Uttarakhand Mangal Geet list (उत्तराखंड मगल गीत सूची)
धूलि अर्घ पर गाया जाने वाला गढ़वाली मांगल गीत
(गढ़वाली)
को होलो मेरी धिया को जनीत! कै द्योला आज धूलि़ अरघ!
जैका अंग होलो पीताम्बरी चोला। स्युई होलो तेरी धिया को जनीत।
जणदो नि छौं मैं पछणदो नि छौं मै ,कै द्योला आज धूलि़ अरघ।
जैका सिर होली सजीली पगड़ी ,जैका अंग होलो झिलमिल जामो।
जैका होला, जैका होला कान कुण्डल,जैका होला जैका होला हातु कंगन
तैई द्येण तैई द्येण धूलि़ अरघ ,तैई द्येण आज संख की पूजा।
जैका सिर होलो सोना को मुकुट ,जैका अंग होली पीताम्बरी धोती।
तैई द्येण आज धूलि़ अरघ ,स्युई होलो तेरी धिया को बर।
हेरी फेरी बइयाँ पकड़ ले ,पैलो फेरो फेर लाडी, कन्या छै कुँवारी
दूजो फेरो फेर लाडी, ब्वे बाबु की प्यारी ,हेरी फेरी बइयाँ पकड़ ले।
तीजो फेरो फेर लाडी, भै बैण्यूँ की प्यारी। चैथो फेरो फेर लाडी, सौंजड़्यों की दुलारी।
हेरी फेरी बइयाँ पकड़ ले ……..
(हिंदी)
को हो मेरी बेटी की शादी में शामिल! क्या दिया जाएगा आज धूलि अर्घ!
जिसके शरीर पर होगी पीताम्बरी चोला। सही मायने में आपकी बेटी का वर।
न मैं झूठा हूं न मैं झूठ बोल रहा हूं, आज धूलि अर्घ देना होगा।
जिसके सिर पर होगी सुंदर पगड़ी, जिसके शरीर पर होगा झिलमिलाता जामा।
जिसके कानों में होंगे कुंडल, जिसके हाथों में होंगे कंगन।
उसी को देना होगा आज धूलि अर्घ, उसी को संख पूजा के लिए चुनना होगा।
जिसके सिर पर होगा सोने का मुकुट, जिसके शरीर पर होगी पीताम्बरी धोती।
उसी को देना होगा आज धूलि अर्घ, सही मायने में आपकी बेटी का वर।
हल्दी पर गाये जाने वाला गढ़वाली मांगल गीत “दे द्यावा दे द्यावा ” ( garhwali mangal geet lyrics in hindi )
दे द्यावा दे द्यावा मेरा बरमा जी,
दे द्यावा हल़दी का बान हे……
जिया रेयाँ जिया मेरा बरमा जी..
जौन दीनि हल़दी का बान हे
दे द्यावा दे द्यावा मेरी माजी हे ..
दे द्यावा हल़दी का बान हे।
जिया रेया जिया मेरी बोडी जी,
जौन दीनि दै दूध का बान हे…
दे द्यावा दे द्यावा मेरी चाची जी,
दे द्यावा घ्यू तेल़ का बान हे
जिया रेया जिया मेरा पुफू जी,
जौन दीनि चन्दन का बान हे ..
दे द्यावा दे द्यावा मेरी भाभी जी,
दे द्यावा समोया का बान हे….
दे द्यावा दे द्यावा मेरी दीदी जी,
दे द्यावा कचूर का बान हे….
