महाभारत के प्रेरणादायक उद्धरण: ज्ञान, शाप और प्रतिज्ञाएँ (Epic Quotes from Mahabharata: Wisdom, Curses, and Vows)
महाभारत के प्रेरणादायक उद्धरण: ज्ञान, शाप और प्रतिज्ञाएँ (Epic Quotes from Mahabharata: Wisdom, Curses, and Vows)

281. 'दुर्योधन सुन, यदि युद्धक्षेत्र में तेरी यह जाँघ मैंने अपनी गदा से न तोड़ दी तो मैं अपने पूर्व पुरुषों की तरह सद्गति प्राप्त करूँ।' यह भीषण वाक्य किसने कहा था?
(A) बलराम
(B) पौंड्रक
(C) भीमसेन
(D) मेघमंगि
उत्तर: (C) भीमसेन
282. 'जाओ, मैं वचन देता हूँ कि मैं युद्ध में अर्जुन के अतिरिक्त अन्य किसी पांडव को नहीं मारूँगा।' यह वचन किसने, किसको दिया था?
(A) दुर्योधन ने गांधारी को
(B) द्रोणाचार्य ने कुंती को
(C) भीष्म ने श्रीकृष्ण को
(D) कर्ण ने कुंती को
उत्तर: (D) कर्ण ने कुंती को
283. 'युधिष्ठिर, बताओ, सबसे तेज गति किस वस्तु की है?' यह प्रश्न युधिष्ठिर से किसने पूछा था?
(A) सर्प रूपी नहुष ने
(B) पक्ष रूपी धर्मराज ने
(C) श्रीकृष्ण ने
(D) गुरु द्रोण ने
उत्तर: (A) सर्प रूपी नहुष ने
284. 'यदि युद्ध में अर्जुन मारा गया तो मैं युधिष्ठिर के साथ ही जाऊँगा, जब पांडव पाँच ही जाएँगे और यदि मैं मारा गया तो अर्जुन सहित पाँच ही गिनेंगे।' कर्ण ने यह बात किससे कही थी?
(A) कुंती
(B) श्रीकृष्ण
(C) महर्षि व्यास
(D) दुर्योधन
उत्तर: (A) कुंती
285. 'गुरुजी, मुझे तो केवल चिड़िया की आँख दिखाई दे रही है।' यह किसने, किससे कहा था?
(A) कर्ण ने आचार्य परशुराम से
(B) एकलव्य ने द्रोणाचार्य से
(C) अर्जुन ने द्रोणाचार्य से
(D) भीमसेन ने कृपाचार्य से
उत्तर: (C) अर्जुन ने द्रोणाचार्य से
286. 'इस कवच को शस्त्र काट नहीं सकते, अग्नि जला नहीं सकती, जल गला नहीं सकता और वायु सुखा नहीं सकती।' यह प्रसिद्ध वाक्य किसने कहा था?
(A) युधिष्ठिर
(B) अर्जुन
(C) श्रीकृष्ण
(D) वेदव्यास
उत्तर: (C) श्रीकृष्ण
287. 'मनुष्यों में से किसी ने भी, यह चाहे कोई भी हो, यदि गांडीव का अपमान किया तो मैं निश्चय ही उसका वध कर डालूँगा।' यह प्रतिज्ञा किसने की थी?
(A) अर्जुन
(B) भीम
(C) दुर्योधन
(D) श्रीकृष्ण
उत्तर: (A) अर्जुन
288. 'यद्यपि मैं बालक हूँ, तो भी संपूर्ण प्राणी देखेंगे कि मैं किस तरह आज अकेले ही शत्रु सेना को काल का ग्रास बनाता हूँ। यदि जीते-जी युद्ध में मेरे सामने आकर कोई जीवित बच जाए तो मैं अर्जुन का पुत्र नहीं।' ये वीरचित उद्गार किसके मुख से निकले थे?
