राहु बीज मंत्र विधि और लाभ Rahu Beej Mantra Vidhi and Benefits

दुनिया में राहु ग्रह का नाम सुनते ही कई लोगों की रोंगटे 

ज्योतिष की दुनिया में राहु ग्रह का नाम सुनते ही कई लोगों की रोंगटे खड़ी हो जाती हैं। उसे अशुभ मानते हैं, परेशानियों का कारक। मगर क्या आप जानते हैं कि राहु ग्रह को खुश करना भी संभव है? जी हां, कुछ सरल उपायों से छाया ग्रह राहु की कृपा प्राप्त कर अपनी जिंदगी को सकारात्मक मोड़ दे सकते हैं।


  1. सकारात्मक रहें और परोपकार करें: राहु को धर्म और आध्यात्मिकता पसंद है। क्रोध, ईर्ष्या जैसे नकारात्मक भावों से दूर रहें। जरूरतमंदों की मदद करें, दान-पुण्य करें। इससे राहु प्रसन्न होते हैं।
  2. शिवजी की आराधना: भगवान शिव राहु के देवता माने जाते हैं। सोमवार को शिवजी का अभिषेक करें, "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें। इससे राहु की नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।
  3. गोमेद रत्न धारण करें: राहु का रत्न गोमेद है। ज्योतिषी की सलाह से इसे धारण करने से सौभाग्य, सफलता और मान-सम्मान बढ़ता है।
  4. कुत्ते को भोजन दें: राहु का संबंध काले कुत्तों से है। रोज़ाना काले कुत्ते को भोजन देना राहु को शांत करता है।
  5. शुक्रवार का व्रत रखें: शुक्रवार को व्रत रखने और मां लक्ष्मी की पूजा करने से राहु के दुष्प्रभाव कम होते हैं। आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
  6. राहु मंत्र का जाप करें: "ॐ रां राहवे नमः" मंत्र का नियमित जाप करने से राहु की कृपा प्राप्त होती है। मन-मस्तिष्क शांत होता है और आध्यात्मिक प्रगति होती है।

राहु बीज मंत्र विधि और लाभ - Rahu Beej Mantra

राहु बीज मंत्र विधि और लाभ -राहु और केतु छाया ग्रह होते हैं। इनको अदृश्य ग्रह भी कहा जाता है। राहु को नाग का मुख भी कहा जाता है। राहु ग्रह का प्रत्येक कुंडली में बहुत अधिक महत्व होता है। यह ग्रह कुंडली के जिस भाव में बैठता है, जिस राशि के साथ बैठता है और जिन ग्रहों पर अपनी दृष्टि डालता है, उन सबको प्रभावित करता है। कुंडली में राहु को शनि से भी अधिक पापी ग्रह माना गया है। राहु को शनि का छाया ग्रह कहा जाता है। राहु की तीन दृष्टियां जिन ग्रहों और भावों पर पड़ती है वह सब राहु से प्रभावित होते हैं। कुंडली में यदि राहु अच्छी स्थिति में हो तब भी यह व्यक्ति को गलत कार्यों से ही सफलता प्रदान करता है क्यूंकि राहु का कारक शराब, नशीली दवायें, जुआ-खाना, जेल, चरस, हस्पताल आदि होते हैं और यह योग कारक अर्थात बलि होने पर भी व्यक्ति को इन क्षेत्रों के द्वारा सफलता प्रदान करते हैं। राहु व्यक्ति की बुद्धि को चतुर तो करता है मगर राहु व्यक्ति की बुद्धि को उल्ट कार्यों में ही लगाता है। राहु के शुभ होने पर व्यक्ति शराबखाने, जुए, कीटनाशक दवाएं, हस्पताल, शमशानघाट या अन्य ऐसे कार्यक्षेत्रों में सफलता दिलाता है। राहु से प्रभावित व्यक्ति की वाणी थोड़ी कठोर होती है।  
यह तो बात हो गयी कि यदि कुंडली में राहु की स्थिति अच्छी हो तो राहु क्या फल देता है। मगर अब आपको बताते हैं कि यदि राहु की स्थिति कुंडली में अशुभ हो तब राहु व्यक्ति को गलत कार्य जैसे नशा करना, मानसिक परेशानी देना, शराब पीना, लड़ाई-झगड़े कराना, हस्पताल में भर्ती कराना आदि कष्ट देता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु अशुभ हो तब व्यक्ति को राहु की महादशा और अंतरदशा में बहुत कष्ट प्राप्त होते हैं। व्यक्ति इसकी दशा में बिना किसी कारण ही मानसिक परेशान रहने लगता है। राहु खुद की दशा में तो प्रताड़ित करता ही है मगर जिन ग्रहों पर अशुभ राहु की दृष्टि होती है उन ग्रहों की कुंडली में चाहे अच्छी स्थिति ही क्यों ना हो, वह ग्रह भी राहु से दृष्ट होकर अपनी महादशा और अंतरदशा में अच्छा फल देने में समक्ष नहीं रहते हैं। यदि कुंडली में राहु की स्थिति ख़राब हो तब राहु के बीज मंत्र से आप राहु को शांत कर सकते हो।

