श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा | Shri Vindhyeshwari Chalisa PDF, पाठ विधि, लाभ

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा | Shri Vindhyeshwari Chalisa PDF, पाठ विधि, लाभ

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा | Shri Vindhyeshwari Chalisa PDF, पाठ विधि, लाभ

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा एक अत्यंत शक्तिशाली और फलदायक स्तुति है, जो माँ विन्ध्याचल की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तों द्वारा श्रद्धा पूर्वक पढ़ी जाती है। यह चालीसा माता की महिमा, स्वरूप और कृपा का वर्णन करती है। इसे पढ़ने से जीवन के कष्टों का नाश होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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लेखक: जयदेवभूमि टीम | www.jaidevbhumi.com


📿 श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा पाठ विधि

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा के पाठ की विधि इस प्रकार है:

🌸 पाठ की विधि:

  1. शुभ मुहूर्त का चयन करें – जैसे नवरात्र, पूर्णिमा, अमावस्या, शुक्रवार आदि।

  2. शुद्ध स्थान पर पूजा करें – साफ और पवित्र स्थान पर आसन लगाएं।

  3. माता का चित्र या मूर्ति स्थापित करें – माँ विन्ध्येश्वरी के चित्र या मूर्ति के सामने बैठें।

  4. स्नान और शुद्धि – स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।

  5. दीपक और धूप जलाएं – माता को दीप और अगरबत्ती अर्पित करें।

  6. मंत्र जाप के साथ चालीसा पाठ करें – भक्ति भाव से चालीसा का पाठ करें।

  7. अंत में आरती करें – माता की आरती करके प्रसाद वितरित करें।

  8. नियम और भक्ति बनाए रखें – पाठ श्रद्धा और नियम से करें।


🙏 श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा

॥ दोहा ॥

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब ।
सन्त जनों के काज में करती नहीं विलम्ब ॥

॥ चौपाई ॥

जय जय जय विन्ध्याचल रानी, आदि शक्ति जग विदित भवानी ।
सिंहवाहिनी जय जगमाता, जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता ।।

कष्ट निवारिणी जय जग देवी, जय जय सन्त असुर सुर सेवी ।
महिमा अमित अपार तुम्हारी, शेष सहस मुख वर्णत हारी ।।

दीनन के दुख हरत भवानी, नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी ।
सब कर मनसा पुरवत माता, महिमा अमित जगत विख्याता ।।

जो जन ध्यान तुम्हारो लावै, सो तुरतहिं वांछित फल पावै ।
तू ही वैष्णवी तू ही रुद्रानी, तू ही शारदा अरु ब्रह्माणी ।।

रमा राधिका श्यामा काली, तू ही मातु सन्तन प्रतिपाली ।
उमा माधवी चण्डी ज्वाला, बेगि मोहि पर होहु दयाला ।।

तू ही हिंगलाज महारानी, तू ही शीतला अरु विज्ञानी ।
दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता, तू ही लक्ष्मी जग सुख दाता ।।

तू ही जाह्रवी अरु उन्त्राणी, हेमावती अम्ब निरवाणी ।
अष्ट भुजी वाराहिनी देवा, करत विष्णु शिव जाकर सेवा ।।

चौसट्टी देवी कल्यानी, गौरी मंगला सब गुण खानी ।
पाटन मुम्बा दन्त कुमारी, भद्रकालि सुन विनय हमारी ।।

वज्र धारिणी शोक नाशिनी, आयु रक्षिणी विन्ध्यवासिनी ।
जया और विजया बैताली, मात संकटी अरु विकराली ।।

नाम अनन्त तुम्हार भवानी, बरनै किमि मानुष अज्ञानी ।
जापर कृपा मात तब होई, तो वह करै चह्रै मन जोई ।।

कृपा करहु मोपर महारानी, सिद्ध करिए अब यह मम बानी ।
जो नर धेरै मात कर ध्याना, ताकर सदा होय कल्याना ।।

विपति ताहि सपनेहु नहिं आवै, जो देवी का जाप करावै ।
जो नर कहं ऋण होय अपारा, सो नर पाठ करे शतबारा ।।

निश्चय ऋण मोचन होई जाई, जो नर पाठ करे मन माई ।
अस्तुति जो नर पढ़ें पढ़ावै, या जग में सो अति सुख पावै ।।

जाको व्याधि सतावे भाई, जाप करत सब दूर पराई ।
जो नर अति बन्दी महँ होई, बार हजार पाठ कर सोई ।।

निश्चय बन्दी ते छुटि जाई, सत्य वचन मम मानहु भाई ।
जापर जो कछु संकट होई, निश्चय देविहिं सुमिरे सोई ।।

जा कहँ पुत्र होय नहिं भाई, सो नर या विधि करे उपाई ।
पाँच वर्ष सो पाठ करावे, नौरातन में विप्र जिमावे ।।

निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी, पुत्र देहिं ताकहँ गुणखानी ।
ध्वजा नारियल आन चढ़ावे, विधि समेत पूजन करवावे ।।

नित्य प्रति पाठ करे मन लाई, प्रेम सहित नहि आन उपाई ।
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा, रंक पढ़त होवे अवनीसा ।।

यह जनि अचरज मानहुँ भाई, कृपा दृष्टि जापर हुई जाई ।
जय जय जय जग मातु भवानी, कृपा करहु मोहिं पर जन जानी ।।

🌺 श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा पढ़ने के लाभ

  • जीवन के संकटों का नाश होता है।

  • माता की कृपा से ऋण मुक्ति प्राप्त होती है।

  • संतान प्राप्ति में सहायक।

  • रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ होता है।

  • कारावास से मुक्ति, यदि विधिपूर्वक 1000 बार पाठ किया जाए।

  • भक्त के जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है।


📥 श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा PDF Download

यदि आप श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा का PDF डाउनलोड करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए लिंक से प्राप्त करें:

🔗 श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा PDF (डाउनलोड करें)

(यहाँ आप अपनी वेबसाइट पर PDF फाइल लिंक करें।)


🔚 निष्कर्ष

श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा माँ की कृपा पाने का अत्यंत सरल और प्रभावशाली माध्यम है। यदि आप निष्ठा, नियम और भक्ति के साथ इसका पाठ करते हैं, तो निश्चय ही माँ आपकी हर मनोकामना पूर्ण करेंगी। माता विन्ध्येश्वरी सदा आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखें।

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