(A) इशान
(B) अभिमन्यु
(C) बभ्रुवाहन
(D) चुतकीर्ति
उत्तर: (B) अभिमन्यु
289. 'हाँ, हम लोग यह भिक्षा लाए हैं, पुत्र-पौत्रों और भाइयों सहित मिलकर उसका उपभोग करो।' इस संवाद में द्वितीय वाक्य किसने कहा था?
(A) द्रौपदी
(B) कुंती
(C) सत्यवती
(D) माद्री
उत्तर: (B) कुंती
290. 'राजन! मैं तुम्हारी रानी बनूँगी, किंतु एक शर्त है कि मैं भला या बुरा जो भी करूँ, तुम मुझे रोकोगे नहीं और न ही मुझे अप्रिय वचन कहोगे।' यह किसने कहा था?
(A) सत्यवती
(B) उलूपी
(C) गंगा
(D) देवयानी
उत्तर: (C) गंगा
291. 'द्रोण! तुम्हारी बुद्धि अभी परिपक्व नहीं हुई। देखो न, तुमने कैसे बिना विचार किए कह दिया कि मैं तुम्हारा सखा हूँ। तब हम दोनों समान थे तो हममें मित्रता थी। किंतु अब मैं धनी हूँ और तुम निर्धन। तुम्हारी-मेरी क्या समानता!' ये कटु वचन द्रोणाचार्य से किसने कहे थे?
(A) पौष्य
(B) द्रुपद
(C) विराट
(D) धृतराष्ट्र
उत्तर: (B) द्रुपद
292. 'स्वयंवर में पधारे नरपतियों और राजकुमारी! यह धनुष है, ये बाण हैं और यह लक्ष्य है। आप लोगों के सामने घूमते हुए यंत्र के छिद्र में से अधिकतम पाँच बाण मारकर लक्ष्यवेध करें।' यह घोषणा किसने, किसके स्वयंवर में की थी?
(A) मुशर्मा ने बलंधरा के स्वयंवर में
(B) द्रुपद ने द्रौपदी के स्वयंवर में
(C) रुक्मि ने रुक्मिणी के स्वयंवर में
(D) भोज ने कुंती के स्वयंवर में
उत्तर: (B) द्रुपद ने द्रौपदी के स्वयंवर में
293. 'अर्जुन ने हमारे देश की महत्ता समझकर ही हमारी बहन का हरण किया है। उनका कार्य क्षत्रिय धर्म के अनुरूप हुआ है और हमारे योग्य है।' यह बात किसने कही थी?
(A) बलराम
(B) सत्यक
(C) श्रीकृष्ण
(D) वसुदेव
उत्तर: (C) श्रीकृष्ण
294. 'जिसकी गोद में जाने पर इस बालक की दो अतिरिक्त भुजाएँ गिर पड़ें और जिसके देखने मात्र से इसका तीसरा नेत्र सुप्त हो जाए, उसी के हाथों इसकी मृत्यु होगी।' यह आकाशवाणी किस बालक के संबंध में हुई थी?
(A) नरकासुर
(B) जरासंध
(C) शिशुपाल
(D) शकुनि
उत्तर: (C) शिशुपाल
295. 'यदि इस कृष्ण ने बचपन में किसी पक्षी (बकासुर), घोड़े (केशी) अथवा बैल (वृषभासुर) को मार ही डाला तो क्या हुआ? ये कोई योद्धा तो नहीं थे।' यह कटुवचन किसने कहे थे?
(A) जरासंध
(B) शिशुपाल
(C) शाल्व
(D) दुर्योधन
उत्तर: (B) शिशुपाल
296. 'कृष्ण, मैं तुम्हें ललकारता हूँ। आओ, मुझसे भिड़ जाओ। मैं पांडवों के साथ तुम्हें यमपुरी भेजूँगा।' यह मूर्खतापूर्ण ललकार किसकी थी?
