bharat uttarakhand tehri garhwal (sab kuchh)भारत उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल (सब कुछ)

भारत उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल (सब कुछ) India Uttarakhand Tehri Garhwal (Everything) 

टिहरी गढ़वाल Tehri Garhwal 

जनपद - टिहरी

त्रिहरी शब्द से बना है। त्रिहरी मनसा, वाचा, कर्मणा रूपी तीनों पापों से मुक्ति का स्थल माना जाता है।

➣ पुराणों से विदित होता है कि गुरु वशिष्ठ मुनि अपनी पत्नी अरुंधति को साथ लेकर हिमदाव पर्वत में निवासित हुए वर्तमान में इसे हिंऊदाव कहते है।

➣ स्कन्द पुराण में यह जगह धनुवन्ती के नाम से उल्लिखित है।

➣ केदारखण्ड में धनुस्तीर्थ के रूप में वर्णित है।

➣ गोरखा काल के बाद इस क्षेत्र में टिहरी रियासत की नींव राजा सुदर्शन शाह ने रखी। (30 दिसम्बर, 1815 में)

➣ 1 अगस्त, 1949 को टिहरी को भारतीय संघ में शामिल कर जिला बनाया गया

➣ टिहरी शहर की एकमात्र शान एवं गौरव का प्रतीक घंटाघर को कीर्तिशाह ने 1897 में बनवाया था, जो कि महारानी विक्टोरिया हीरक जयंती की स्मृति में है।

➣ 1919 में नरेन्द्रशाह ने नरेन्द्र नगर की स्थापना की और राजधानी स्थानान्तरित की।

➣ त्रिहरी का अर्थ तीन जल या त्रिवेणी से भी माना जाता है। यहां पर भागीरथी, भिलंगना के अलावा पाताल गंगा का भी संगम होता है।

मुख्यालय- नई टिहरी

स्थापना वर्ष - 1949

पड़ोसी जिले/देश/राज्य
पूर्व में-पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर
पश्चिम में -रूद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी
उत्तर में -चीन
दक्षिण में -अल्मोड़ा, पौड़ी एवं बागेश्वर

क्षेत्रफल-3642वर्ग किमी
जनसंख्या-6,18,931(6.13%)
पुरुष- 297986
ग्रामीण-548792
शहरी- 70139
महिला- 320945
जनघनत्व-170

साक्षरता-76.36%
पुरूष-89.76%
महिला-69.28%
तहसीलें (12) - टिहरी, प्रतापनगर, घनसाली, देवप्रयाग, जाखणीधार, नरेन्द्रनगर, धनौल्टी, कण्डीसौंड़, गजा, नैनबाग, कीर्तिनगर, बालगंगा

विकासखण्ड (9) - चम्बा, थौलधार, प्रतापनगर, भिलंगना (घनसाली). जौनपुर(थत्यूड), जाखणीधार, देवप्रयाग (हिण्डोलाखाल), कीर्तिनगर नरेन्द्रनगर(फकोट)

लिंगानुपात- 1078 शिशु लिंगानुपात-897

विधानसभा सीटें- टिहरी, घनसाली SC, देवप्रयाग, नरेन्द्रनगर, प्रतापनगर, धनौल्टी (06)

टिहरी रियासत के समय प्रमुख वनान्दोलन
कुंजणी वन आन्दोलन- 1904
➣ कीर्तिशाह के समय।
➣ अंग्रेज सरकार को सहायता देने के लिए कर बढ़ाये गये टैक्स के कारण यह आन्दोलन हुआ।
➣ अमर सिंह के नेतृत्व में हुआ।
➣ स्वयं कीर्तिशाह ने आकर इसमें समझौता किया था।

खास पट्टी वन आन्दोलन- 1907
➣ 1906-07 में नये भूमि बन्दोबस्त के विरोध में।
➣ यह स्वतः स्फूर्त आन्दोलन था, फिर भी इसका नेतृत्व बेलमती देवी, भगवान सिंह बिश्ट एवं भरोसाराम द्वारा किया गया।
➣ इसी आन्दोलन का परिणाम था कीर्तिशाह द्वारा किसान बैंक का गठन किया।

