हरिद्वार जिला: एक सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र
भौगोलिक स्थिति
हरिद्वार जिला उत्तराखंड राज्य के पश्चिमी भाग में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 2360 वर्ग किलोमीटर है। यह अक्षांश 29.58 डिग्री उत्तर और देशांतर 78.13 डिग्री पूर्व पर स्थित है, तथा इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 249.7 मीटर है। हरिद्वार जिला 28 दिसंबर, 1988 को अस्तित्व में आया और यह पहले सहारनपुर मंडल का हिस्सा था। इसके पश्चिम में सहारनपुर, उत्तर और पूर्व में देहरादून, पूर्व में पौड़ी गढ़वाल, दक्षिण में मुजफ्फरनगर और बिजनौर जिले हैं। जिला मुख्यालय रोशनाबाद है, जो हरिद्वार रेलवे स्टेशन से 12 किमी की दूरी पर स्थित है।
हरिद्वार जिला प्रशासनिक रूप से चार तहसीलों में विभाजित है: हरिद्वार, रुड़की, लक्सर और भगवानपुर। इसके अलावा, इसमें छह विकास खंड हैं: भगवानपुर, रुड़की, नारसन, बहादराबाद, खानपुर, और लक्सर। 2011 की जनगणना के अनुसार, जिले की कुल आबादी 18,90,422 है। गंगा नदी के किनारे स्थित होने के कारण यहां जल संसाधनों की भरपूर उपलब्धता है, और यहां लगभग सभी प्रकार के अनाजों की खेती की जाती है।
इतिहास और धार्मिक महत्व
हरिद्वार, जिसे 'ईश्वर का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति और सभ्यता की बहुरूपदर्शिका प्रस्तुत करता है। इसे मायापुरी, कपिला और गंगाधर के नामों से भी जाना जाता है। यह देवभूमि चार धाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री) के प्रवेश के लिए एक केन्द्र बिंदु है।
किंवदंती के अनुसार, महान राजा भगीरथ ने गंगा नदी को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाने का कार्य किया, ताकि वह अपने पूर्वजों को मुक्ति प्रदान कर सकें। हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। हरिद्वार में हर छह साल बाद अर्ध कुंभ और हर बारह वर्ष बाद कुंभ मेला आयोजित होता है। इस मेले के दौरान, भक्त पवित्र गंगा में स्नान कर अमृत की बूँदों का लाभ उठाते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य
हरिद्वार का प्राकृतिक सौंदर्य अद्वितीय है। यहाँ हरे भरे जंगल, छोटे तालाब, और राजाजी राष्ट्रीय उद्यान स्थित है, जो प्राकृतिक प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है। हरिद्वार के प्रमुख घाटों पर हर शाम गंगा आरती का आयोजन होता है, जिसमें दीपकों की रोशनी से घाट जगमगाते हैं।
औद्योगिक और शैक्षिक विकास
हरिद्वार का केवल धार्मिक महत्व नहीं है, बल्कि यह एक आधुनिक औद्योगिक केंद्र भी बन चुका है। यहां भेल (भा.कृ.बि.) जैसे नवरत्न पीएसयू के साथ-साथ इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल एस्टेट (आईआईई) में कई उद्योग स्थापित हैं। रुड़की विश्वविद्यालय, जो विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित संस्थान है, यहां का एक अन्य प्रमुख शिक्षा केंद्र है।
कृषि उत्पादन
हरिद्वार जिले में गन्ना मुख्य फसल है, और यहां तीन चीनी मिलें स्थित हैं। इसके अलावा, आयुर्वेदिक दवाओं के क्षेत्र में पतंजलि, शांतिकुंज, और गुरुकुल कांगड़ी जैसे प्रमुख निर्माता कार्यरत हैं।
निष्कर्ष
हरिद्वार जिला अपनी समृद्ध संस्कृति, धार्मिकता, और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि शिक्षा और उद्योग का भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हरिद्वार की यात्रा करना एक अद्भुत अनुभव है, जो भक्तों, पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र बना रहेगा।
हरिद्वार जिले से संबंधित सामान्य प्रश्न (FAQs)
1. हरिद्वार जिले का क्षेत्रफल कितना है?
हरिद्वार जिले का क्षेत्रफल लगभग 2360 वर्ग किलोमीटर है।
2. हरिद्वार जिला कब अस्तित्व में आया?
हरिद्वार जिला 28 दिसंबर, 1988 को अस्तित्व में आया।
3. हरिद्वार जिले का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
हरिद्वार जिले का मुख्यालय रोशनाबाद में स्थित है, जो हरिद्वार रेलवे स्टेशन से 12 किमी की दूरी पर है।
4. हरिद्वार जिला किन-किन जिलों से घिरा है?
हरिद्वार जिला पश्चिम में सहारनपुर, उत्तर और पूर्व में देहरादून, पूर्व में पौड़ी गढ़वाल, और दक्षिण में मुजफ्फरनगर और बिजनौर जिलों से घिरा है।
5. हरिद्वार में मुख्य धार्मिक स्थल कौन-कौन से हैं?
हरिद्वार में हर की पौड़ी, चंडी देवी मंदिर, और मंशा देवी मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल हैं।
6. हरिद्वार में कौन-कौन से प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं?
हरिद्वार में कुंभ मेला, अर्ध कुंभ मेला, और दीपावली जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं।
7. हरिद्वार जिले की प्रमुख फसलें कौन सी हैं?
हरिद्वार जिले में गन्ना मुख्य फसल है, इसके साथ ही यहाँ विभिन्न प्रकार के अनाज भी उगाए जाते हैं।
8. हरिद्वार में प्रमुख शैक्षिक संस्थान कौन से हैं?
हरिद्वार में रुड़की विश्वविद्यालय और गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय प्रमुख शैक्षिक संस्थान हैं।
9. हरिद्वार जिले में क्या प्रमुख उद्योग हैं?
हरिद्वार जिले में आयुर्वेदिक दवाओं का उद्योग, जैसे कि पतंजलि, और चीनी मिलें प्रमुख हैं।
10. हरिद्वार में कैसे पहुँचें?
हरिद्वार में पहुँचने के लिए आप ट्रेन, बस, या निजी वाहन का उपयोग कर सकते हैं। हरिद्वार रेलवे स्टेशन प्रमुख रेलवे मार्गों से जुड़ा हुआ है।
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