माँ दुर्गा भजन संग्रह (Mother Durga Hymn Collection)

माँ दुर्गा भजन संग्रह

1. माँ की महिमा का स्तुति गान

सोम सोम दे भरे भण्डारे तेरे,
मंगल मेहर दा बख्शी दान माता,
बुध बुद्धि दे विच प्रकाश होवे,
वीर वीरता दा बख्शी दान माता।

शुक्र शुक्र करां तेरा हर वेले,
शनि शान्ति दे होन समान माता,
ऐतवार विश्वास यकीन होवे,
पूर्ण कर दो सारे काज माता।

ऐ माता मातेश्वरी, सर्व सुखों की खान,
मां देवन वाली एक है, मांगत कुल जहान।
आज वी तेरा आसरा, कल वी तेरी आस,
घडी घडी मां आसरा, ज्येष्ठ बारह मास।

मेरी दाती के दरबार में, सभी खड़े हाथ जोड़,
मां देवन वाली एक है, माँगत लख करोड़।
ऐत अम्बका जी, हिंगलाज ज्वाला माँ,
तेरा पर्वता दे विच दरबार मात।

सोम सरस्वती, कालका भद्रकाली,
तैनू सिमरदाऊ, कुल संसार माता।
मंगल मनसा देवी, तू है पिंड रानी,
समय समय ते लेवे अवतार माता।

बुध वीर दा भरी, महान शक्ति,
बगे शेर ते होवे सवार माता।
वीर वैष्णो देवी, नैना देवी मैया,
लखाँ भक्ता दिते ने तार माता।

शुक्र शक्ति भवानी, कृपालु है तू,
कई जालिमा नू, दिता है मार माता।
शनि शान्ति रूप, महान् दुर्गे,
तैनू भक्त सिमरण, सतेवार माता।
तेरे चरणा तो, जावां बलिहार माता,
रूप ईक ते, नाम अनेक तेरे।
मेहर करो मातेश्वरी, आये तेरे द्वार,
रख लाज दाती, आन के करते हैं नमस्कार।।


2. गोटेदार चुनरी

ये गोटेदार चुनरी निकली माँ ओढ़ के,
मेरे घर आई मईया मंदिर को छोड़ के।।

ब्रह्मा भी आए, विष्णु भी आए,
लक्ष्मी भी आई, मईया चुनरी को ओढ़ के।।
ये गोटेदार चुनरी निकली माँ ओढ़ के।।

राम भी आए, लक्ष्मण भी आए,
सीता भी आई, मईया चुनरी को ओढ़ के।।
ये गोटेदार चुनरी निकली माँ ओढ़ के।।

कृष्णा भी आए, दाउ भी आए,
राधा भी आई, मईया चुनरी को ओढ़ के।।
ये गोटेदार चुनरी निकली माँ ओढ़ के।।

शंकर भी आए, गणपति भी आए,
गौरा भी आई, मईया चुनरी को ओढ़ के।।
ये गोटेदार चुनरी निकली माँ ओढ़ के।।

दुर्गे भी आई, मईया कैला भी आई,
नौ बहनें आई संग चुनरी को ओढ़ के।।
ये गोटेदार चुनरी निकली माँ ओढ़ के।।

जय माँ दुर्गा, जय माँ भवानी,
तेरी महिमा सबसे निराली।।


3. कभी दुर्गा बन के, कभी काली बन के

कभी दुर्गा बन के, कभी काली बन के
चली आना मईया जी, चली आना।।

तुम सीता रूप में आना,
रामा को साथ ले आना।
हनुमत साथ ले के, धनुष हाथ ले के,
चली आना मईया जी, चली आना।।

कभी दुर्गा बन के, कभी काली बन के
चली आना मईया जी, चली आना।।

तुम राधा रूप में आना,
कृष्णा को साथ ले आना।
दाउ साथ ले के, बंसी हाथ ले के,
चली आना मईया जी, चली आना।।

कभी दुर्गा बन के, कभी काली बन के
चली आना मईया जी, चली आना।।

तुम गौरा रूप में आना,
भोला को साथ ले आना।
नंदी साथ ले के, डमरू हाथ ले के,
चली आना मईया जी, चली आना।।

तुम लक्ष्मी रूप में आना,
विष्णु को साथ ले आना।
गरुण साथ ले के, चक्र हाथ ले के,
चली आना मईया जी, चली आना।।

जय माँ दुर्गा, जय माँ भवानी,
तेरी महिमा सबसे निराली।।

1. चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।।

ऊँचे पर्वत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है।
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।।

सारे जग में एक ठिकाना, सारे गम के मारों का,
रास्ता देख रही है माता, अपने आँख के तारों का।
मस्त हवाओं का एक झोखा यह संदेशा लाया है।।

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।
जय माता दी॥ जय माता दी॥

जय माता की कहते जाओ, आने-जाने वालों को,
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पीछे वालों को।
जिसने जितना दर्द सहा है, उतना चैन भी पाया है।।

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।
जय माता दी॥ जय माता दी॥

वैष्णो देवी के मंदिर में, लोग मुरादें पाते हैं,
रोते-रोते आते हैं, हँसते-हँसते जाते हैं।
मैं भी माँग के देखूं, जिसने जो माँगा वो पाया है।।

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।
जय माता दी॥ जय माता दी॥

मैं तो भी एक माँ हूँ माता, माँ ही माँ को पहचाने।
बेटे का दुःख क्या होता है, और कोई यह क्या जाने।
उसका खून मैं देखूं कैसे, जिसको दूध पिलाया है।।

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।।


2. जय अम्बे गौरी आरती

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिवरी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

मांग सिंदूर विराजत,
टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना,
चंद्रवदन नीको॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कनक समान कलेवर,
रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला,
कंठन पर साजै॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

केहरि वाहन राजत,
खड्ग खप्पर धारी।
सुर-नर-मुनिजन सेवत,
तिनके दुखहारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

श्री अंबेजी की आरति,
जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी,
सुख-संपति पावे॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥


3. मुझे अम्बे मैया ने बुलाया

मुझे अम्बे मैया ने बुलाया
चली मै माँ के दर को चली
चली मै माँ के दर को चली

ऊँचे पर्वत माँ का द्वारा
भक्तों के जीवन का जो सहारा
मेरे बार बार सपनों में आया
चली मै माँ के दर को चली
मुझे अम्बे मैया ने बुलाया

चरणों में मैया के जाऊं बलिहारी
भक्तों के रक्षक संकटहारी
माँ के चरणों ने दीवाना बनाया
चली मै माँ के दर को चली
मुझे अम्बे मैया ने बुलाया

बाँवरी होई, कमली होई
प्रेम दीवानी, पगली होई
माँ की विरह ने इतना सताया
चली मै माँ के दर को चली
मुझे अम्बे मैया ने बुलाया

मन मेरे की यही अभिलाषा
हर दम तेरे दर्शन की आशा
मेरा जग से जी भर आया
चली मै माँ के दर को चली
मुझे अम्बे मैया ने बुलाया


जय माता दी! 🙏

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