दे द्यावा कचूर का बान हे…
माँगल गीत : सगुन बोल सगुन न्यूतो
(गढ़वाली)
औ बैठ कागा… हरिया बिरिछ…
औ बैठ कागा… हरिया बिरिछ…
बोल बोल कागा… चौदिसि सगुन…
बिचारा बरमा जी तै कागा की बोली…
बेदमुखी बरमा जी… बेद पढ़ला…
सगुनी कागा.. सगुन बोललो…
सगुनी कागा.. सगुन बोललो…
पिञ्जरी का सूवा.. अटारि का सूवा…
दे औ सूवा तू.. स्वागिण्यूँ न्यूतो…
सोना पंखी सूवा तू.. लाल ठोन्ट सूवा…
दे औ सूवा तू.. स्वागिण्यूँ न्यूतो…
दे औ सूवा तू.. स्वागिण्यूँ न्यूतो…
जण्दो नि छों मैं.. पछण्दो नि छों मैं…
कै घर.. कै देबि.. न्युतिकि औलो ?
कै घर.. कै देबि.. न्युतिकि औलो ?
बरमा जी क घर होली.. साबित्री देबि..
वे घर.. वीं देबि.. न्युतिकि ऐयी…
बिस्णु जी क घर होली.. लछमि देबि…
वे घर.. वीं देबि.. न्युतिकि ऐयी…
सिवजी जी क घर होली.. पारबती देबि…
वे घर.. वीं देबि.. न्युतिकि ऐयी…
वे घर.. वीं देबि.. न्युतिकि ऐयी…
दे औ सूवा तू.. स्वागिण्यूँ न्यूतो…
दे औ सूवा तू.. स्वागिण्यूँ न्यूतो…
(हिंदी)
आ बैठ कागा… हरे वृक्ष पर…
आ बैठ कागा… हरे वृक्ष पर…
बोल बोल कागा.. चारों दिशाओं का शुभ समाचार…
हे ब्राह्मण जी ! कागा कि बोली को समझे विचार करें…
वेदमुखी ब्रह्मा स्वरुप ब्राह्मण… वेद पढ़ेंगे…
शगुनी कागा.. शगुन बोलेगा…
शगुनी कागा.. शगुन बोलेगा…
हे पिंजरे के तोते हे.. अटारी के तोते…
जा विवाह के शुभ कार्य के लिए.. सुहागिनों को न्योता दे…
सोने की पंखों वाले.. लाल चोंच वाले तोते…
जा विवाह के शुभ कार्य के लिए.. सुहागिनों को न्योता दे…
जा विवाह के शुभ कार्य के लिए.. सुहागिनों को न्योता दे…
जानती नहीं हूँ.. पहचानती नहीं हूँ…
किस घर.. किस देवी.. को न्योता देकर बुलाऊँ ?
किस घर.. किस देवी.. को न्योता देकर बुलाऊँ ?
ब्रह्माजी के घर.. सावित्री देवी होंगी…
उस घर से.. उस देवी को.. न्योता देकर आना…
विष्णुजी के घर.. लक्ष्मी जी होंगी…
उस घर से.. उस देवी को.. न्योता देकर आना…
शिवजी के घर.. पार्वती देवी होंगी…
उस घर से.. उस देवी को.. न्योता देकर आना…
उस घर से.. उस देवी को.. न्योता देकर आना…
जा विवाह के शुभ कार्य के लिए.. सुहागिनों को न्योता दे…
जा विवाह के शुभ कार्य के लिए.. सुहागिनों को न्योता दे…
गढ़वाली माँगल गीत: "हल्दी बान", "कपड़ा पैरवाण", और "बिदै" के बोल
गढ़वाल के पारंपरिक विवाह समारोहों में गाए जाने वाले माँगल गीत, अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए हुए हैं। यह गीत बुजुर्ग महिलाएँ विशेष रूप से गाती हैं और विवाह की पवित्रता को बढ़ाते हैं। आइए, इन गीतों के बोल पढ़ें और उत्तराखंड की समृद्ध परंपरा का अनुभव करें।
हल्दी बान
दे द्यावा दे द्यावा मेरा बरमा जी,
दे द्यावा हल़दी का बान हे।
जिया रेयाँ जिया मेरा बरमा जी,
जौन दीनि हल़दी का बान हे।
दे द्यावा दे द्यावा मेरी माँजी हे,
दे द्यावा हल़दी का बान हे।
