श्री स्वामी समर्थ शनि अमृतवाणी और शायरी

|| श्री स्वामी समर्थ ||
शनि अमृतवाणी
गणपति वंदना
कांगितेन रोदेन तुम, तुम गणपति गणराज।
आदि पूजूँ विनायका, पूरण कीजौ काज॥
महादेव को ध्यान धर, पूजूँ माँ जगदम्ब।
तुम्हगा आशिष पायकर, मिट जावे सबदम्भ॥
शनि देव की महिमा
रवि छाया ने लाल का, नाम रखा शनिदेव।
करमन फल को देत हैं, कष्टों के हर लेव॥
रूप चतुर्भुज धारे हैं, निराकार साकार।
उनका बेड़ा पार है, जिन्हें शनि से प्यार॥
शनि अमृतवाणी दोहे
तज विषय शनिदेव का, पूजन करे त्रिकाल।
शनिदेव दाता करें, जीवन जीव निहाल॥
नीलद्युति आभा तेरी, शंकर सदृश रूप।
नमन तुम्हें शनिदेव है, हे कालाग्नि स्वरूप॥
शनि देव की स्तुति
नमो नमो शनि महाशान्ताय, नमो सौम्य भानुज योगाय।
नमो नमो शनि वज्रदेहाय, नमो नमो शनि विश्ववन्द्याय॥
नमो शनैश्चर पुष्टिदाय, नमो रवि वंशज प्रदीपनाय।
नमो विष्णवे विश्व भावाय, नमो नमो शनि भक्तवत्सलाय॥
शनि देव की विशेषता
करिये शनि संकीर्तन, पाइये कृपा खास।
स्वाति बूँद चातक लिये, मिट जाती है प्यास॥
न्यायधीश बड़े सख्त शनि, भगतन को सुखकार।
ज्यों गन्ने की डाँड है, पौर-पौर रसदार॥
शनि देव की पूजा विधि
- तिल और तेल का अभिषेक करें।
- शनिदेव को काले तिल, उड़द, और लोहा अर्पित करें।
- शनिदेव के मंत्रों का जाप करें।
- शनि चालीसा और शनि अमृतवाणी का पाठ करें।
श्री शनि देव की आरती
जय शनिदेव जय शनिदेव, जय जय जय शनिदेव।
भक्तजनों के हरते कष्ट, शनिदेव सुखदायक हे॥
शनि देव की शायरी
- "शनि देव के चरणों का सहारा पाकर, हर संकट जीवन से जाएगा हटकर।"
- "तुमसे बड़ा ना कोई न्यायप्रिय है, शनि देव आपसे जीवन का हर सुख मिले।"
- "तेरा नाम लूँ शनिदेव, मेरा हर काम हो जाए, संकट मिटे और जीवन सुखमय हो जाए।"
शनि देव की कृपा का महत्व
"शनि नाम सुमिरण करते जो कोई, रोग शोक न ताको होई।
जीवन में सुखदायी हैं शनिदेव, हर कष्ट को मिटाने वाले देव।"
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