कैंची धामः जहां जाने मात्र से ही संवर जाती है बिगड़ी तकदीर

 कैंची धाम :- 

 कैंची धामः जहां जाने मात्र से ही संवर जाती है बिगड़ी तकदीर

कैंची धामः जहां जाने मात्र से ही संवर जाती है बिगड़ी तकदीर


भारत में कई ऐसे पावन तीर्थ हैं, जहां पर श्रद्धा एवं भक्ति के साथ जाने मात्र से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। ऐसा ही एक पावन तीर्थ देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में है, जिसे लोग ‘कैंची धाम’ के नाम से जानते हैं। ‘कैंची धाम’ के नीब करौरी बाबा (नीम करौली) की ख्याति विश्व भर में है। बाबा के भक्तों का मानना है कि बाबा हनुमान जी के अवतार थे। नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यहां पर मांगी गयी मनौती पूर्णतया फलदायी होती है। यही कारण है कि देश-विदेश से हजारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं।


श्री हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले बाबा के इस पावन धाम पर पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन हर साल 15 जून को यहां पर एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। यहां इस दिन इस पावन धाम में स्थापना दिवस मनाया जाता है। बाबा नीब करौरी ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। बाबा 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था।

मान्यता है कि बाबा नीब करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चामत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। हालांकि वह आडंबरों से दूर रहते थे। न तो उनके माथे पर तिलक होता था और न ही गले में कंठी माला। एक आम आदमी की तरह जीवन जीने वाले बाबा अपना पैर किसी को नहीं छूने देते थे। यदि कोई छूने की कोशिश करता तो वह उसे श्री हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे। 


बाबा के भक्तों में एक आम आदमी से लेकर अरबपति-खरबपति तक शामिल हैं। बाबा के इस पावन धाम में होने वाले नित-नये चमत्कारों को सुनकर दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आॅफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। इनके अलावा हाॅलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं। 


बाबा नीब करौरी को कैंची धाम बहुत प्रिय था। अक्सर गर्मियों में वे यहीं आकर रहते थे। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया। उस मन्दिर में हनुमान की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं। यहां बाबा नीब करौरी की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयी है। बाबा नीब करौरी महाराज के देश-दुनिया में 108 आश्रम हैं। इन आश्रमों में सबसे बड़ा कैंची धाम तथा अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी स्थित टाउस आश्रम है।

कैची धाम नैनीताल – अल्मोडा मार्ग पर  नैनीताल से लगभग 17 किमी एवं भवाली से 9 किमी पर अवस्थित है


कैची धाम नैनीताल – अल्मोडा मार्ग पर  नैनीताल से लगभग 17 किमी एवं भवाली से 9 किमी पर अवस्थित है  । इस आधुनिक तीर्थ स्थल पर बाबा नीब करौली महाराज का आश्रम है  । 15 जून को पावन धाम में स्थापना दिवस मनाया जाता है। देश-विदेश से हज़ारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। बाबा नीब करौरी ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। बाबा नीब करौरी 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था।    कहा जाता है कि बाबा नीब करौली को भगवान हनुमान की उपासना करने के बाद अनेक चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त हुई थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। लेकिन बाबा साधारण तरीके से रहते थे और अपने पैर किसी को नहीं छूने देते थे।

कैची धाम नैनीताल – अल्मोडा मार्ग पर  नैनीताल से लगभग 17 किमी एवं भवाली से 9 किमी पर अवस्थित है




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