टिहरी जनपद: प्रमुख त्यौहार, मेले और सांस्कृतिक धरोहर पीडीएफ के साथ - Tehri district: Major festivals, fairs, and cultural heritage with PDF
टिहरी जनपद के प्रमुख त्यौहार एवं मेले

प्रमुख त्यौहार एवं मेले
- अल्मोड़िया मेला (मौगी का मेला)स्थान: सिलवाड़ा, जौनपुरयह मेला टिहरी जनपद के जौनपुर क्षेत्र में स्थित सिलवाड़ा में आयोजित होता है और मौगी का मेला भी कहा जाता है। यह स्थानीय समुदाय की आस्था का प्रतीक है।
- परोगी मेलास्थान: परोगी, जौनपुरपरोगी गांव में आयोजित यह मेला स्थानीय देवताओं और धार्मिक आस्थाओं को समर्पित है। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलों का भी आयोजन होता है।
- तिलका देवी मेलास्थान: वाडासारी, जौनपुरयह मेला तिलका देवी मंदिर के पास आयोजित होता है और देवी तिलका की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। यह धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का प्रमुख केंद्र है।
- त्याड़ मेलास्थान: बुंगधार, जौनपुरबुंगधार क्षेत्र में आयोजित त्याड़ मेला जौनपुर के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह मेला धार्मिक आस्था और स्थानीय परंपराओं का संगम है।
- भेड़ियान का मेलास्थान: देवीधार, जौनपुरयह मेला देवीधार में आयोजित होता है और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ स्थानीय लोकगीतों और नृत्यों का भी प्रदर्शन किया जाता है।
- ख्यासी का मेलास्थान: ख्यासी, पालीगाड़, जौनपुरख्यासी में आयोजित यह मेला स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है।
- जामटी मेलास्थान: दसजूला, जौनपुरजौनपुर क्षेत्र का यह मेला धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिसमें स्थानीय लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
- श्रीकोट की थोलस्थान: श्रीकोटश्रीकोट में नागदेवता को समर्पित यह मेला धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रमुख स्थल है।
- सुरवाज का डांडास्थान: ऐरीनागदेवता को समर्पित इस मेले में धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक उत्सवों का आयोजन होता है। यहां नागदेवता की विशेष पूजा की जाती है।
- क्यूंसर का मेलास्थान: देवलसारीयह मेला धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, जहाँ स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
जिले की प्रमुख गुफाएँ
- वशिष्ठ गुफा
- बुगडेश्वर गुफा
- वामन गुफा
- विश्वनाथ गुफा
- यह गुफा हिंदाव पट्टी, केदारनाथ मार्ग पर स्थित है और शंकराचार्य की तपस्थली मानी जाती है।
जिले की प्रमुख नदियाँ
- भिलंगना नदीउद्गम: घुत्तू गांव, खतलिंग ग्लेशियर से।संगम: गणेश प्रयाग में भागीरथी से मिलती है।सहायक नदियाँ: मेदगंगा, दूधगंगा, बालगंगा।
- बालगंगा नदीयह नदी भी धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इसकी सहायक नदियाँ धर्मगंगा हैं, जो बूढ़ाकेदार में मिलती हैं।
- जलकुर नदीयह हड़ाला पर्वत के बेलकखाल से निकलती है और भागीरथी में मिलती है।
जिले में संस्कृति एवं खेल
टिहरी जनपद की संस्कृति विभिन्न प्रकार के नृत्य, गीत और खेलों से भरपूर है। यहाँ के लोग अपनी परंपराओं को जीवित रखने के लिए विभिन्न त्योहारों और आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। कुछ प्रमुख सांस्कृतिक पहलु निम्नलिखित हैं:
- ऋतुरैण गीतचैत्र मास में गाया जाने वाला यह गीत यहाँ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है।
- हावड़ी का खेलजौनपुर क्षेत्र में हॉकी के स्वरूप में खेला जाने वाला यह खेल स्थानीय निवासियों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
- मैला या होल्डा खेलनादिवाली के समय आयोजित होने वाला यह खेल स्थानीय युवाओं के बीच लोकप्रिय है।
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Frequently Asked Questions (FQCs) - टिहरी जनपद के प्रमुख त्यौहार एवं मेले
- टिहरी जनपद के प्रमुख मेले कौन-कौन से हैं?टिहरी जनपद के प्रमुख मेलों में अल्मोड़िया मेला, परोगी मेला, तिलका देवी मेला, त्याड़ मेला, भेड़ियान का मेला, ख्यासी का मेला, और जामटी मेला शामिल हैं।
- अल्मोड़िया मेला को और क्या नाम से जाना जाता है?अल्मोड़िया मेला को मौगी का मेला भी कहा जाता है और यह सिलवाड़ा, जौनपुर में आयोजित होता है।
- परोगी मेला कहाँ आयोजित होता है?परोगी मेला परोगी, जौनपुर में आयोजित होता है और यह धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में प्रसिद्ध है।
- तिलका देवी मेला का आयोजन कहाँ होता है?तिलका देवी मेला वाडासारी, जौनपुर में आयोजित होता है और यह तिलका देवी को समर्पित है।
- नागदेवता को समर्पित कौन-कौन से मेले हैं?नागदेवता को समर्पित मेलों में श्रीकोट की थोल (श्रीकोट), सुरवाज का डांडा (ऐरी), और नागटिब्बा मेला शामिल हैं।
- भेड़ियान का मेला किस स्थान पर आयोजित होता है?भेड़ियान का मेला देवीधार, जौनपुर में आयोजित होता है।
- क्यूंसर का मेला किस क्षेत्र में होता है?क्यूंसर का मेला देवलसारी में आयोजित होता है।
- टिहरी जनपद के प्रमुख त्यौहार कौन से हैं?टिहरी जनपद के प्रमुख त्यौहारों में होली, दिवाली, मकर संक्रांति, और चैती उत्सव शामिल हैं, जिनमें विशेष गीत और नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं।
- टिहरी जनपद में कौन सा लोकनृत्य प्रमुख है?टिहरी जनपद में मंडाण नृत्य, जो रवाई और जौनपुर क्षेत्र में किया जाता है, प्रमुख है। इसे केदार नृत्य भी कहा जाता है।
- टिहरी जनपद के प्रमुख खेल कौन-कौन से हैं?टिहरी जनपद में हावड़ी का खेल, मैला या होल्डा, और लंगविर नृत्य प्रमुख खेल और पारंपरिक शारीरिक गतिविधियों में शामिल हैं।
निष्कर्ष
टिहरी जनपद उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ के त्यौहार, मेले, नृत्य, और खेल न केवल इस क्षेत्र की परंपराओं को जीवित रखते हैं, बल्कि सांस्कृतिक विविधता का भी प्रतीक हैं। ये उत्सव स्थानीय लोगों को आपस में जोड़ते हैं और सामाजिक एकता को बढ़ावा देते हैं
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- टिहरी जनपद एक संक्षिप्त परिचय पीडीएफ के साथ.pdf
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