पिरान कलियर: एक ऐतिहासिक नगर
पिरान कलियर, जिसे पहले हरिद्वार गढ़फग के नाम से जाना जाता था, एक ऐतिहासिक नगर है जिसका निर्माण 340-270 ई. पू. में राजा रामपाल द्वारा किया गया था। समय के साथ, इस नगर का नाम कई बार बदला गया। राजा जोधसेन ने इसे किकट हरिद्वार नाम दिया, और बाद में 1133 में राजा कल्याण पाल ने इसका नाम कलियर रखा।
इस नगर में मुस्लिम सूफी संतों की मजारें भी स्थित हैं, जिनमें हजरत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर, हजरत इमाम अबु मोहम्मद सालेह, हजरत शाह किलकिली और हजरत गायब शाह शामिल हैं। ये मजारें श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र हैं।
हर की पैड़ी
हर की पैड़ी, जो कि पिरान कलियर का एक प्रमुख स्थल है, पहले ब्रह्मा का पूजा स्थल था। यहां राजा श्वेत ने गंगावतरण के बाद ब्रह्मा की आराधना की थी। आज भी यह स्थान ब्रह्म कुण्ड के रूप में जाना जाता है, जहां मान्यता है कि कलश की बूंदें छलकी थीं।
महाराज भृतहरि ने यहां तप करके जीवन मुक्ति प्राप्त की थी, और उन्होंने नीतिशतक (भृतहरि श्रृंगार शक्ति) एवं वैराग्य शतक की रचना भी यहीं की थी। सम्राट विक्रमादित्य ने अपने बड़े भ्राता की स्मृति में इस घाट एवं सीढ़ियों का निर्माण करवाया।
रुड़की
रुड़की नगर का नाम रुडी नामक महिला के नाम पर रखा गया है। यह सोनाली नदी के तट पर बसा हुआ है और 1847 में थॉमसन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की स्थापना के साथ यह एशिया का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज बना।
रुड़की को इंजीनियरिंग का चमत्कारिक स्थल और इंजीनियर्स का मक्का भी कहा जाता है। यहां देश का सातवां आई.आई.टी. 21 सितंबर, 2001 को स्थापित किया गया था। इसके अलावा, रुड़की से 22 दिसंबर, 1851 को देश में पहली बार रेल सेवा शुरू हुई।
शिक्षा संस्थान
- गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय: 4 मार्च, 1902 को स्वामी श्रद्धानन्द द्वारा स्थापित, जिसे 1962 में विश्वविद्यालय का दर्जा मिला।
- गुरूकुल नारसन: 1939 में स्थापित संस्कृत पाठशाला, जिसे 1958 में कृषि डिग्री कॉलेज में परिवर्तित किया गया।
- आई.आई.टी. रुड़की: इसका ऐतिहासिक विवरण पहले से ही उल्लेखित है।
- राज्य लोक सेवा आयोग: 15 मई, 2001 को स्थापित।
- सिंचाई अनुसंधान संस्थान: 1928 में स्थापित, जिसे 1949 में अनुसंधान संस्थान का दर्जा मिला।
- राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान: 1979 में रुड़की में स्थापित।
इस प्रकार, पिरान कलियर एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर नगर है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में भी एक प्रमुख स्थान रखता है।
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