असहयोग वन आन्दोलन- 1919-22
➣ मुख्यतः चमोली और पौड़ी में प्रसारित हुआ।
➣ 1915 में सौण्या सेर एवं बिसाऊ प्रथा के खिलाफ गोपाल सिंह राणा ने आन्दोलन शुरू किया था।
➣ श्री राणा को आधुनिक किसान आन्दोलनों का जनक माना जाता है।
➣ इस आन्दोलन का विस्तार ककोड़ाखाल, रमोली, सकलाना एवं पट्टी दशज्यूजा(चमोली) में लम्बे समय तक रहा।
➣ इस आन्दोलन का परिणाम स्वरूपथा 13 अप्रैल, 1921 को पी० विंडम की अध्यक्षता में फॉरेस्ट ग्रीवेंस कमेटी गठित हुई।

राजगढ़ी( बड़कोट) वन आन्दोलन- 1926-30
➣ 1926 में वर्किंग प्लान ऑफ टिहरी गढ़वाल स्टेट नामक
➣ कड़ा बन्दोबस्त लाया गया, जिसे वन बन्दोबस्त 1929 के नाम से जाना गया।
➣ इसके सृजनकार पद्म दत्त रतूड़ी तत्कालीन वन अधिकारी थे।
जौनपुर की प्रमुख सामाजिक प्रथायें
पड़ियाल प्रथा- गांवों में आपसी सहयोग हेतु श्रमदान की प्रथा।

ज्वाड़ प्रथा- यह महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार से सम्बन्धित प्रथा।

छूट प्रथा- विवाह विच्छेद सम्बन्धी महिला अधिकार

बहुपति प्रथा- यह जौनसार-जौनपुर की प्राचीन प्रथा है जो वर्तमान में समाप्ति के स्तर पर है।

सल्टवाड़ा प्रथा- लड़का पैदा होने पर उसके मामा के घर ले जाने की प्रथा।

मात प्रथा- बन्धुआ मजदूरी के तौर पर प्रचलित प्रथा, इसमें पीढ़ी दर पीढ़ी कर्जदारी बनी रहती है।

खलिक प्रथा- निम्न वर्ग के कामगारों को फसल पैदा होने पर अनाज देने की प्रथा। कुमाऊं में भी इस प्रकार की प्रथा विद्यमान है जिसे खलो देना कहा जाता है।

बुड़ियात प्रथा- रात भर जागरण या जागड़ा लगाये जाने की निम्नवर्ग से सम्बन्धी प्रथा।

चोहते प्रथा- खुशी अथवा शोक में बाजगी द्वारा विशेष प्रकार का संगीत बजाया जाता है।

ओड़ाल प्रथा- लड़की को भगाकर विवाह करने की प्रथा।

राज्य में स्थित प्रमुख तपोवन
1. तपोवन- मुनि की रेती
2. तपोवन- देहरादून
3. ढाक तपोवन- जोशीमठ
4. तपोवन लंगसी- जोशीमठ
5. तपोवन कलाप बदरी- मणिभद्रपुर
6. तपोवन- धारचूला
7. कलाप तपोवन- नेटवाड़
8. तपोवन- गंगोत्री
जिले के प्रमख आकर्षण
सिद्धपीठ हटकुणी- घनसाली(भिलंगना) विकासखण्ड में स्थित

चन्द्रबदनी मंदिर-चन्द्रकूट पर्वत पर स्थित।

सुरकण्डा देवी- बमुंड पट्टी में सुरकूट पर्वत पर स्थित। मान्यतानुसार इस स्थान पर माता सती का सिर गिरा था।

कुजापुरी- माता सती के सिद्धपीठों में से एक, यहां माता सती का कुन्ज अथवा वृक्ष गिरा था

