अज्ञानता की कीमत: एक प्रेरणादायक सीखने योग्य कथा (The Cost of Ignorance: An Inspiring Learnable Tale)
अज्ञानता: एक सीखने योग्य कथा
हम सभी जानते हैं कि हम क्या हैं, लेकिन हम यह नहीं जानते कि हम क्या-क्या कर सकते हैं।

मिश्रा जी चाय की चुस्कियों के साथ अखबार पढ़ रहे थे। अचानक उनकी नज़र एक खबर पर पड़ी—शहर में बड़ा बम धमाका हुआ, जिसमें कई लोग घायल हो गए। उन्होंने तुरंत अपनी पत्नी को आवाज़ दी और खबर सुनाई। पत्नी ने पूरी खबर सुनने की जिज्ञासा व्यक्त की। मिश्रा जी ने बताया कि एक व्यक्ति को बाजार में चिराग जैसी कोई चीज़ मिली, जिसे वह अपने घर ले आया। उसने सोचा कि यह अलादीन का चिराग होगा और इसे रगड़ते ही जिन्न प्रकट होगा। उसने उत्साह में चिराग को रगड़ना शुरू कर दिया, लेकिन यह कोई जादुई चिराग नहीं, बल्कि बम था, जो ज़ोरदार धमाके के साथ फट गया।
पत्नी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि बेचारे को अज्ञानता की भारी कीमत चुकानी पड़ी। मिश्रा जी बोले, "कोई अगर जान-बूझकर बेवकूफियां करता है, तो उसका भला भगवान भी नहीं कर सकते। आजकल के समय में भी लोग अंधविश्वास और काल्पनिक कहानियों पर विश्वास करके अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं।"
ज्ञान की अनदेखी का परिणाम
इतने में घर का फोन बजा। मिश्रा जी ने उठाया तो बेटे के दोस्त की चिंतित आवाज़ सुनाई दी। उसने मिश्रा जी से उनके बेटे से बात कराने को कहा, पर बेटा मंदिर गया था। मिश्रा जी अखबार में खो गए और संदेश देना भूल गए।
शाम को मिश्रा जी के घर के बाहर उनके बेटे का दोस्त क्रेन के साथ खड़ा था, जो उनकी कार को वापस ला रहा था। मिश्रा जी ने हैरानी से पूछा कि क्या हुआ?
बेटे के दोस्त ने गुस्से में बताया कि उसने कार शादी में जाने के लिए मांगी थी, लेकिन सफर एक बुरे अनुभव में बदल गया। उसने पेट्रोल पंप पर टंकी फुल करवाई, लेकिन कुछ दूरी पर ही कार बंद हो गई। जब मैकेनिक बुलाया गया तो उसने बताया कि यह कार डीजल से चलती है, जबकि इसमें पेट्रोल डलवा दिया गया था। अब इसे ठीक कराने और वापस लाने में काफी पैसे खर्च हो गए।
सीख: अधूरे ज्ञान का खतरनाक परिणाम
मिश्रा जी बेटे के दोस्त की नासमझी देखकर चकित रह गए। जब उनका बेटा घर आया तो वह अपने दोस्त पर भड़क गया और उसे डांटने लगा।
मिश्रा जी ने समझाया, "गुस्से में किसी पर हाथ उठाना तुम्हारी कमजोरी को दर्शाता है। गलती इंसान से होती है, लेकिन इसे स्वीकार कर उससे सीखना ही सच्चा ज्ञान है। अगर किसी विषय का पूरा ज्ञान न हो तो पहले उसकी सही जानकारी लेनी चाहिए। जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही फैसले लेने जरूरी होते हैं।"
निष्कर्ष
ज्ञान और विद्या वे संपत्तियां हैं, जो बांटने से बढ़ती हैं। कोई भी व्यक्ति इनका हरण नहीं कर सकता। यदि इंसान ज्ञान के सहारे आगे बढ़े, तो किसी भी ऊंचाई तक पहुंच सकता है, लेकिन अज्ञानता उसे अंधकार की ओर धकेल देती है।
इसलिए, हमेशा ज्ञान की ओर बढ़ें और अधूरी जानकारी के आधार पर निर्णय न लें।
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