(A) शिशुपाल
(B) दुर्योधन
(C) शाल्व
(D) पीड़क वासुदेव
उत्तर: (A) शिशुपाल
297. 'मैंने इसे अब तक क्षमा किया था क्योंकि इसकी माता की प्रार्थना थी, पर अब इसकी अपराधों की सीमा समाप्त हो चुकी है। इसलिए अब मैं इसका वध करूँगा।' यह बात किसने, किसके लिए कही थी?
(A) श्रीकृष्ण ने शिशुपाल के लिए
(B) अर्जुन ने चित्रांगद के लिए
(C) कर्ण ने अर्जुन के लिए
(D) भीष्म ने कर्ण के लिए
उत्तर: (A) श्रीकृष्ण ने शिशुपाल के लिए
298. 'मेरे शिष्यों! गुरुदक्षिणा के रूप में तुम द्रुपद को बाँधकर मेरे सम्मुख लाओ।' यह आदेश किस गुरु ने दिया था?
(A) परशुराम
(B) द्रोणाचार्य
(C) कृपाचार्य
(D) अंगिरा
उत्तर: (B) द्रोणाचार्य
299. 'एकलव्य, यदि तुम सचमुच मुझे अपना गुरु मानते हो तो गुरुदक्षिणा स्वरूप अपने दाहिने हाथ का अँगूठा अर्पित करो।' यह आदेश किसने दिया था?
(A) कृपाचार्य
(B) द्रोणाचार्य
(C) परशुराम
(D) श्रीकृष्ण
उत्तर: (B) द्रोणाचार्य
300. 'बृहन्नला! तुम संग्रामभूमि में आए भीष्म, द्रोण आदि कौरवों को जीतकर हमारे लिए रंगीन वस्त्र लाओ।' यह किसने कहा था?
(A) उत्तरा
(B) मुदेष्या
(C) संजय
(D) विराट
उत्तर: (A) उत्तरा
'राजाओं! में तुम लोगों के सामने इन कन्याओं का बलपूर्वक हरण करता हूँ। तुम लोग अपनी पूरी शक्ति लगाकर मुझे जीत लो या हारकर भाग जालो। मैं तुम लोगों के सामने युद्ध के लिए खड़ा हूँ।' यह ललकार किसके मुख से निकली थी?
(A) श्रीकृष्ण
(B) भीष्म
(C) अर्जुन
(D) भीमसेन
उत्तर: (B) भीष्म
'अर्जुन, जिस समय देवाधिदेव महादेव तुम पर प्रसन्न होंगे, उस समय तुम्हारे तप के प्रभाव से मैं तुम्हें अपने सारे अस्त्र दे दूँगा।' अर्जुन से यह किसने कहा था?
(A) श्रीकृष्ण
(B) भगवान परशुराम
(C) इन्द्रदेव
(D) द्रोणाचार्य
उत्तर: (C) इन्द्रदेव
'मयासुर, यदि तुम धर्मराज युधिष्ठिर का प्रिय कार्य करना चाहते हो तो अपनी रुचि के अनुसार उनके लिए एक सभा बना दो। सभा ऐसी हो कि चतुर शिल्पी भी देखकर उसकी नकल न कर सके। उसमें देवता, मनुष्य और असुरों का संपूर्ण कला-कौशल प्रकट होना चाहिए।' मयासुर को यह आदेश किसने दिया था?
(A) श्रीकृष्ण
(B) अर्जुन
(C) विदुर
(D) युधिष्ठिर
उत्तर: (D) युधिष्ठिर
'मेरे लिए सखा, मित्र अथवा भाई-बंधु कोई भी अर्जुन से बढ़कर प्रिय नहीं है। इस संसार को अर्जुन के बिना मैं एक क्षण भी नहीं देख सकता।' यह किसने कहा था?
(A) द्रोणाचार्य
(B) युधिष्ठिर
(C) श्रीकृष्ण
(D) कर्ण
उत्तर: (C) श्रीकृष्ण
'महाभारत युद्ध में एक ओर मेरी संपूर्ण सेना होगी और दूसरी ओर मैं स्वयं रहूँगा, किंतु मैं न तो युद्ध करूँगा और न शस्त्र ही धारण करूँगा।' यह घोषणा किसने की थी?