बढ़ाकेदार- आदिगुरू शंकराचार्य द्वारा स्थापित, बालगंगा क्षेत्र में।

ज्वालामुखी- देवढुंग विनकखाल नामक स्थान पर स्थित देवी सिद्धपीठ।

बालखिलेश्वर- बालगंगा के तट पर स्थित।

कुम्हारी देवी-देवस्थल, टिहरी में।

सन्तुरा देवी- जौनपुर में मसूरी के निकट ।

मणिकनाथ मंदिर- फैगन पट्टी, भिलंगना ब्लॉक में।

ढूंढेश्वर महादेव मंदिर- अलकनन्दा तट पर कीर्तिनगर के निकट।

तिलका देवी-बाड़ासारी गांव, सिलवाड़ जौनपुर में

जिले की प्रमुख गुफाएं
1. वशिष्ठ गुफा
2. बुगडेश्वर गुफा
3. वामन गुफा
4. विश्वनाथ गुफा- हिंदाव पट्टी, केदार नाथ मार्ग पर। शंकराचार्य की तपस्थली।
जिले की प्रमुख नदियां
भिलंगना
➣ इसका उद्गम घुत्तू गांव, टिहरी के उत्तर में खतलिंग ग्लेशियर से होता है।
➣ यह गणेश प्रयाग में भागीरथी में मिलती है।
➣ इसकी सहायक नदियां- मेदगंगा, दूधगंगा, बालगंगा आदि है।
➣ दूधगंगा कालापानी हिमखण्ड से निकलती है। ➣ दूधगंगा खतलिंग ग्लेशियर के निकट से ही निकलती है।

बालगंगा-बालगंगा की भी एक सहायक नदी है धर्मगंगा जो बूढाकेदार में बालगंगा में मिलती है।

जलकुर नदी-
➣ हड़ाला पर्वत के बेलकखाल से निकलती है।
➣ भल्डियाना में भागीरथी नदी में मिल जाती है।
➣ इसे अलकनन्दा की भांति जलकनन्दा भी कहा जाता है।

अगलाड़-
➣ नागटिब्बा से निकलने वाली पाली नदी थत्यूड़ के बाद अगलाड़ कहलाती है।
➣ इसमें ही प्रसिद्ध सांस्कृतिक मौण मेला आयोजित होता है।
➣ यह यमुना पुल में यमुना नदी में मिल जाती है। इसकी सहायक नदियों में क्यारी गाड़, पाताल गाड़, रिंगाली गाड़, भिलडू गाड़, महत्वपूर्ण नदियां है।


भद्रीगाड् यह नदी भी नागटिब्बा पहाड़ी (ऐन्दी) से ही निकलती है। यमुनापुल के निकट ही यमुना में शामिल हो जाती है।

