गायक और संगीत निर्देशक हैं। उन्होंने 5,000 से अधिक गानों का निर्देशन किया है और लोक संगीत को एक नया आयाम दिया है। उत्तराखंड की लोक संस्कृति और संगीत को देश-विदेश में पहचान दिलाने में उनका योगदान अविस्मरणीय है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
विरेंद्र सिंह नेगी का जन्म 30 जनवरी 1967 को दिल्ली में हुआ था। उनका बचपन उत्तराखंड में बीता, जहां उन्होंने गिवांली गांव चोंदकोट से 5वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वह दिल्ली आकर ओग स्कूल में पढ़ाई करने लगे। संगीत में गहरी रुचि होने के कारण उन्होंने गंदर्भ महाविद्यालय से संगीत की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वह दुबई गए, जहां उन्होंने संगीत की दुनिया में कदम रखा।

संगीत करियर
विरेंद्र ने 13 साल की उम्र में ही संगीत निर्देशन की शुरुआत की थी। 1980 के दशक में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की और पहले अपने पिता की एलबम 'सौंली' में संगीत दिया। 20 साल की उम्र से ही उन्होंने उत्तराखंड के लिए लोकगीत गाना शुरू कर दिया, और कुछ ही समय में वह लोक संगीत में प्रसिद्ध हो गए। शुरुआत में लोग उन्हें चंद्र सिंह राही के बेटे के रूप में नहीं पहचानते थे, क्योंकि उन्होंने अपने नाम के आगे 'राही' की जगह 'नेगी' लगाया था। हालांकि, पिता के निधन के बाद उन्होंने अपने नाम में 'राही' जोड़ लिया।

संगीत के क्षेत्र में योगदान
विरेंद्र ने 5,000 से अधिक गानों का निर्देशन किया है, जिसमें गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी सहित अन्य भाषाओं के लोकगीत शामिल हैं। उन्होंने अपने करियर के दौरान कई कलाकारों के साथ काम किया है और उत्तराखंड के लगभग सभी लोक गायकों के साथ संगीत दिया है। इसके अलावा, वह टी-सीरीज जैसे बड़े म्यूजिक प्लेटफॉर्म्स के लिए भी काम कर चुके हैं। उनके द्वारा किए गए संगीत को लोग आज भी याद करते हैं और उनके लोकगीत बेहद लोकप्रिय हैं।

सम्मान और पुरस्कार
विरेंद्र नेगी को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उनकी मेहनत और समर्पण को हर जगह सराहा गया है। उत्तराखंड के लोक संगीत को उन्होंने न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचाना है।

उत्तराखंड के प्रति प्यार और सपना
अपने पिता की तरह, विरेंद्र ने भी उत्तराखंड के विकास की ओर ध्यान केंद्रित किया है। उनका कहना है कि पहाड़ों के कलाकारों को उतनी पहचान नहीं मिलती जितनी कि अन्य भाषाओं के कलाकारों को मिलती है। उन्होंने कई युवा कलाकारों को अपनी कंपनी में काम करने का मौका दिया है और पहाड़ी संस्कृति के लिए काम करने की प्रेरणा दी है।

निष्कर्ष
विरेंद्र सिंह नेगी न केवल एक महान गायक और संगीत निर्देशक हैं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षणकर्ता भी हैं। उनके योगदान के कारण ही उत्तराखंड के लोक संगीत को एक नई पहचान मिली है और उनकी मेहनत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।

विरेंद्र नेगी FQCs (Frequently Asked Questions) 

1. विरेंद्र नेगी कौन हैं?

  • उत्तर: विरेंद्र नेगी एक प्रसिद्ध गायक और संगीत निर्देशक हैं। वह उत्तराखंड के लोक संगीत के क्षेत्र में 5,000 से अधिक गानों का निर्देशन कर चुके हैं और उन्होंने गढ़वाली, कुमाऊंनी, और जौनसारी भाषाओं में कई लोक गीत गाए हैं।

2. विरेंद्र नेगी का जन्म कब और कहां हुआ था?

  • उत्तर: विरेंद्र नेगी का जन्म 30 जनवरी 1967 को दिल्ली में हुआ था।

3. विरेंद्र नेगी ने संगीत में करियर कब शुरू किया था?

  • उत्तर: विरेंद्र ने 13 साल की उम्र में संगीत निर्देशन की शुरुआत की थी, 1980 के दशक में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की।

4. विरेंद्र नेगी के पिता कौन थे?

  • उत्तर: विरेंद्र नेगी के पिता स्वर्गीय श्री चंद्र सिंह राही थे, जो कि उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक संगीतकार और गायक थे।

5. विरेंद्र नेगी ने किस-किस क्षेत्र में कार्य किया है?

  • उत्तर: विरेंद्र ने लोक गीतों की रचना और संगीत निर्देशन किया है। इसके अलावा, उन्होंने टी-सीरीज और अन्य संगीत प्लेटफार्म्स के लिए भी काम किया है।

6. विरेंद्र नेगी की शिक्षा कहां से हुई थी?

  • उत्तर: विरेंद्र ने अपनी शुरुआती शिक्षा गिवांली गांव चोंदकोट से प्राप्त की और बाद में ओग स्कूल से दिल्ली में पढ़ाई की। इसके बाद, उन्होंने गंदर्भ महाविद्यालय से संगीत की शिक्षा ली।

7. विरेंद्र नेगी ने कितने गाने निर्देशित किए हैं?

  • उत्तर: विरेंद्र नेगी ने 5,000 से अधिक गानों का निर्देशन किया है, जिसमें गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी और अन्य भाषाओं के लोकगीत शामिल हैं।

8. विरेंद्र नेगी के किस गाने के लिए प्रसिद्ध हैं?

  • उत्तर: विरेंद्र नेगी अपने लोक गीत "बेदू पाको बारो मासा" और "ओ लाली हौसिया" के लिए प्रसिद्ध हैं। ये गाने HMV द्वारा रिकॉर्ड किए गए थे।

9. विरेंद्र नेगी को किस प्रकार के पुरस्कार मिले हैं?

  • उत्तर: विरेंद्र नेगी को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं, जिसमें नटसम्राट थिएटर ग्रुप से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी शामिल है।

10. विरेंद्र नेगी का उत्तराखंड के लिए सपना क्या है?

  • उत्तर: विरेंद्र का सपना है कि उत्तराखंड के लोक कलाकारों को अधिक पहचान मिले और पहाड़ी संस्कृति को विश्वभर में सम्मान मिले। उन्होंने कई युवा कलाकारों को अपनी कंपनी में काम करने का मौका दिया है।

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