(A) रुक्मि
(B) श्रीकृष्ण
(C) बलराम
(D) शिशुपाल
उत्तर: (B) श्रीकृष्ण
'अर्जुन, देखते क्या हो? सूर्यास्त अभी नहीं हुआ। यह रहा झंडा। अपना गांडीव उठाओ और उसका संहार करो।' अर्जुन से यह किसने कहा था?
(A) युधिष्ठिर
(B) भीमसेन
(C) श्रीकृष्ण
(D) विराट
उत्तर: (C) श्रीकृष्ण
'राजन्, जिस समय कर्ण और अर्जुन रथों पर चढ़कर आपस में युद्ध करेंगे, उस समय आपको कर्ण का सारथी करना होगा, इसमें संदेह नहीं है। यदि आप मेरा भला चाहते हैं तो उस समय अर्जुन की रक्षा करें और मेरी विजय के लिए कर्ण का उत्साह भंग करते रहें।' यह किसने किससे कहा था?
(A) युधिष्ठिर ने शल्य से
(B) युधिष्ठिर ने भगदत्त से
(C) श्रीकृष्ण ने सुबल से
(D) श्रीकृष्ण ने कृतवर्मा से
उत्तर: (A) युधिष्ठिर ने शल्य से
'जब तक महाभारत के युद्ध में पितामह भीष्म जीवित रहेंगे, मैं युद्ध में भाग नहीं लूँगा और न ही युद्ध क्षेत्र में रहूँगा।' यह प्रतिज्ञा किसने की थी?
(A) शल्य
(B) कर्ण
(C) भगदत्त
(D) द्रोणाचार्य
उत्तर: (B) कर्ण
'युवराज दुर्योधन! आप पहले आए हैं, इसमें तो संदेह नहीं, किंतु मैंने पहले अर्जुन को देखा है। अतः वे पहले आए हैं और अर्जुन को मैंने पहले देखा है, इसलिए मैं दोनों ही की सहायता करूँगा।' यह निर्णय किसका था?
(A) श्रीकृष्ण
(B) रुक्मि
(C) भगदत्त
(D) शल्य
उत्तर: (A) श्रीकृष्ण
'कर्ण, तुमने सोच-विचारकर बाण नहीं छोड़ा था, इसलिए मैं अर्जुन का मस्तक नहीं उड़ा सका। जब ज़रा निशाना साधकर चलाओ, फिर मैं अपने और तुम्हारे इस शत्रु का सिर अभी काट डालता हूँ।' कर्ण से यह किसने कहा था?
(A) अश्वसेन नाग
(B) शल्य
(C) दुर्योधन
(D) भीष्म
उत्तर: (A) अश्वसेन नाग
महाभारत से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (MCQs)
महाभारत भारतीय संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें विभिन्न पात्रों को दिए गए शाप और वरदानों का विशेष महत्व है। यहां 331 से 340 तक के कुछ महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) दिए गए हैं:
331. वह कौन था, जिसे यह शाप मिला था कि यदि यह स्त्री-समागम करेगा तो उसकी मृत्यु हो जाएगी?
(A) अर्जुन
(B) श्रीकृष्ण
(C) द्रोणाचार्य
(D) अंड
उत्तर: (A) अर्जुन
332. जयद्रथ को यह वरदान किसने दिया था कि तुम केवल एक दिन अर्जुन के अलावा शेष चार पांडवों को युद्ध में जीत सकोगे?
(A) अल्मा
(B) इंद्र
(C) शिव
(D) आ
उत्तर: (C) शिव
333. "कर्ण! तू मार डालने योग्य है। तूने यह महान पाप किया है। युद्ध के समय तेरे रथ का पहिया पृथ्वी में धँस जाएगा और तू उसे निकाल नहीं सकेगा। उस समय शत्रु तेरा मस्तक छिन्न कर डालेगा।" यह शाप किसने दिया था?
