जीवन के अनमोल विचार: सफलता, आत्मनिर्भरता और व्यवहार के मूल मंत्र (Precious thoughts on life: the mantras of success, self-reliance, and behavior.)
जीवन के अनमोल विचार: सफलता, आत्मनिर्भरता और व्यवहार के मूल मंत्र
आपका आचरण ही आपकी पहचान है। इसे जहां तक हो, एक सभ्य व्यक्ति सरल बनाने का प्रयास करे।

- आत्मविश्वास से बढ़कर आपका कोई साथी नहीं होता है। इसे हमेशा बरकरार रखें।
- आपका वर्तमान ही आपका भविष्य है! इसलिए हर कार्य सोच-समझकर करें।
- आप किसी पर विश्वास करो या न करो, यह अलग बात है! पर आपके द्वारा किया गया संदेह अगले की जिंदगी तबाह कर सकता है।
- प्रेम कभी किसी को नीचा नहीं दिखा सकता। तो यह घृणा का पात्र कैसे हो सकता है? जितना संभव हो प्रेम बांटते चलें।
- क्रोध आपका सबसे बड़ा शत्रु है। अगर आपने क्रोध को जीत लिया, तो सब कुछ जीत लिया।
जीवन का महत्व
- जीवन हमें बार-बार नहीं मिलता। इसे जानो, समझो और समय दो। यह तुम्हें एक अलग पहचान देगा और जिनके लिए तुम तड़प रहे हो, उनकी खुशियों का खुशनुमा एहसास भी देगा।
- जो तुम्हें ना समझे, उन्हें समझाने का प्रयत्न मत करो। हो सकता है कि उन्हें समझने की क्षमता ही न हो।
- किसी के पीछे इतना मत भागो कि तुम्हें अपना ही वजूद मिटाना पड़े।
संवाद और आत्मनिर्भरता
- कोतुहल को शांत करने के लिए संवाद जरूरी है। किसी को अनायास ही कटघरे में खड़ा करने से पहले एक बार संवाद करें।
- अगर आपकी कोई सहायता कर सकता है, तो वो सिर्फ आप ही हैं। दूसरों की अपेक्षा स्वयं पर विचार करें।
- चलते रहो निज राह में, थक कर बैठना शर्म की बात है। मंज़िल तक वही पहुंचता है, जिसने मुश्किलों को मात दी है।
सोच-विचार और व्यवहार
- अगर आपको कभी किसी ने प्रेम नहीं किया और आप सदैव घृणा का पात्र रहे हैं, तो वही सब दोहराने से आपमें और उनमें क्या फ़र्क रहेगा? विचार करें।
- वास्तविकता से कभी मुख मत मोड़ो। जो हो, जैसे भी हो, उसी से सबको रूबरू करवाओ। तुम्हारा खुद का अलग वजूद है, दिखावे में इसे मत मिटाओ।
- अहम को कभी भी अपने हृदय में पनाह मत दो।
- अपमानित होकर कभी खामोश मत बैठो। जिस कमी से आप अपमानित हुए हो, उसे पहचानो और कठिन परिश्रम से उसकी भरपाई करो।
- जरूरत से ज्यादा किसी का सम्मान मत करो। अपनी भावनाओं को संतुलित रखें।
- कभी किसी की भावनाओं का अपमान मत करो।
- जाने-अनजाने में भी किसी का हृदय मत दुखाओ।
- आपको कहीं से धोखा नहीं मिलता। आप खुद उसे लाते हैं, जरूरत से ज्यादा विश्वास करके।
संघर्ष और लक्ष्य
- हे मनुजा! लोग उस सूरज का भी तिरस्कार करने से नहीं थकते, जिसके बिना यह संसार केवल अंधकार होगा।
- जब तक तुम्हारा हृदय हार नहीं मानता, दुनिया की कोई ताकत तुम्हें हरा नहीं सकती। अपने आप से लड़ते रहो और बढ़ते रहो।
- मंज़िल तक पहुंचने के लिए लक्ष्य का होना जरूरी है। एक निश्चित लक्ष्य बनाकर कार्य करें।
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