चैती देवी और मोटेश्वर महादेव मंदिर (Chaiti Devi and Moteshwar Mahadev Temple)

चैती देवी और मोटेश्वर महादेव मंदिर काशीपुर: एक धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर

काशीपुर, उत्तराखंड का एक प्रमुख शहर, अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। यहां स्थित चैती देवी मंदिर और मोटेश्वर महादेव मंदिर दो प्रमुख धार्मिक स्थल हैं, जो हर साल हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।


चैती देवी मंदिर: माता बालासुंदरी का पावन धाम

स्थान और विशेषताएँ

यह मंदिर काशीपुर के बस स्टैंड से मात्र 2.5 किमी दूर, कुँडेश्वरी मार्ग पर स्थित है। इसे माता बालासुंदरी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। चैती देवी मंदिर अपनी पौराणिक मान्यताओं और भव्य मेले के लिए प्रसिद्ध है, जो हर साल वसंत नवरात्रों के दौरान आयोजित होता है।

मंदिर का इतिहास

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने माता सती के अंगों को अपने सुदर्शन चक्र से विभाजित किया था। इस स्थान पर माता की दायीं भुजा गिरी थी। यहां माता की कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि एक शिला पर उनकी भुजा की आकृति बनी हुई है, जिसकी पूजा होती है।

मुख्य आकर्षण

  1. शिला की पूजा:
    यहाँ माता की भुजा की शिला को पवित्र माना जाता है।
  2. पाकड़ का पेड़:
    मंदिर परिसर में स्थित यह खोखला पेड़ अपनी अद्भुत कहानी के लिए प्रसिद्ध है।
  3. नवरात्रि मेला:
    नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष पूजा-अर्चना और बलि अनुष्ठान होते हैं।

मोटेश्वर महादेव मंदिर: काशीपुर का शिवधाम

मोटेश्वर महादेव मंदिर, काशीपुर के प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है। यह मंदिर अपनी धार्मिक मान्यताओं और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। हर साल यहाँ महाशिवरात्रि और अन्य शिव उत्सवों पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है।


कैसे पहुंचें?

  1. हवाई मार्ग:
    पंतनगर एयरपोर्ट यहां का निकटतम हवाई अड्डा है, जो दिल्ली से जुड़ा है।
  2. रेल मार्ग:
    काशीपुर रेलवे स्टेशन दिल्ली और रुद्रपुर से सीधी ट्रेनों से जुड़ा हुआ है।
  3. सड़क मार्ग:
    काशीपुर दिल्ली और रुद्रपुर से बस और टैक्सी द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।

चैती देवी मंदिर की मान्यताएँ और मेला

चैती देवी मंदिर में हर साल चैती मेले का आयोजन होता है, जो वसंत नवरात्रि के दौरान शुरू होता है। इस मेले में तरह-तरह की दुकानें, झूले, और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। मंदिर की डोली का शोभायात्रा मेले का मुख्य आकर्षण है।


निष्कर्ष

चैती देवी और मोटेश्वर महादेव मंदिर काशीपुर की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करते हैं। यह स्थल केवल पूजा-अर्चना का केंद्र नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक शांति और सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक है। यदि आप उत्तराखंड की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन मंदिरों की यात्रा अवश्य करें।

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