हास्य कलाकार घन्ना भाई (घनानंद) अब हमारे बीच नहीं रहे। Comedian Ghanna Bhai (Ghananand) is no more with us.

दुखद खबर: उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक कलाकार और हास्य कलाकार घन्ना भाई (घनानंद) अब हमारे बीच नहीं रहे।

ॐ शांति 🙏

उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद उर्फ घन्ना भाई की तबियत बिगड़ गई थी। उनका देहरादून के श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में उपचार चल रहा था। वह पिछले चार दिनों से वेंटिलेटर पर थे। डॉक्टर क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में उनकी नियमित निगरानी कर रहे थे। उनकी एक तस्वीर भी सामने आई थी, जिसमें वह वेंटिलेटर पर गंभीर स्थिति में नजर आ रहे थे। वहीं, सोशल मीडिया पर लोग उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे।

'आवाज सुनो पहाड़ों की' कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक बलबीर सिंह पंवार और संयोजक नरेंद्र रौथाण ने बताया था कि घन्ना भाई को पूर्व में पेसमेकर लगाया गया था। उसके बाद से वह अस्पताल में नियमित तौर पर हृदय संबंधी जांच करवा रहे थे। कुछ दिन पूर्व उन्हें यूरिन में ब्लड आने की समस्या हुई थी। सामान्य जांच के लिए वह अस्पताल पहुंचे थे, जहां रक्त चढ़ाने के बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। तबियत ज्यादा खराब होने पर चार दिन पहले उन्हें वेंटिलेटर पर भर्ती किया गया था। नरेंद्र रौथाण ने बताया कि दरबार साहिब के श्रीमहंत देवेंद्र दास ने उनके उपचार पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए थे।

हास्य कलाकार घन्ना भाई (घनानंद) का जन्म 1953 में पौड़ी के गगोड़ गांव में हुआ था। उनकी शिक्षा कैंट बोर्ड लैंसडाउन, जिला पौड़ी गढ़वाल से हुई थी। घन्ना भाई ने हास्य कलाकार के रूप में अपने सफर की शुरुआत 1970 में रामलीलाओं में नाटकों से की थी। 1974 में घनानंद ने रेडियो और बाद में दूरदर्शन पर कई कार्यक्रम भी दिए। उन्होंने उत्तराखंड की कई लोक फिल्में जैसे 'घरजवें', 'चक्रचाल', 'बेटी-ब्वारी', 'जीतू बगडवाल', 'सतमंगल्या', 'ब्वारी हो त यनि', 'घन्ना भाई एमबीबीएस', 'घन्ना गिरगिट' और 'यमराज' जैसी हिट फिल्मों में काम किया।

घन्ना भाई ने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। 2012 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के टिकट पर पौड़ी विधानसभा से चुनाव भी लड़ चुके थे। हालांकि, चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बाद में वह भाजपा के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका निभाते रहे।

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