जिया रेयाँ जिया मेरी बडी जी,
जौन दीनि दै दूध का बान हे।
दे द्यावा दे द्यावा मेरी चची जी,
दे द्यावा घ्यू तेल़ का बान हे।
जिया रेयाँ जिया मेरा पुफू जी,
जौन दीनि चन्दन का बान हे।
दे द्यावा दे द्यावा मेरी भाभी जी,
दे द्यावा समोया का बान हे।
दे द्यावा दे द्यावा मेरी दीदी जी,
दे द्यावा कचूर का बान हे।
दे द्यावा कचूर का बान हे।
कपड़ा पैरवाण
न्हाई ध्वेकी, लाडी मेरी, फुरपूर्या ह्वेगे।
पैर पैर, लाडी मेरी, रेसमी कपड़ी।
बाबाजी तुम्हारा लैन बाजारू मोल्येकी,
माँजीन तुम्हारी पिटारी सजैई।
पैर पैर, लाडी मेरी, जरीन्द कपड़ी।
बडाजी तुम्हारा लैन हाटन मोल्येकी,
बडीजीन तुम्हारी पिटारी खोल्याली।
पैर पैर, लाडी मेरी, मोत्युँ जड़ित कपड़ी।
चचाजी तुम्हारा लैन देसून मोल्येकी,
चचीजीन तुम्हारी पिटारी सजाई।
न्हाई ध्वेकी, लाडी मेरी, फुरपूर्या ह्वेगे।
बिदै
काला़ डाण्डा पार बाबा, काली़ च कुयेड़ी।
यखुली यखुली लगली मैं डर।
काला़ डाण्डा पार बाबा।
पैली द्योलो लाडी त्वे सकिल जनित।
तब द्योलो लाडी त्वे हाथी अर घोड़ा।
यखूली नि भेजलो।
रोमन में माँगल गीत
Haldi Baan
De dyawa de dyawa mera Barma ji,
De dyawa haldi ka baan he.
Jiya reyaan jiya mera Barma ji,
Jaun dini haldi ka baan he.
De dyawa de dyawa meri maa ji he,
De dyawa haldi ka baan he.
Jiya reyaan jiya meri badi ji,
Jaun dini dai doodh ka baan he.
De dyawa de dyawa meri chachi ji,
De dyawa ghyu tel ka baan he.
Jiya reyaan jiya mera pufu ji,
Jaun dini chandan ka baan he.
De dyawa de dyawa meri bhabhi ji,
De dyawa samoya ka baan he.
De dyawa de dyawa meri didi ji,
De dyawa kachur ka baan he.
De dyawa kachur ka baan he.
Kapda Pairwaan
Nhai dhweki, laadi meri, furpurya hwege.
Pair pair, laadi meri, resmi kapdi.
Babaji tumhara lain bajaru molyeki,
Maaji tumhari pitari sajai.
Pair pair, laadi meri, jarind kapdi.
Badaji tumhara lain hatan molyeki,
Badiji tumhari pitari kholyali.
Pair pair, laadi meri, motyun jadit kapdi.
Chachaji tumhara lain desun molyeki,
Chachiji tumhari pitari sajai.
Nhai dhweki, laadi meri, furpurya hwege.
Bidaai
Kala danda paar baba, kali ch kuyerdi.
Yakhuli yakhuli lagli main dar.
Kala danda paar baba.
Pehli dyolo laadi twe sakil janit.
Tab dyolo laadi twe haathi ar ghoda.
Yakhuli ni bhejalo.
विशेष जानकारी
यह माँगल गीत उत्तराखंड की अनूठी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इसे विवाह समारोहों में गाना शुभ माना जाता है। हमें विश्वास है कि यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी रहेगा। अपनी राय और सुझाव नीचे कमेंट बॉक्स में साझा करें।
धन्यवाद।
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