फूलदेई पर्व की शुभकामनायें *चला फूलारी फूलों को सौदा सौदा
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#यह #पर्व #बसन्त #ऋतु #के #स्वागत #का #त्यौहार #है। #कुमाऊँ-#गढ़वाल #में #इसे "#फूलदेई" #तथा #जौनसार-#बाबर #में "#गोगा" #कहा #जाता #है।
मेरे सभी प्रिय मित्रोँ को सादर नमस्कार और छोटे भाई बहनो को शुभ आशीष।
कल दिनाक 14-03-2021 को उत्तराखण्ड का विशेषकर कुमाऊं का एक बहुत सुन्दर त्यौहार है वह क्या है आपको पता है नहीं तो- वह त्यौहार है "फूल देई"। यह त्यौहार बच्चो के लिए विशेषकर कन्याओ के लिए बहुत खुशी का दिन होता है।
फूल देई का त्यौहार चैत्र मास की पहली तिथी को होता है। यह त्यौहार मानव एवं प्रकृति के समन्वय का त्यौहार है। आजकल विभिन्न प्रकार के फूल खिले रहते है। सनातन धर्म मे नव वर्ष भी चैत्र मास से ही प्रारम्भ होता है। चैत्र मास भिटौली का मास भी होता है। भिटौली के विषय मे बाद मे जानकारी साझा करंगे।
फूल देई के दिन घर पर देली लीप कर ऐपड दिये जाते है बच्चे विशेषकर कन्याऐ विभिन्न प्रकार के पुष्प जैसे बुरास, प्योली, भिटौर , हाजरी, गुलाब आदि एकत्रित कर निगाल की टोकरी या थाली मे चावल गुड रख कर देली की पुजा करते है। अपने घर मे देली पूजने के पश्चात अपने ईष्टमित्र पडौस में देली पूजते है। देली में फूल चावल डालकर कहते है- फूल देई छम्मा देई दैजी द्वार भर भकार य देई सौ बारम्बार नमस्कार ।( देली फूलो भरी और मंगलमय हो देली क्षमाशील अर्थात् सब की रक्षा करे। ) और लोग आशीष के रूप मे बच्चो को चावल गुड और पैसे देते है।
फूल देई की सभी बच्चो को अन्नत शुभकामनाओ के साथ आपका शुभचिन्तकशुभचिन्तका
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