सूर्य भगवान की पूजा, मंत्र, स्तुति, ध्यान और आराधना (Worship of the Sun God, mantras, hymns, meditation, and devotion.)
सूर्य भगवान की पूजा, मंत्र, स्तुति, ध्यान और आराधना
विनियोग मंत्र
- ॐ अस्य श्रीआदित्यहदयस्तोत्रमन्त्रस्य।
- श्रीकृष्ण ऋषिः श्रीसूर्यात्मा त्रिभुवनेश्वरो देवता।
- अनुष्टुप् छन्दः हरित हय रथं दिवाकरं घृणिरिति बीजम्।
- नमो भगवते जितवैश्वानर जातवेदसे इति शक्तिः।
- ॐ नमो भगवते आदित्याय नमः इति कीलकम्।
- ॐ नमो भगवते तुभ्यमादित्याय नमो नमः।
- शरीसूर्यनारायण प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः।
अङ्गन्यास मंत्र
- हां अहुष्ठाभ्यां नमः।
- हीं तर्जनीभ्यां नमः।
- हूं मध्यमाभ्यां नमः।
- ॐ हैं अनामिकाभ्यां नमः।
- हौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः।
- हः करतलकर पृष्ठाभ्यां नमः।
- ॐ हां हृदयाय नमः।
- हीं शिरसे स्वाहा।
- ॐ हूं शिखायै वषट्।
- हैं कवचाय हुम्।
- ॐ हों नेत्रत्रयाय वोषट्।
- हः अस्त्राय फट्।
ध्यान मंत्र
- भास्वद्रत्नाठ्यमौलिः स्फुरदधर रुचारज्जितश्चारू केशो,
- भास्वान् यो दिव्यतेजाः करकमलयुतः स्वर्णवर्णप्रभाभिः।
- विश्वाकाशावकाशग्रहपति शिखरे भाति यश्चोदयाद्रौ,
- सर्वानन्दप्रदाता हरिहरनमितः पातु मां विश्वचक्षुः॥
यंत्र मंत्र
- आदित्यं-भास्करं भानुं रविं सूर्य दिवाकरम्।
- मार्तण्डं तपनं चेति दलेष्वष्टसु योजयेत्।
सूर्य देवता के गुणमंत्र
- दीप्ताः सूक्ष्मा जया भद्रा विभूतिर्विमला तथा।
- अमोघा विद्युता चेति मध्ये श्रः सर्वतोमुखी।
सूर्य पूजा के विशेष मंत्र:
- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।
- ॐ घृणि सूर्याय नमः।
- जपाकुसुमसङ्काशं काश्यपेयं महाद्युतिम्।
तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्॥
विशेष पूजा मंत्र (संध्योपासना):
- ॐ सूर्याय चन्द्राय मंगलाय बुधाय च।
- गुरु शुक्र शनिभ्यश्च राहवे केतवे नमः॥
- सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्।
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यमहमाश्रये॥
श्री सूर्य गायत्री मंत्र:
- ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि।
तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्॥
नवग्रह मंत्र:
- ॐ जपाकुसुमसङ्काशं काश्यपेयं महाद्युतिम्।
तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्॥ - ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः भास्कराय नमः।
सप्ताश्वरथ स्तुति मंत्र:
- सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम्।
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यमहमाश्रये॥
सूर्य भगवान की पूजा, मंत्र, स्तुति, ध्यान और आराधना से जुड़े Questions and Answers (FQCs):
सूर्य पूजा से जुड़े सामान्य प्रश्न
Q1: सूर्य भगवान की पूजा का सही समय क्या है?
A1: सूर्य पूजा का सबसे उचित समय सुबह सूर्योदय के समय है। इस समय सूर्य को जल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
Q2: सूर्य को जल अर्पित करने का सही तरीका क्या है?
A2: तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल फूल, अक्षत, और गुड़ डालें। पूर्व दिशा की ओर मुख करके दोनों हाथों से जल अर्पित करें।
Q3: रविवार को सूर्य देव की पूजा का महत्व क्या है?
A3: रविवार सूर्य देव का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से स्वास्थ्य, धन, और सफलता में वृद्धि होती है।
Q4: सूर्य भगवान की पूजा में कौन-कौन से मंत्रों का जाप करें?