हिंवल/हेवल नदी
➣ चेलूसैण नागदेव डांडा से निकलती है।
➣ लंगूर, देऊलगाड़, गमेड़ा गाड़ इसकी सहायक नदियां हैं।
➣ इसकी घाटी में ही रानी कर्णावती ने सेना से मुगल लोहा लिया था।
जिले की प्रमुख परियोजनाएं
अंगूठा थाती परियोजना
भिलंगना परियोजना
रयात परियोजनआ
झाला कोटी परियोजना
लंगरासू परियोजना
कोट-बुड़ा केदार परियोजना
जिले की प्रमुख तालें/सरोवर
1.सहस्त्रताल
2. मासर ताल
3. जराल ताल
4. मंजाण ताल
5. कुश कल्याण ताल
6. खतलिंग ग्लेशियर- सुरेन्द्र सिंह पांगती एवं इन्द्रमणि बड़ौनी द्वारा खोजा गया। पुराणों में इसका नाम स्फटिक मिलता है। वर्ष 2017 में इसे ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित किया गया था। जिले के प्रमुख बुग्याल
1. जौराई बुग्याल बुग्याल
3. खारसोली बुग्याल
4. पंवाली कांठा
2. खतलिंग बुग्याल
जिले के प्रमुख त्यौहार एवं मेले
अल्मोड़िया मेला- मौगी का मेला भी कहते है, सिलवाड़ा, जौनपुर मे।
परोगी मेला- परोगी, जौनपुर में।
तिलका देवी मेला- वाडासारी, जौनपुर में।
त्याड़ मेला-बुंगधार, जौनपुर में।
भेड़ियान का मेला- देवीधार, जौनपुर में।
ख्यासी का मेला- ख्यासी, पालीगाड़, जौनपुर में।
जामटी मेला- दसजूला, जौनपुर में।
श्रीकोट की थोल- श्रीकोट में नागदेवता को समर्पित मेला।
सुरवाज का डांडा- ऐरी में नागदेवता को समर्पित
क्यूंसर का मेला- देवलसारी
दुबड़ी का मेला- जौनपुर एवं रवाई क्षेत्र में।
जाख का मेला- जौनपुर
रणभूत- नैलचामी पट्टी के ढेला गांव में कार्तिक मास में
नागटिब्बा का मेला- नागदेवता को समर्पित
सुरकण्डा मेला
शहीद नागेन्द्र सकलानी मोलू भरदारी विकास मेला-कीर्तिनगर में।
वीर गब्बर सिंह मेला-(21अप्रैल)
गुरू मणिकनाथ जात यात्रा
कुंजापुरी मेला
चन्द्रबदनी मेला
सेम-मुखेम मेला(26नवम्बर)
रवाई किसान विकास मेला- वीर माधौ सिंह के नाम पर मलेथा में।
जिले में संस्कृति एवं खेल
ऋतुरैण- चैत्र मास में चैती गीत के रूप में गाया जाता है।

हावड़ी का खेल- जौनपुर में हॉकी के स्वरूपतः खेला जाने वाला खेल।

मैला या होल्डा खेलना- दिवाली में आयोजित खेल।

लंगविर नृत्य-टिहरी एवं देहरादून के कुछ स्थानों पर बांस के डंडे के ऊपर पेट के बल किया जाने वाला नृत्य।

मण्डाण- रवाई एवं जौनपुर में शुभ अवसरों पर किया जाने वाला नृत्य। इसे केदार नृत्य भी कहते है।

जीतू बगड़वाल- टिहरी एवं चमोली में गाया जाने वाला पंवाड़े/जागर

लाल सिंह कत्यूरा- ये भी लोकदेवता के रूप में पूजित है।

सैयद- टिहरी में सैद/सैयद की जागर लगाई जाती है जो मुस्लिम मृतात्माओं से सम्बन्धित है।

सराई नृत्य

प्रमुख समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं
रियासत टिहरी गढ़वाल - 1901 में टिहरी रियासत के तत्कालीन राजा कीर्तिशाह ने मुद्रणालय की शुरूआत कर इस पत्र को शुरू करवाया।

सत्यवीर - 1928 टिहरी से ठाकुर हरदेव सिंह ने शुरू किया।

टिहरी टाइम्स -1973 बरफ सिंह रावत द्वारा शुरू।

उत्तराखण्ड - 1954 देवप्रयाग से हीरालाल बड़ोला ने शुरू किया।

तरूण हिन्द - 1975 योगेश्वर प्रसाद धूलिया -द्वारा।

कर्मयुग - 1974 ठाकुर किशोर सिंह पंवार द्वारा नरेन्द्रनगर

नैतिकी - 1978 महावीर सिंह गैरोला द्वारा।

हिमालय और हम - 1978 गोविन्द प्रसाद गैरोला।

हिम प्रवक्ता - 1983 नरेन्द्रनगर से कौशल्या रानी द्वारा।

त्रिहरि - टिहरी डैम के विरोध में 1985 से रघुवीर प्रसाद गैरोला द्वारा शुरू किया गया।

