याज्ञवलकम् सूर्य कवचम् - सूर्य भगवान का रक्षात्मक कवच (Yajnavalkya Surya Kavach - The protective armor of Lord Sun.)

याज्ञवलकम् सूर्य कवचम् - सूर्य भगवान का रक्षात्मक कवच


प्रस्तावना:

याज्ञवल्क्य जी द्वारा बताए गए सूर्य कवच का विशेष महत्व है। यह सूर्य कवच शरीर को आरोग्य, समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करने वाला है। इस कवच को ध्यानपूर्वक और श्रद्धा से पाठ करने से न केवल शारीरिक कष्टों का निवारण होता है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और दीर्घायु का आशीर्वाद भी मिलता है। इस कवच का जाप करने से सूर्य देव के आशीर्वाद से व्यक्ति के सभी अंगों की रक्षा होती है और वह हर तरह के कष्टों से मुक्त हो जाता है।

सूर्य कवच के श्लोक और अर्थ:

  1. याज्ञवल्क्य उवाच:
    शृणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्‌। शरीरारोग्य्दं दिव्यं सर्व सौभाग्यदायकम्‌।
    अर्थ: याज्ञवल्क्य जी कहते हैं, हे मुनि! सूर्य के शुभ कवच को सुनो, जो शरीर को आरोग्य देने वाला और समस्त सौभाग्य प्रदान करने वाला है।

  2. देदीप्यमान मुकुटं स्फुरन्मकर कुण्डलम्‌। ध्यात्वा सहस्र किरणं स्तोत्र मेत्दु दीरयेत्‌।
    अर्थ: सूर्य भगवान का मुकुट दीप्तिमान है और उनके मकर के आकार के कुण्डल चमक रहे हैं। उनकी हजारों किरणों में ध्यान लगाकर यह स्तोत्र का जाप करें।

  3. शिरो में भास्करः पातु ललाट मेऽमितद्युतिः। नेत्रे दिनमणिः पातु श्रवणे वासरेश्वरः।
    अर्थ: मेरे सिर की रक्षा भास्कर करें और ललाट की रक्षा अमित तेज वाले सूर्य करें। मेरे नेत्रों की रक्षा दिनमणि करें और कानों की रक्षा वासरेश्वर करें।

  4. घ्राणं धर्म घृणिः पातु वदनं वेदवाहनः। जिह्यां मे मानदः पातु कण्ठं मे सुरवन्दितः।
    अर्थ: मेरे नाक की रक्षा धर्मधूणि करें, मुख की रक्षा वेदवाहन करें, जिह्वा की रक्षा मानद करें और कंठ की रक्षा देववन्दित करें।

  5. स्कन्धौ प्रभाकरः पातु वक्षः पातु जनप्रियः। पातु पादौ दादशात्मा सर्वाङ्ग सकलेश्वरः।
    अर्थ: मेरे कंधों की रक्षा प्रभाकर करें, छाती की रक्षा जनप्रिय भगवान करें, पैरों की रक्षा बारह आत्मा वाले करें और पूरे शरीर की रक्षा सर्वेश्वर करें।

  6. सूर्य रक्षात्मक स्तोत्रं लिखित्वा भूर्जपत्रके। दधाति यः करे तस्य वशगाः सर्व सिद्धयः।
    अर्थ: जो व्यक्ति सूर्य के इस रक्षात्मक स्तोत्र को भोजपत्र पर लिखकर अपने पास रखता है, उसके वश में सम्पूर्ण सिद्धियाँ होती हैं।

  7. सुस्नातो यो जपेत्‌ सम्यग्योधीते स्वस्थ मानसः। स रोग मुक्तो दीर्घायुः सुखं पुष्टि च विंदति।
    अर्थ: जो व्यक्ति स्नान करके और स्वस्थ मन से इस कवच का जाप करता है, वह रोगमुक्त हो जाता है, दीर्घायु प्राप्त करता है और उसे सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।

निष्कर्ष:

यह सूर्य कवच न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करता है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि भी लाता है। नियमित रूप से इस कवच का जाप करने से व्यक्ति को सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

FQCs" (Frequently Asked Questions) 


1. याज्ञवल्क्य सूर्य कवच क्या है?

याज्ञवल्क्य सूर्य कवच एक दिव्य स्तोत्र है जो भगवान सूर्य के आशीर्वाद से शारीरिक आरोग्य, सौभाग्य और दीर्घायु प्राप्त करने के लिए है। यह कवच व्यक्ति को शत्रुओं, रोगों और नकारात्मकता से बचाने में मदद करता है।


2. सूर्य कवच का पाठ करने से कौन से लाभ होते हैं?

सूर्य कवच का पाठ करने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक सुख-समृद्धि मिलती है। यह आरोग्य को बढ़ाता है, शत्रुओं से सुरक्षा करता है और जीवन में सुख और सौभाग्य लाता है।


3. सूर्य कवच का जाप किस समय करना चाहिए?

सूर्य कवच का जाप सुबह सूर्योदय के समय या रविवार को विशेष रूप से करना लाभकारी माना जाता है। यह समय सूर्य देवता की पूजा के लिए सबसे शुभ होता है।


4. क्या सूर्य कवच का जाप सभी के लिए अनिवार्य है?

नहीं, सूर्य कवच का जाप विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति चाहते हैं। हालांकि, यह किसी भी व्यक्ति द्वारा जाप किया जा सकता है।


5. सूर्य कवच के श्लोकों को सही तरीके से कैसे पढ़ें?

सूर्य कवच के श्लोकों को स्पष्ट उच्चारण और मन से ध्यान लगाकर पढ़ने से अधिक लाभ मिलता है। इस स्तोत्र को नियमित रूप से जाप करना चाहिए, खासकर मानसिक शांति और सुरक्षा के लिए।


6. सूर्य कवच को भोजपत्र पर लिखने से क्या लाभ होते हैं?

यदि सूर्य कवच को भोजपत्र पर लिखकर अपने पास रखा जाता है, तो यह व्यक्ति के जीवन में सिद्धियाँ प्राप्त करने, आंतरिक शांति और सफलता लाने में मदद करता है।


7. सूर्य कवच का जाप करते समय क्या विशेष ध्यान रखना चाहिए?

सूर्य कवच का जाप करते समय व्यक्ति को स्वच्छ होना चाहिए, मानसिक रूप से शांत रहना चाहिए, और ध्यान केंद्रित करके जाप करना चाहिए। स्नान के बाद यह जाप अधिक प्रभावी होता है।


8. सूर्य कवच का पाठ कैसे शरीर और मन को लाभ पहुंचाता है?

सूर्य कवच का पाठ शरीर को आरोग्य देता है, मन को शांति और संतुलन प्रदान करता है, और जीवन में सकारात्मकता का संचार करता है। यह नकारात्मकता को दूर करने में मदद करता है और समृद्धि प्राप्त करने के मार्ग खोलता है।


9. सूर्य कवच का पाठ किसे करना चाहिए?

सूर्य कवच का पाठ उन सभी व्यक्तियों के लिए किया जा सकता है जो शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति चाहते हैं, और जीवन में समृद्धि, आरोग्य और सुख की प्राप्ति चाहते हैं।


10. क्या सूर्य कवच का पाठ केवल धार्मिक उद्देश्य के लिए किया जाता है?

सूर्य कवच का पाठ केवल धार्मिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जाता, बल्कि यह एक आध्यात्मिक सुरक्षा कवच भी है, जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और भौतिक दृष्टिकोण से लाभ पहुंचाता है।

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