उत्तराखंड के वर्तमान परिदृश्य पर एक कविता
कविता:
उत्तराखंड कून खन आब ज्वॉन हैगौ
योंका युवाका न्यौति यौलै परेशान हैगौ।
हर साल जन्मबार मे खूब प्रोग्राम भया
बिकासा स्युना सालो बाद लै स्युना रया
आम आदमी वां निचोडियो निमवा हैगौ
उत्तराखंड कून खन आब ज्वॉन हैगौ।
राजधानी कौं हो यो सालो बठि चर्च छन
कैथे टेम नहा मूलभूत जरुरतो चर्च खन
भीतरे भीतर भलि कैं यो खोखलो हैगौ
उत्तराखंड कून खन आब ज्वॉन हैगौ।
कक्या भाई कि सारि बारि सरकार हैरे
शैद नया विकल्पे यौलै आब दरकार हैरे
सेठ भया राजा योंका गरीब प्रदेश हैगौ
उत्तराखंड कून खन आब ज्वॉन हैगौ।
जागि जा यो युवा उत्तरांखड बचुनौ छ
देवभूमि आब "राजू" सबोलै सजुनि छ
नया सोचैलै अघा बढ़ो आब जिलै हैगौ
उत्तराखंड कून खन आब ज्वॉन हैगौ।
~राजू पाण्डेय
अर्थ और विश्लेषण:
"उत्तराखंड कून खन आब ज्वॉन हैगौ" कविता उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति और चुनौतियों को उजागर करती है।
1. युवाओं की चिंता:
- कविता में उत्तराखंड के युवाओं की समस्याओं और उनके आक्रोश को व्यक्त किया गया है। वर्षों से विकास के नाम पर वादे किए गए हैं, लेकिन वास्तविकता में सुधार नहीं हुआ है।
2. विकास की स्थिति:
- जन्मबार के प्रोग्रामों और विकास की योजनाओं की चर्चा की गई है, लेकिन सालों बाद भी वास्तविक स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं दिख रहा है। आम आदमी की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
3. राजधानी और बुनियादी सुविधाएं:
- राजधानी में मूलभूत सुविधाओं की कमी और अंदरूनी समस्याओं को रेखांकित किया गया है। यह दिखाता है कि विकास के दावे खोखले हैं और वास्तविकता में स्थिति गंभीर है।
4. सार्वजनिक व्यवस्था और विकल्प:
- सरकार के बार-बार बदलने से स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। नई सोच और विकल्प की आवश्यकता को व्यक्त किया गया है, जो प्रदेश की समस्याओं का समाधान कर सके।
5. युवाओं की जागरूकता:
- कविता का अंत युवाओं के जागरूक होने और उत्तराखंड को बचाने की प्रेरणा के साथ किया गया है। युवाओं को नई सोच और सक्रियता के साथ प्रदेश की समस्याओं का समाधान करने की आवश्यकता है।
Keywords:
- युवाओं की समस्याएं
- विकास की स्थिति
- बुनियादी सुविधाएं
- सरकारी व्यवस्था
- नई सोच
"उत्तराखंड कून खन आब ज्वॉन हैगौ" कविता प्रदेश की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति की सच्चाई को उजागर करती है और युवाओं को समस्याओं के समाधान के लिए प्रेरित करती है। यह कविता एक कड़ा संदेश देती है कि सही बदलाव और विकास की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
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