अतिरिक्त पत्र - शिखर संदेश, सुरकण्डा समाचार, गढ़ निनाद, नदी घाटी और पहाड़।

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

उत्तराखंड सामान्य ज्ञान,Uttarakhand General Knowledge, click 👇👇

  1. उत्तराखण्ड का सामान्य परिचय (General Introduction of Uttarakhand)uttarakhand ka samanya parichay
  2. उत्तराखंड का मध्यकालीन इतिहास(Medieval History of Uttarakhand)uttarakhand ka madhyakalin itihas
  3. उत्तराखंड में कृषि सिंचाई एवं पशुपालन(Agriculture Irrigation and Animal Husbandry in Uttarakhand)uttaraakhand mein krshi sinchaee evan pashupaalan
  4. उत्तराखण्ड की जलवायु एवं मृदा(Climate and soil of Uttarakhand) Climate and soil of Uttarakhand
  5. पृथक राज्य के रूप में उत्तराखंड की स्थापना (Establishment of Uttarakhand as a separate state)
  6. उत्तराखण्ड में अभयारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान(Sanctuaries and National Parks in Uttarakhand) uttaraakhand mein abhayaarany evan raashtreey udyaan
  7. उत्तराखंड में वन- सम्पदा(Forest wealth in Uttarakhand)uttaraakhand mein van- sampada
  8. उत्तराखण्ड की प्रमुख झीलें, ताल एवं ग्लेशियर(Major lakes, ponds and glaciers of Uttarakhand) uttaraakhand kee pramukh jheelen, taal evan gleshiyar
  9. उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाएं(Natural disasters in Uttarakhand)uttaraakhand mein praakrtik aapadaen
  10. उत्तराखंड में कृषि सिंचाई एवं पशुपालन(Agriculture Irrigation and Animal Husbandry in Uttarakhand) uttaraakhand mein krshi sinchaee evan pashupaalan
  11. उत्तराखंड में कृषि सिंचाई एवं पशुपालन(Agriculture Irrigation and Animal Husbandry in Uttarakhand) uttaraakhand mein krshi sinchaee evan pashupaalan
  12. उत्तराखंड का आधुनिक इतिहास (Modern History of Uttarakhand)
  13. उत्तराखंड की औद्योगिक संरचना (Industrial Structure of Uttarakhand)
  14. उत्तराखंड के धार्मिक स्थल (Religious Places in Uttarakhand)
  15. उत्तराखंड में नदियों का अपवाह तंत्र (Drainage system of rivers in Uttarakhand)
  16. उत्तराखंड में शिक्षा एवं स्वास्थ्य (Education and Health in Uttarakhand)
  17. उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल (Major tourist places in Uttarakhand)
  18. उत्तराखंड की लोक कला एवं संस्कृति (Folk art and culture of Uttarakhand)
  19. उत्तराखंड के पर्व त्योहार मेले एवं आभूषण (Festivals of Uttarakhand, Festivals Fairs and Jewellery)
  20. उत्तराखंड की अनुसूचित जातियां (Scheduled Castes of Uttarakhand)
  21. उत्तराखंड की भाषा एवं साहित्य (Language and Literature of Uttarakhand)
  22. उत्तराखंड की राजनीतिक एवं प्रशासनिक संरचना (Political and Administrative Structure of Uttarakhand)
  23. उत्तराखंड में परिवहन एवं जनसंचार व्यवस्था (Transport and Mass Communication System in Uttarakhand)
  24. उत्तराखंड में खेल प्रमुख पुरस्कार एवं सैन्य परंपरा (Sports Major Awards and Military Traditions in Uttarakhand)
  25. प्रमुख कल्याणकारी योजनाएं एवं कार्यक्रम (Major Welfare Schemes and Programmes)
  26. उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्तित्व(Major personalities of Uttarakhand)
  27. उत्तराखंड में खनिज एवं ऊर्जा संसाधन(Mineral and Energy Resources in Uttarakhand )
  28. उत्तराखंड जनांकिकी जनसंख्या (Uttarakhand Demographic Population)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

टिप्पणियाँ