A4: निम्नलिखित मंत्रों का जाप कर सकते हैं:
- सूर्य गायत्री मंत्र: ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि। तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्।
- सूर्य बीज मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।
Q5: सूर्य पूजा के क्या लाभ हैं?
A5: सूर्य पूजा से स्वास्थ्य, आत्मबल, समृद्धि, और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह जीवन में ऊर्जा और सकारात्मकता लाती है।
सूर्य मंत्र और स्तुति से जुड़े प्रश्न
Q6: सूर्य गायत्री मंत्र का क्या महत्व है?
A6: सूर्य गायत्री मंत्र जीवन में ज्ञान, ऊर्जा, और शांति प्रदान करता है। इसका नियमित जाप मानसिक और शारीरिक शक्ति बढ़ाता है।
Q7: आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ क्यों करें?
A7: आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ रोगों को दूर करने, शत्रुओं पर विजय पाने और जीवन में सफलता के लिए किया जाता है।
Q8: सप्ताश्व रथ स्तुति मंत्र का क्या अर्थ है?
A8: यह मंत्र सूर्य देव के सात घोड़ों वाले रथ का वर्णन करता है, जो ऊर्जा और ज्ञान के प्रतीक हैं। इसका पाठ शक्ति और साहस प्रदान करता है।
Q9: सूर्य बीज मंत्र का क्या प्रभाव है?
A9: सूर्य बीज मंत्र का जाप आत्मबल बढ़ाता है, स्वास्थ्य सुधारता है, और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
Q10: सूर्य मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
A10: सूर्य मंत्र का जाप कम से कम 108 बार (1 माला) प्रतिदिन करना चाहिए।
सूर्य ध्यान और आराधना से जुड़े प्रश्न
Q11: सूर्य ध्यान कैसे किया जाता है?
A11: सूर्य ध्यान के लिए पूर्व दिशा की ओर बैठें। सूर्य देव का स्मरण करते हुए निम्नलिखित ध्यान मंत्र का जाप करें:
भास्वद्रत्नाठ्यमौलिः स्फुरदधर रुचारज्जितश्चारू केशो।
Q12: सूर्य आराधना में कौन-कौन सी सामग्री आवश्यक है?
A12: सामग्री में तांबे का लोटा, जल, लाल फूल, अक्षत, गुड़, और घी का दीपक शामिल हैं।
Q13: सूर्य यंत्र का क्या महत्व है?
A13: सूर्य यंत्र सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है और पूजा के दौरान इसे स्थापित करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
Q14: क्या सूर्य मंत्रों का जाप विशेष तिथि पर ही करना चाहिए?
A14: नहीं, सूर्य मंत्रों का जाप किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन रविवार, सप्तमी, और संक्रांति के दिन विशेष फलदायक माने जाते हैं।
Q15: सूर्य भगवान की आरती कब करनी चाहिए?
A15: सूर्य भगवान की आरती सुबह और शाम के समय की जा सकती है। विशेषतः सुबह सूर्योदय के समय आरती करना अधिक शुभ होता है।
सूर्य साधना और उपासना से जुड़े प्रश्न
Q16: सूर्य साधना के लिए कौन सा मंत्र सबसे प्रभावी है?
A16: सूर्य साधना के लिए ॐ घृणि सूर्याय आदित्याय नमः मंत्र सबसे प्रभावी माना जाता है।
Q17: क्या सूर्य देव की उपासना सभी कर सकते हैं?
A17: हां, सूर्य देव की उपासना सभी कर सकते हैं। यह किसी जाति, धर्म, या आयु का भेदभाव नहीं करती।
Q18: रोग निवारण के लिए कौन सा सूर्य मंत्र उपयुक्त है?
A18: ॐ जपाकुसुमसङ्काशं काश्यपेयं महाद्युतिम्। तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्॥ मंत्र रोग निवारण के लिए उपयुक्त है।
Q19: सूर्य भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए कौन से उपाय करें?
A19:
- रविवार को व्रत रखें।
- नियमित रूप से सूर्य को जल अर्पित करें।
- सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करें।
Q20: सूर्य उपासना से मानसिक शांति कैसे मिलती है?
A20: सूर्य उपासना मन को स्थिरता और सकारात्मकता देती है। ध्यान और मंत्र जाप से मानसिक तनाव कम होता है।
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