आलू की थिच्योंणी: उत्तराखंड का लाजवाब पारंपरिक स्वाद (Aloo ki thichyoni: The wonderful traditional taste of Uttarakhand)
आलू की थिच्योंणी: उत्तराखंड का लाजवाब पारंपरिक स्वाद
आलू की थिच्योंणी उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों में से एक है। यह छोटे आलू से बनने वाली एक स्वादिष्ट सब्जी है, जो अपनी सादगी और लाजवाब स्वाद के लिए जानी जाती है। इसे चावल या रोटी के साथ खाया जाता है, और इसका अनोखा स्वाद हर किसी का दिल जीत लेता है।
सामग्री:
छोटे आलू – 250 ग्राम (उबले हुए)
घी – 2-3 चम्मच
जीरा – ½ चम्मच
जख्या – ½ चम्मच (पहाड़ी मसाला)
टमाटर – 2 (बारीक कटे हुए)
हल्दी पाउडर – ½ चम्मच
धनिया पाउडर – 1 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर – स्वादानुसार
नमक – स्वादानुसार
पानी – 1 कप
विधि:
आलू तैयार करें:
उबले हुए छोटे आलू को सिलबट्टे पर हल्के हाथों से थींच (कूट) लें।
तड़का लगाएं:
एक कढ़ाई में घी गर्म करें। उसमें जीरा और जख्या डालें। जब जीरा और जख्या चटकने लगे, तब इसमें बारीक कटे हुए टमाटर डालें।
मसाले मिलाएं:
टमाटर को नरम होने तक पकाएं और उसमें हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, और नमक डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
आलू डालें:
मसाले में थींचे हुए आलू डालें और इसे धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक भूनें।
पानी मिलाएं:
भूनने के बाद, 1 कप पानी डालें और मिश्रण को धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक पकने दें।
तैयार करें:
जब थिच्योंणी गाढ़ी हो जाए और सभी मसाले आलू में अच्छी तरह से मिल जाएं, तो इसे गैस से उतार लें।
परोसें:
गरमागरम थिच्योंणी को चावल या रोटी के साथ परोसें।
मूली की थिच्योंणी
यदि आप आलू की जगह कुछ नया ट्राई करना चाहते हैं, तो मूली का इस्तेमाल कर सकते हैं। मूली की थिच्योंणी भी उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों में से एक है। इसे बनाने की विधि आलू की थिच्योंणी जैसी ही होती है, बस आलू की जगह मूली को सिलबट्टे पर थींचकर इस्तेमाल किया जाता है।
नोट: थिच्योंणी को बनाने में जख्या का इस्तेमाल इसके स्वाद को और भी खास बनाता है। यह पहाड़ों में मिलने वाला एक विशेष मसाला है, जिसे आप आसानी से उत्तराखंड के स्थानीय बाजारों में पा सकते हैं।
उत्तराखंड की यह अनोखी डिश हर खाने के शौकीन को जरूर ट्राई करनी चाहिए।
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