सूर्य देव की कृपा से बन जाते हैं सारे बिगड़े काम (By the grace of Sun God, all the spoiled tasks get accomplished.)

सूर्य देव की कृपा से बन जाते हैं सारे बिगड़े काम

सूर्य देव: जीवन का आधार
सृष्टि में सूर्य देव का महत्व अतुलनीय है। वेदों में उन्हें "जगत की आत्मा" कहा गया है। विज्ञान भी यह मानता है कि सूर्य के बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं है। सूर्य से ही धरती पर जीवन संभव है, और इसी कारण वैदिक काल से सूर्य देव की उपासना का प्रचलन रहा है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य को सभी ग्रहों का अधिपति माना गया है। माना जाता है कि यदि नियमित रूप से सूर्य देव को जल चढ़ाया जाए, तो सभी ग्रह स्वतः ही अनुकूल हो जाते हैं। खासतौर पर रविवार के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करना बहुत ही शुभ माना गया है।


सूर्य की कृपा की पौराणिक कथा

पुराणों में सूर्य देव की कृपा से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं। ऐसी ही एक कथा एक वृद्धा के जीवन से संबंधित है:

वृद्धा की सूर्य उपासना

एक वृद्धा प्रत्येक रविवार को प्रातः स्नान कर अपने घर को गोबर से लीपती और उसे शुद्ध करती थी। इसके बाद वह भोजन बनाकर भगवान सूर्य को भोग लगाती और फिर स्वयं भोजन करती। यह क्रम वर्षों तक चलता रहा, और इस नियम के कारण उसका घर धन-धान्य से भरा रहा।

पड़ोसन की ईर्ष्या

उस वृद्धा को गोबर लाने के लिए पड़ोस की एक महिला की गाय का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन पड़ोसन ने ईर्ष्या के कारण अपनी गाय को घर में ही बांधना शुरू कर दिया। गोबर न मिलने पर वृद्धा रविवार के दिन घर को शुद्ध नहीं कर पाई और भूखी ही सो गई।

रात को सूर्य देव ने सपने में वृद्धा से इसका कारण पूछा। जब वृद्धा ने अपनी समस्या बताई, तो सूर्य देव ने उसे वरदान में एक अद्भुत गाय दी, जो सोने का गोबर करती थी। वृद्धा का जीवन सुखमय हो गया।

पड़ोसन की चालाकी

लेकिन पड़ोसन ने यह देख कर द्वेषवश राजा से शिकायत की। राजा ने वृद्धा की गाय को अपने महल में मंगवा लिया। लेकिन गाय के जाने से वृद्धा ने सूर्य देव के लिए अखंड व्रत रखा।

सूर्य देव का चमत्कार

राजा का महल गाय के गोबर से भरने लगा। सूर्य देव ने राजा को सपने में गाय लौटाने का आदेश दिया। राजा ने तुरंत गाय वापस कर दी और पड़ोसन को दंडित किया। साथ ही, सभी नगरवासियों को सूर्य देव की उपासना करने का आदेश दिया।


सूर्य उपासना के लाभ

  1. भाग्योदय: नियमित सूर्य उपासना से जीवन में सकारात्मकता आती है और भाग्योदय होता है।
  2. स्वास्थ्य: सूर्य की किरणें स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होती हैं।
  3. धन-धान्य की प्राप्ति: सूर्य देव की कृपा से घर में समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है।

सूर्य देव को जल अर्पित करने की विधि

  • प्रातः सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल भरें।
  • उसमें लाल फूल और चावल डालें।
  • पूर्व दिशा की ओर मुख करके "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करते हुए जल चढ़ाएं।

निष्कर्ष

सूर्य देव की कृपा से जीवन में सभी समस्याएं समाप्त हो सकती हैं। उनकी उपासना न केवल धर्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी है। रविवार के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करके उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय बनाएं।


क्या आपने भी सूर्य देव की उपासना की है? अपने अनुभव हमें कमेंट में बताएं।

सूर्य देव की कृपा से जुड़े FAQs

1. सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए क्या करें?
सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए रोज़ सुबह सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल फूल और चावल डालकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।

2. क्या रविवार के दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए?
हाँ, रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा और जल अर्पित करने से विशेष लाभ मिलता है।

3. सूर्य देव की कृपा से क्या लाभ होते हैं?
सूर्य देव की कृपा से भाग्योदय, स्वास्थ्य में सुधार, धन-धान्य की प्राप्ति, और जीवन में सुख-शांति आती है।

4. सूर्य देव की उपासना में कौन-कौन से मंत्रों का उपयोग किया जा सकता है?

  • "ॐ सूर्याय नमः"
  • "ॐ घृणि सूर्याय नमः"
  • आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ भी लाभकारी है।

5. अगर रोज़ जल अर्पित नहीं कर पाएं तो क्या करें?
यदि रोज़ जल अर्पित करना संभव न हो, तो रविवार के दिन जल अर्पित करना शुभ माना जाता है।

6. सूर्य देव की उपासना किस समय करनी चाहिए?
सूर्य देव की उपासना प्रातःकाल सूर्योदय के समय करनी चाहिए। यह समय ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है।

7. क्या सूर्य देव की उपासना से ग्रह दोष ठीक हो सकते हैं?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव की नियमित पूजा से कुंडली में सूर्य से जुड़े दोष समाप्त हो सकते हैं।

8. सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए उपवास कैसे रखें?
रविवार के दिन व्रत रखें। इस दिन नमक का सेवन न करें और सूर्य देव की आराधना करें।

9. सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कौन सा प्रसाद चढ़ाएं?
सूर्य देव को गुड़, गेहूं, और लाल फूल का भोग चढ़ाना शुभ माना जाता है।

10. क्या सूर्य की उपासना केवल हिंदू धर्म में होती है?
नहीं, सूर्य की उपासना कई धर्मों और संस्कृतियों में की जाती है, जैसे मिस्र की सभ्यता में 'रा' देवता और जापानी संस्कृति में 'अमातेरासु'।

11. सूर्य देव से जुड़ी कौन सी पौराणिक कथा प्रसिद्ध है?
एक प्रसिद्ध कथा में एक वृद्धा ने सूर्य देव की नियमित पूजा करके उनकी कृपा से अद्भुत गाय प्राप्त की, जो सोने का गोबर करती थी।

12. सूर्य देव को जल अर्पित करते समय कौन सी दिशा में मुख करना चाहिए?
सूर्य को जल अर्पित करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करना चाहिए।

13. क्या सूर्य देव की पूजा से रोगों का निवारण होता है?
जी हाँ, सूर्य की किरणों में रोग प्रतिरोधक शक्ति होती है। उनकी उपासना से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

14. सूर्य देव की उपासना का वैदिक महत्व क्या है?
वेदों में सूर्य को "जगत की आत्मा" कहा गया है और उनकी पूजा से ऊर्जा, समृद्धि, और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

15. सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए कौन सा पात्र उपयोग करें?
तांबे के लोटे का उपयोग करना सबसे शुभ माना जाता है।

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