एक वीडियो कॉल में गाऊं की ताजगी
कविता:
वीडियो कॉल मे तस्वीर देखी गै
मेरा गौं की मिकै खबर मिली गै।।
सीढ़ी दार गड़ा भिंडा, उच्चा उच्चा रुख
देखी मि भूलि गयुं, बॉर्डरै का दुख
सरु और सरु की ईजा देखी गै
वीडियो कॉल मे तस्वीर देखी गै
मेरा गौं की मिकै खबर मिली गै।।
पाथरे कुडी हामरी, पाखा सुकया गौत
बॉर्डर याद उछि, मिकै गौं कि भौत
घौम तापनि ईजा आमा देखी गै
वीडियो कॉल मे तस्वीर देखी गै
मेरा गौं की मिकै खबर मिली गै।।
उच्चा उच्चा डांडा काना, सेतो हिमाल
कसीकै काटिलो, माया को यो जाल
झूली फूली नारंगे डाली देखी गै
वीडियो कॉल मे तस्वीर देखी गै
मेरा गौं की मिकै खबर मिली गै।।
कैकि खुशखबरी छ, कैको लग्न काज
"राजू" खबर मिली, कॉल करि आज
नयी हय्यै गोरु कि बाछि देखी गै
वीडियो कॉल मे तस्वीर देखी गै
मेरा गौं की मिकै खबर मिली गै।।
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अर्थ और विश्लेषण:
"वीडियो कॉल में तस्वीर देखी गै" कविता एक भावनात्मक और व्यक्तिगत अनुभव को दर्शाती है, जिसमें कवि अपने गांव की खुशियों और जीवन की ताजगी को वीडियो कॉल के माध्यम से महसूस करता है।
1. गांव की तस्वीर:
- कविता में कवि अपने गांव की विभिन्न खूबसूरत और सजीव तस्वीरों को वीडियो कॉल के माध्यम से देखता है। यह दृश्य उसकी यादों और भावनाओं को ताजा कर देते हैं।
2. सीढ़ी दार गड़ा और ऊँचे पेड़:
- कविता में गांव की सीढ़ीदार गाड़ियों और ऊँचे पेड़ों की तस्वीरों का वर्णन किया गया है, जो कवि को अपने पुराने घर और वहाँ की यादों की ओर खींचते हैं।
3. पाथरे कुड़ी और सुक्खा गौत:
- पाथरे कुड़ी (पत्थर की घर) और सुक्खा गौत (खाली घर) की बात करके कवि अपने गांव की पुरानी परंपराओं और उनके बदलते हालात का उल्लेख करता है।
4. हिमालय और झूली फूली:
- कविता में हिमालय की ऊँचाइयों और नारंगी फूलों की झूली का दृश्य गांव की प्राकृतिक सुंदरता और शांति को दर्शाता है।
5. खुशखबरी और गोरु की बाछी:
- अंत में, कवि को गांव की खुशखबरी और नई गोरु की बाछी की जानकारी मिलती है, जो उसकी खुशी और गर्व को दर्शाती है।
Keywords:
- वीडियो कॉल
- गांव की तस्वीरें
- प्राकृतिक सुंदरता
- पारंपरिक जीवन
- खुशखबरी
"वीडियो कॉल में तस्वीर देखी गै" कविता एक सजीव चित्रण है, जो आधुनिक तकनीक के माध्यम से पारंपरिक और भावनात्मक जुड़ाव को दिखाती है। यह कविता गांव की खूबसूरती और वहाँ की खुशियों को व्यक्त करती है, जो कवि के दिल के बहुत करीब हैं।
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