(A) एक ब्राह्मण
(B) परशुराम
(C) द्रोणाचार्य
(D) वेदव्यास
उत्तर: (B) परशुराम
334. "कर्ण! तूने मेरे साथ छल किया है। जा, अवसर आने पर मेरी दी हुई विद्या तू भूल जाएगा।" यह शाप किसने दिया था?
(A) द्रोणाचार्य
(B) सूर्य
(C) महर्षि वेदव्यास
(D) आचार्य परशुराम
उत्तर: (D) आचार्य परशुराम
335. "राजन्, आपने मुझे जिस अवस्था में मारा है वह सर्वथा अनुचित थी। इसलिए जब आप अपनी पत्नी के साथ समागम करेंगे तो उसी अवस्था में आपकी मृत्यु हो जाएगी।" यह शाप किसने किसे दिया था?
(A) मुनि किंदम ने महाराज पांडु को
(B) ऋषि जरत्कारु ने राजा परीक्षित को
(C) महर्षि भौम्य ने चेकितान को
(D) आचार्य परशुराम ने कर्ण को
उत्तर: (A) मुनि किंदम ने महाराज पांडु को
336. "भगवन्! यदि आप मुझ पर प्रसन्न होकर वर देना चाहते हैं तो मुझे अपना पाशुपतास्त्र दे दीजिए ताकि मैं भ्रातृ युद्ध में सबको जीत सकूँ।" यह वर किसने माँगा था?
(A) अर्जुन ने शिव से
(B) कर्ण ने परशुराम से
(C) दुर्योधन ने शिव से
(D) भीमसेन ने अल्माजी से
उत्तर: (A) अर्जुन ने शिव से
337. "मैं दूसरा वर यह माँगती हूँ कि रथ और धनुष के साथ भीमसेन, अर्जुन, नकुल और सहदेव भी दासत्व से मुक्त होकर स्वाधीन हो जाएँ।" यह वर किसने माँगा था?
(A) कुंती ने यक्ष से
(B) गांधारी ने धृतराष्ट्र से
(C) द्रौपदी ने धृतराष्ट्र से
(D) द्रौपदी ने श्रीकृष्ण से
उत्तर: (C) द्रौपदी ने धृतराष्ट्र से
338. "भगवन्! हम बारह वर्ष तक वन में रहे, अब तेरहवाँ वर्ष आ लगा है, अतः ऐसा वर दीजिए कि इसमें हमें कोई पहचान न सके।" यह वर किसने माँगा था?
(A) अर्जुन ने इंद्र से
(B) युधिष्ठिर ने धर्मराज से
(C) नकुल ने श्रीकृष्ण से
(D) भीमसेन ने शिव से
उत्तर: (B) युधिष्ठिर ने धर्मराज से
339. "कृष्ण! जैसे मेरे वंश का नाश हुआ है वैसे ही तुम्हारे यादव वंश का भी नाश होगा। बंधु-बांधव, मंत्री और पुत्रों का नाश हो जाने के बाद तुम एक साधारण कारण से अनाथ की तरह मारे जाओगे।" श्रीकृष्ण को यह शाप किसने दिया था?
(A) धृतराष्ट्र
(B) दुर्योधन
(C) गांधारी
(D) वेदव्यास
उत्तर: (C) गांधारी
340. "परीक्षित ने मेरे निरपराध पिता के ऊपर साँप डालकर उनका तिरस्कार किया है। मैं उसे शाप देता हूँ कि तक्षक नाग क्रोध में आकर सात दिन के अंदर उसे डँस लेगा, जिससे उसकी मृत्यु हो जाएगी।" परीक्षित को यह शाप किसने दिया था?
(A) शमीक
(B) श्रृंगी
(C) जरत्कारु
(D) आस्तिक
उत्तर: (B) श्रृंगी
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