ज़ायका उत्तराखंड का : पालक का कापा
रोज-रोज दाल खाते-खाते अगर आप बोर हो गए हैं तो उत्तराखंड का एक खास व्यंजन "पालक का कापा" आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह स्वादिष्ट और पौष्टिक डिश उत्तराखंड में बहुत चाव से खाई जाती है। आप इसे देसी पालक से बना सकते हैं, लेकिन पहाड़ी पालक इसके स्वाद को और भी बढ़ा देता है।
पालक के गुणों से आप परिचित होंगे ही, तो चलिए जानते हैं पालक का कापा बनाने की विधि:
सामग्री:
- पालक – 500 ग्राम
- खड़ी लाल मिर्च – 2 या 3
- हल्दी – ½ टी स्पून
- गर्म मसाला – ½ टी स्पून
- जीरा – ½ टी स्पून
- हींग – एक चुटकी
- देसी घी – 50 ग्राम
- नमक – स्वादानुसार
- चावल का आटा – 1 टेबल स्पून
पालक का कापा बनाने की विधि:
- सबसे पहले पालक को धोकर मोटा-मोटा काट लें।
- अब एक लोहे की कढ़ाई में देसी घी डालकर जीरा, खड़ी मिर्च और हींग मिला दें। जब यह तड़कने लगे, तब पालक डालकर पकाएं।
- एक कटोरे में चावल का आटा लें और उसमें पानी डालकर एक घोल बना लें। ध्यान रखें कि घोल एकसार हो।
- अब इस घोल को पालक के साथ मिला दें। ऊपर से हल्दी और गर्म मसाला डालें।
- बीच-बीच में चलाते रहें ताकि कढ़ाई में पकने पर यह चिपके नहीं। कापा गाढ़ा होने तक इसे पकाएं (लगभग 10 मिनट)।
- पालक का कापा खाने का सबसे अच्छा तरीका तो इसे चावल के साथ ही है, लेकिन आप इसे रोटी के साथ भी सर्व कर सकते हैं।
यह स्वादिष्ट कापा न केवल आपके स्वाद को तृप्त करेगा, बल्कि उत्तराखंड के पारंपरिक जायकों का भी आनंद देगा।
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