यमुनोत्री: यमुना नदी का उद्गम और एक पवित्र तीर्थस्थल (Yamunotri: The origin of the Yamuna River and a sacred pilgrimage centre)

यमुनोत्री: यमुना नदी का उद्गम और एक पवित्र तीर्थस्थल

यमुनोत्री, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 3235 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक पवित्र स्थान है। यह स्थान देवी यमुना का निवास स्थल होने के साथ-साथ यमुना नदी का उद्गम स्थल भी है। यह चार धामों में से एक है और हिंदू धर्म में इसकी महत्वपूर्ण धार्मिक मान्यता है।

यमुनोत्री का भौगोलिक विवरण

यमुनोत्री 31.0100° N, 78.4500° E निर्देशांकों पर स्थित है। यह उत्तरकाशी से लगभग 150 किलोमीटर, ऋषिकेश से 210 किलोमीटर, और हरिद्वार से 255 किलोमीटर की दूरी पर है। यह स्थान समुद्रतल से 3283 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

यमुनोत्री मंदिर का इतिहास

यमुनोत्री मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में जयपुर की महारानी गुलेरिया द्वारा करवाया गया था। वर्तमान स्वरूप में मंदिर का निर्माण गढ़वाल के राजा प्रताप शाह ने करवाया। मंदिर परिसर में स्थित दिव्यशिला एक प्रमुख पूजनीय स्थल है।

मंदिर के कपाट वैशाख माह की अक्षय तृतीया को खोले जाते हैं और कार्तिक माह की यम द्वितीया को बंद कर दिए जाते हैं।

यमुना नदी का उद्गम

यमुनोत्री में यमुना नदी का वास्तविक स्रोत बर्फ की जमी हुई झील और चंपासर ग्लेशियर है। यह स्थल समुद्रतल से 4421 मीटर की ऊँचाई पर स्थित कालिंद पर्वत पर है। हालांकि, तीर्थयात्रियों के लिए मार्ग अत्यधिक दुर्गम होने के कारण देवी यमुना का मंदिर पहाड़ी के तल पर स्थित है।

प्रमुख धार्मिक स्थल और जलकुंड

यमुनोत्री क्षेत्र में कई पवित्र जलकुंड हैं, जिनमें सूर्यकुंड और गौरीकुंड प्रमुख हैं।

  • सूर्यकुंड: यह गर्म जलकुंड लगभग 90 डिग्री सेल्सियस तापमान का होता है। भक्तगण देवी को चढ़ाने के लिए कपड़े में चावल और आलू बांधकर इस कुंड में पकाते हैं।
  • गौरीकुंड: यह ठंडे पानी का कुंड है, जो अपनी शीतलता के लिए जाना जाता है।

यात्रा मार्ग

यमुनोत्री यात्रा का अंतिम मोटर मार्ग हनुमान चट्टी है। यहां से 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती थी, लेकिन अब हल्के वाहन जानकी चट्टी तक पहुँच सकते हैं। जानकी चट्टी से मंदिर की दूरी केवल 5 किलोमीटर रह जाती है।

यात्रा का समय और मौसम

  • ग्रीष्मकाल: दिन सुहावना और रातें ठंडी रहती हैं। तापमान 6°C से 20°C के बीच रहता है।
  • शीतकाल: दिसंबर से मार्च तक पूरा क्षेत्र बर्फ से ढका रहता है। तापमान शून्य से नीचे चला जाता है।

यात्री सुविधाएँ

यमुनोत्री और इसके आस-पास के क्षेत्रों में GMVN के यात्री विश्राम गृह, निजी होटल, और धर्मशालाएँ उपलब्ध हैं।

कैसे पहुँचें?

  • वायुमार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जौलीग्रांट (देहरादून) है।
  • रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है।
  • सड़क मार्ग: ऋषिकेश से फूलचट्टी तक 220 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। यहां से 8 किलोमीटर की पैदल यात्रा है।

धार्मिक और प्राकृतिक महत्व

यमुनोत्री न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि यह प्रकृति प्रेमियों के लिए भी अद्भुत स्थान है। चारों ओर फैली बर्फीली चोटियाँ, हरी-भरी वादियाँ, और पवित्र जलधाराएँ यहाँ की यात्रा को अविस्मरणीय बनाती हैं।

निष्कर्ष

यमुनोत्री की यात्रा केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लेने के लिए भी एक अद्भुत अनुभव है। देवी यमुना की कृपा और हिमालय की शांतिपूर्ण गोद, दोनों मिलकर तीर्थयात्रियों को आत्मिक और मानसिक शांति प्रदान करते हैं।

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