महादेव उद्धरण: शिव भक्ति का अमृत - Mahadev Quotes: Nectar of Shiva Bhakti

महादेव उद्धरण: शिव भक्ति का अमृत

महादेव उद्धरण: शिव भक्ति का अमृत - Mahadev Quotes: Nectar of Shiva Bhakti

यदि आप सच में देवों के देव महादेव से प्रेम करते हैं और उनके बारे में जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए है। महादेव की भक्ति, शक्ति और उनके प्रति प्रेम को व्यक्त करने के लिए मैंने कुछ अनमोल उद्धरण और विचार साझा किए हैं। महादेव के साथ मेरा एक विशेष बंधन है, इसलिए मैंने उनके लिए ये उद्धरण लिखने का निर्णय लिया। मुझे आशा है कि आप इन उद्धरणों का आनंद लेंगे और इन्हें अन्य महादेव भक्तों के साथ साझा करेंगे।


महादेव के प्रति भक्ति का इज़हार

  • भोले तेरी भक्ति की अनोखी छाया है,
    आया हूं जबसे आपकी शरण में,
    खुद को हर दुख से दूर पाया है।

  • ओम नमः शिवाय जपना ही मेरी पूंजी है,
    इनकी भक्ति के गीत गाओ यही मोक्ष की कुंजी है।

  • मैंने तेरा नाम लेके ही सारे काम किए हैं महादेव,
    और लोग समझते हैं कि बंदा किस्मत वाला है।

  • महाकाल की शक्ति अपरंपार है,
    इसी के प्रभाव से चला यह पूरा संसार है।

  • माया को चाहने वाला बिखर जाता है,
    और महादेव को चाहने वाला निखर जाता है।


महाकाल के प्रति प्रेम और विश्वास

  • शांति का वो श्रृंगार है,
    क्रोध का वो अंगार है।
    मेरी खुशियों पर महादेव का उपकार है।

  • भोले के दरबार में दुनिया बदल जाती है,
    रहमत से हाथ की लकीर बदल जाती है।
    जो लेता है दिल से महादेव का नाम,
    एक पल में उसकी तकदीर बदल जाती है।

  • बाबा अपने चरणों से मुझे लगाए रखो,
    तेरे सिवा इस दिल को और कोई नहीं भाता है।

  • खुल चुका है नेत्र तीसरा शिव शम्भू त्रिकाल का,
    इस कलयुग में वही बचेगा, जो भक्त होगा महाकाल का।


महादेव की प्रेरणा और शक्ति

  • जिनके मन में महादेव का आशीर्वाद है,
    वे हारने वालों में से कभी नहीं होते।

  • जब सुकून न मिले दिखावे की बस्ती में,
    तब खो जाना महाकाल की मस्ती में।

  • संकटों से लड़ने की सबसे बड़ी शक्ति,
    महादेव का आशीर्वाद है।

  • महादेव की भक्ति असफलता को सफलता में बदल सकती है।


महादेव की अद्वितीयता

  • जो अमृत पीते हैं उन्हें देव कहते हैं,
    और जो विष पीते हैं उन्हें देवों के देव महादेव कहते हैं।

  • शिव सृजन हैं और विनाश भी,
    शिव मंदिर हैं और शमशान भी।
    शिव आदि हैं और अनंत भी।

  • झुकता नहीं शिव भक्त किसी के आगे,
    वो काल भी क्या करेगा महाकाल के आगे।

  • कर्ता करे न कर सके, शिव करे सो होय।
    तीन लोक नौ खंड में, महाकाल से बड़ा न कोय।


संस्कृत में शिव उद्धरण

  • बन्धनस्थः आत्मा, बन्धनरहितः शिवः।
    त्वं मम जगत्, त्वं सर्वं जगत्।

  • त्वं सर्वकालस्य महान् कालः असि।
    पृथिव्यां अम्बरे च त्वमेव।

  • सत्यदर्पणं दर्शयसि सदा,
    हे महादेव, मम जीवनं तुभ्यं समर्पयामि।


हर हर महादेव!

महादेव के ये उद्धरण आपकी भक्ति को और गहरा करें। अगर ये उद्धरण आपको पसंद आए, तो इन्हें दूसरों के साथ साझा करें और महादेव की महिमा को फैलाएं।

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