राहु बीज मंत्र-Rahu Beej Mantra 

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः  
ॐ रां राहवे नमः 
राहु ग्रह का मंत्र (Rahu Graha Mantra in Hindi): ऊं नमो अर्हते भगवते श्रीमते नेमि तीर्थंकराय सर्वाण्‍हयक्ष कुष्‍मांडीयक्षी सहिताय |

राहु बीज मंत्र विधि (Rahu Mantra Vidhi )

राहु के ऊपर बताए गए दोनों बीज मन्त्रों से आप किसी एक मंत्र का जाप कर सकते हो। आपको आगे मंत्र जाप करने की विधि बताते हैं।
  1. राहु मंत्र का जाप आपने किसी शनिवार वाले दिन से शुरू करना है।
  2. राहु मंत्र के जाप के लिए आपने रुद्राक्ष या काले स्फटिक की माला का प्रयोग करना है।
  3. पहले दिन जाप शुरू करने से पहले अपने गणेश पूजा, गुरु पूजा और कुलदेव की पूजा जरूर करनी है और जाप किसी आसन के ऊपर बैठ कर करना है।
  4. राहु बीज मंत्र का जाप शुरू करने से पहले जाप का संकल्प जरूर लें। संकल्प लेने की विधि आप हमारे पेज संकल्प की विधि पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हो।
  5. राहु मंत्र का जाप करते वक़्त 5 शनिवार वाले दिन मंत्र जाप करते वक़्त 1 चांदी के नागों का जोड़ा रखकर जाप करें। नागों को पहले गंगा जल से शुद्ध कर लेना है। पूजा के बाद उन नागों को किसी नाग मंदिर या शिव मंदिर में चढ़ा देना है। यह प्रक्रिया 5 शनिवार को करनी है।
  6. यदि आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है तब भी आप राहु के इस बीज मंत्र का जप करके निवारण कर सकते हो।
  7. राहु बीज मंत्र का जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करना है तभी लाभ होने वाला है।

राहु बीज मंत्र के लाभ (Rahu Beej Mantra Benefits)

राहु को सर्प का मुख कहा जाता है और इसकी कुंडली में स्थिति ख़राब होने पर व्यक्ति को मानसिक परेशानी और गलत कार्यों की तरफ रूचि बढ़ जाती है। व्यक्ति के सभी कार्यों में विघ्न पड़ने लगते हैं और किसी न किसी से लड़ाई-झगड़े भी होने की सम्भावना रहती है। कैदखाना भी राहु का कारक है इसलिए इसकी ख़राब दशा में व्यक्ति को जेल में भी जाना पड़ सकता है।
राहु बीज मंत्र से आप इन सबका निवारण कर सकते हो। राहु बीज मंत्र से व्यक्ति के ऊपर ऐसी कृपा होने लगती है कि व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध होने शुरू हो जाते हैं। राहु के बीज मंत्र से यदि व्यक्ति पर उनकी कृपा हो जाए तो व्यक्ति को अचानक लाटरी, गड़ा-धन या कही और से पैसे मिलते हैं। राहु की ख़राब दशा में यदि व्यक्ति को मानसिक परेशानी मिल रही है तो राहु के बीज मंत्र से आप इसका निवारण कर सकते हो।

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